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Narco Test Raipur: नार्को एनालिसिस सेंटर खुलने से पुलिस को मिलेगी मदद, नहीं लगाने होंगे हैदराबाद के चक्कर

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Published : Mar 16, 2023, 10:34 PM IST

Narco Analysis Center in Raipur AIIMS
नार्को एनालिसिस सेंटर

छत्तीसगढ़ में अब पुलिस और जांच एजेंसियों को किसी भी मामले में आरोपियों के नार्को टेस्ट के लिए दूसरे राज्यों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे. अब छत्तीसगढ़ में भी नार्को एनालिसिस सेंटर खुलने जा रहा है. नार्को टेस्ट को लेकर कुछ मशीनें भी मंगाई जा चुकी है. यह सेटअप रायपुर एम्स में होगा, जहां टेस्ट किए जाएंगे.Narco Center Raipur

रायपुर: पुलिस को केस साल्व करने के लिए कई बार नार्को टेस्ट का सहारा लेना पड़ता है. छ्तीसगढ़ में फिलहाल ऐसी सुविधा न होने से पुलिस को नार्को टेस्ट के लिए हैदराबाद का चक्कर लगाना पड़ता था. इस पूरी प्रक्रिया में समय और पैसा ज्यादा लगता है. मगर अब छत्तीसगढ़ पुलिस का यह सिरदर्द खत्म होने वाला है, क्योंकि छत्तीसगढ़ में भी नार्को एनालिसिस सेंटर खुलने जा रहा है. रायपुर एम्स में नार्को टेस्ट से संबंधित कुछ मशीनें भी मंगाई जा चुकी हैं. इस बात का खुलासा खुद प्रदेश के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने किया है.

दूरी ज्यादा होने से जांच में होती थी दिक्कतें: रिटायर्ड एएसपी राजीव शर्मा बताते हैं कि "यदि किसी व्यक्ति पर पुलिस को किसी मामले में शक है, लेकिन साक्ष्य नहीं मिल पा रहे हैं तो उसके लिए नार्को टेस्ट किया जाता है. यहां सुविधा नहीं होने की वजह से स्थानीय पुलिस या जांच एजेंसी को हैदराबाद जाना पड़ता था. कई मामलों में आरोपी हैदराबाद जाने से मना भी कर देते हैं, जिससे जांच में पुलिस को काफी ज्यादा मशक्कत करनी पड़ती थी."

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ज्यादातर हाई प्रोफाइल केस में ही नार्को टेस्ट: नार्को टेस्ट का ज्यादातर उपयोग हाई प्रोफाइल केस में किया जाता है. छत्तीसगढ़ में कुछ ऐसे मामले हैं, जिसमें नार्को टेस्ट की मांग जोर शोर से हुई. कुछ मामले में नार्को टेस्ट भी हुए हैं. पुलिस और जांच एजेंसी जब जानकारी निकालने में असफल होती हैं तो नार्को टेस्ट का सहारा लेती हैं. हाल ही में हुए श्रद्धा मर्डर केस में जांच एजेंसियों ने नार्को टेस्ट का ही सहारा लिया था. इसी तरह कई हाई प्रोफाइल केस में इसका उपयोग किया जा चुका है, जिनमें से कई में मिले क्लू के सहारे केस भी साल्व हुए हैं.

आरोपी तक पहुंचने के बाद भी साक्ष्य न मिलने पर नार्को टेस्ट: रिटायर्ड वरिष्ठ पुलिस अफसर राजीव शर्मा कहते हैं कि "बहुत से मामले ऐसे होंते है कि आरोपी तक पहुंचने के बाद भी साक्ष्य नहीं मिल पाते. ऐसे में नार्को टेस्ट बहुत कारगार साबित होता है. यहां सुविधा नहीं होने की वजह से बाहरी राज्य की मदद लेनी पड़ती थी." रायपुर एसएसपी प्रशांत अग्रवाल कहते हैं कि "नार्को टेस्ट के यहां शुरू होने से ना केवल पुलिस को, बल्कि जांच एजेंसियों को भी बहुत ही फायदा होगा. इसके लिए अभी हैदराबाद जाना पड़ता है. बहुत से आरोपी तो बहाना बनाकर जाने से मना कर देते है, जिससे जांच में देरी होती है. इसकी शुरुआत होने से निश्चित तौर पर फायदा होगा और जल्द ही केस सॉल्व करने में भी मदद मिलेगी."


ऐसे किया जाता है नार्को टेस्ट: विशेषज्ञों के मुताबिक "नार्को टेस्ट के दौरान मनोचिकित्सक की भूमिका अहम होती है. वैज्ञानिक पद्धति से आरोपी की हिचक को कम किया जाता है. नींद की अवस्था में लाया जाता है. उसके बाद कुछ विशेष दवा इंजेक्शन के जरिए दिए जाते हैं. यह इंजेक्शन की डोज लिंग, आयु, स्वास्थ्य और शारीरिक स्थिति के आधार पर लगाया जाता है. इस दौरान विशेषज्ञ लगातार निगरानी करते हैं. ब्लड प्रेशर और पल्स यदि गिर जाए तो अस्थायी तौर पर ऑक्सीजन भी दिया जाता है."

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