ETV Bharat / bharat

MP: ग्वालियर पुलिस का कारनामा, जिसे ड्रग्स बताया वह यूरिया निकला, DGP को 10 लाख हर्जाना भरने के आदेश

author img

By

Published : Apr 29, 2023, 1:35 PM IST

ड्रग्स तस्करी के एक केस में ग्वालियर पुलिस को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा है. ड्रग्स तस्करी में पकड़े गए 7 युवकों को पुलिस ने जेल भेज दिया था. अब खुलासा हुआ कि ये केस फर्जी था. एक आरोपी की जमानत याचिका पर हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान ये खुलासा हुआ. कोर्ट ने डीजीपी से पीड़ित को 10 लाख रुपये देने और जिम्मेदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का आदेश दिया है.

MP High court angry on Gwalior polic
जिसे ड्रग्स बताया वह यूरिया निकला, DGP को 10 लाख हर्जाना भरने के आदेश

ग्वालियर। मध्यप्रदेश पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर हाई कोर्ट ने कड़ी नाराजगी जाहिर की है. दरअसल, ग्वालियर के मुरार थाना पुलिस ने पिछले साल 6 सितंबर को ड्रग्स तस्करी के आरोप में 7 लोगों को गिरफ्तार किया था. सातों आरोपियों को जेल भेज दिया गया था. ये सभी आरोपी अभी जेल में ही हैं. पुलिस के अनुसार इनसे 760 ग्राम एमडीएमए जब्त किया गया था. इसकी कीम 72 लाख रुपये बताई गई थी. उस समय पुलिस ने अपनी इस कामयाबी पर खूब पीठ थपथपाई थी. लेकिन जांच में ये ड्रग्स नहीं बल्कि यूरिया निकला.

कुल सात आरोपी हुए गिरफ्तार : पुलिस ने ये भी दावा किया था ये ड्रग्स ग्वालियर के रेस्टोरेंट्स और फार्म हाउस पर होने वाली पार्टियों में खपाने के लिए मंगाया गया था. इस मामले में मुरार थाना पुलिस ने महिला सोनम राजपूत के अलावा सुरेंद्र दांगी, मोहित तिवारी, हृदेश कुशवाह, ओमप्रकाश बाथम, राहुल और सुनील परिहार को गिरफ्तार किया था. सात आरोपियों में से पांच दतिया रहने वाले हैं. सभी आरोपी अभी जेल में हैं. 8 माह बाद आरोपी आरोपी रोहित तिवारी ने अपने वकील के माध्यम से इस मामले में आर्टिकल 439 के तहत हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में याचिका दायर की.

याचिका में एफएसएल रिपोर्ट पेश करने की मांग : याचिका में रोहित तिवारी की तरफ से जब्त किए गए पदार्थ की एफएसएल रिपोर्ट कोर्ट के समक्ष पेश करने की मांग की गई. हाईकोर्ट ने याचिका स्वीकार कर रिपोर्ट मंगवाई. इस रिपोर्ट में पाया गया कि रोहित तिवारी से जब्त किया गया पदार्थ एमडीएमए ड्रग्स नहीं, बल्कि यूरिया है. आरोपी रोहित तिवारी के वकील सुनील गोश्वामी ने बताया कि हाईकोर्ट ने जांच रिपोर्ट में पाया कि जब्त किए गए पदार्थ यूरिया से आरोपी पर एनडीपीएस का मामला नहीं बनता. इसलिए यह एफआईआर गलत है, जिसे निरस्त किया जाए.

Also Read: ये खबरें भी पढ़ें...

पुलिस अफसरों को नसीहत : कोर्ट ने माना कि रोहित तिवारी को 9 माह तक़ कस्टडी में रखकर उसकी व्यक्तिगत स्वतंत्रता का हनन किया गया, जिसके लिए डीजीपी मुआवजे के रूप में 10 लाख रुपये दे. साथ ही इस मामले से जुड़े जांच अधिकारियों के लिए निर्देश दिए हैं कि इस तरह की गलती भविष्य में न हो. कोर्ट ने ये भी कहा कि यह सुनिश्चित करें कि इस मामले में दोषी पुलिस अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की जाए. याचिकाकर्ता के वकील सुनील गोश्वामी ने इस मामले में आरोपी रोहित तिवारी की तरफ से पैरवी की. इस मामले में एएसपी राजेश दंडोतिया का कहना है कि जो टेस्ट लैब में फेल हुआ है, उसकी जांच की जा रही है. न्यायालय से अनुमति लेकर दोबारा सैंपल की अनुमति ली जाएगी और उसे फिर जांच के लिए भेजेंगे.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.