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MP new excise policy : सस्ती होगी शराब, कांग्रेस बोली- जनता को नशे में रखना चाहती है शिवराज सरकार

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Published : Jan 19, 2022, 9:29 PM IST

excise policy
आबकारी नीति

मध्य प्रदेश सरकार ने नई आबकारी नीति (MP new excise policy) की घोषणा कर दी है. इसके तहत राज्य के बड़े शहरों के सुपर मार्केट में वाइन सेंटर खोले जाएंगे. प्रदेश के किसानों द्वारा उत्पादित अंगूर के उपयोग से राज्य में बनी वाइन पर ड्यूटी नहीं होगी.

भोपाल : प्रदेश सरकार ने नई आबकारी नीति जारी (MP new excise policy declared) करते हुए शराब ठेकेदारों के एकाधिकार को खत्म कर दिया है. अब शराब दुकानों के ठेके जिले भर की दुकानों का एक या दो समूह बनाकर नहीं दिए जाएंगे. एक के स्थान पर दो या पांच समूहों को ठेके दिए जाएंगे. सरकार का मानना है कि इससे प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, जिससे सरकार की झोली में ज्यादा राजस्व आएगा. साथ ही शराब के दामों में भी कमी आएगी. कांग्रेस ने सरकार की नई शराब नीति पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया है कि यह शिव'राज' की शराब पिलाओ नीति है ताकि जनता नशे में डूबी रहे और प्रदेश की खराब हालत से अनजान बनी रहे.

शिव'राज' की शराब नीति पर कांग्रेस ने उठाए सवाल
प्रदेश सरकार की शराब नीति पर कांग्रेस ने हमला बोला है. पूर्व सीएम कमलनाथ ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान कहा कि शिवराज सरकार की गई शराब नीति कोई नीति नहीं बल्कि शराब पिलाओ नीति है. उन्होंने कहा कि सरकार लोगों को नशे में रखना चाहती है ताकि जनता सच्चाई न जान सके, जनता प्रदेश की खराब हालत को लेकर सरकार से सवाल न कर सके.

कमलनाथ का बयान

कमलनाथ ने कहा कि इसीलिए शिवराज सरकार घर-घर शराब दुकान खुलवा कर शराब पिलाकर लोगों को नशे में रखना चाहती है ताकि लोग हकीकत ना जान सकें.

नई आबकारी नीति में कई बदलाव किए गए हैं

  • मदिरा की फुटकर विक्रय दरों में लगभग 20 प्रतिशत की कमी लाकर व्यावहारिक स्तर पर लाया जा सकेगा. इससे अगले 1 अप्रैल से शराब की कीमतों में कमी आएगी.
  • सभी जिलों की देशी-विदेशी मदिरा दुकानों का निष्पादन छोटे एकल समूहों के अनुरूप किया जा सकेगा.
  • समस्त मदिरा दुकानें कम्पोजिट शाप होंगी, जिससे अवैध मदिरा विक्रय की स्थितियां नहीं बनेंगी.
  • कलेक्टर एवं जिलों के विधायकगण की उच्च स्तरीय जिला समिति को उनके जिले की स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप मदिरा दुकानों के अनुरूप भौगोलिक दृष्टि से स्थान परिवर्तन कर अधिकार होगा.
  • प्रदेश के किसानों द्वारा उत्पादित अंगूर का उपयोग कर प्रदेश में बनी वाइन पर डयूटी नहीं होगी
  • देशी मदिरा प्रदाय व्यवस्था में प्रदेश के असवकों के मध्य जिलेवार निविदा बुलाई जा सकेगी। इस साल टेट्रा पैकिंग की दर भी बुलाई जा सकेगी.
  • राजस्व की क्षति रोकने के लिये ई-आबकारी व्यवस्था लागू होगी. इससे मदिरा का ट्रेक एंड ट्रेस, क्यूआर कोड स्कैनिंग, वैधता का परीक्षण आसान होगा.

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हेरिटेज मदिरा नीति में किये गये ये प्रावधान

  • महुआ के फूल से बनी मदिरा की पायलट परियोजना की अनुमति दी गई है. इसके बाद इसे मंत्रिमंडल की उप समिति के सामने प्रस्तुत किया जायेगा.
  • वर्ष 2022-23 में नये बार लाइसेंस की स्वीकृति शासन द्वारा निर्धारित मापदंडों के अनुरूप कलेक्टर स्तर से ही की जायेगी.
  • पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थलों पर इको टूरिज्म बोर्ड द्वारा संचालित इकाइयों, पर्यटन विकास निगम की अस्थाई स्वरूप की इकाइयों को रियायती दरों,सरल प्रक्रियाओं मापदंडों के आधार पर बार लाइसेंस दिये जा सकेंगे.
  • एमपी के सभी एयर पोर्ट पर विदेशी मदिरा विक्रय काउंटर खोला जा सकेगा.
  • इंदौर, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर में चयनित सुपर मार्केट में फिक्स लाइसेंस फीस पर वाइन विक्रय के काउंटर संचालित करने के लिये लाइसेंस जारी किये जा सकेंगे.
  • इंदौर और भोपाल में माइक्रो बेवरीज खोलने की अनुमति दी जायेगी लेकिन पर्यावरण, विदयुत विभागों और नगर निगम का अनापत्ति प्रमाण पत्र जरूरी होगा.
  • मदिरा आयात की प्रक्रिया को सरल बनाया जा सकेगा.
  • होम बार लाइसेंस दिया जा सकेगा जिसके लिये 50 हजार रुपये वार्षिक लाइसेंस फीस होगी. इसकी पात्रता उन्हीं को होगी जिनकी सकल व्यक्तिगत आय न्यूनतम एक करोड़ हो.
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