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MP News: माता के पास जीत की अर्जी, विधानसभा व लोकसभा चुनाव के लिए अभी से बुकिंग, दो दर्जन से अधिक मंत्रियों का अनुष्ठान

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 17, 2023, 8:34 AM IST

Updated : Oct 17, 2023, 9:11 AM IST

Leaders application in Pitambara Devi Temple
माता के पास जीत की अर्जी, दो दर्जन से अधिक मंत्रियों का अनुष्ठान

अगले माह मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव हैं और अगले साल लोकसभा का चुनाव होंगे. ऐसे में अब नेता टिकट पाने के साथ ही चुनाव जीतने की कामना लेकर मां की दरबार पहुंच रहे हैं. विश्व प्रसिद्ध शक्ति पीठ और सत्ता की देवी कही जाने वाली दतिया स्थित मां पीतांबरा के दरबार में इन दिनों नेताओं की कतार लगी हुई है. मां के मंदिर में अभी से फरवरी तक अनुष्ठान की बुकिंग पूरी हो चुकी है. इसमें दर्जनभर मंत्री और अन्य बड़े नेता शामिल हैं.

माता के पास जीत की अर्जी, दो दर्जन से अधिक मंत्रियों का अनुष्ठान

दतिया। चुनाव जीतने के लिए जनता का आशीर्वाद तो चाहिए ही लेकिन जीत पक्की करने के लिए नेताओं में धार्मिक भावनाएं आजकल उमंगें ले रही हैं. चुनाव में उतरने वाले नेताओं ने लोगों से संपर्क बढ़ाना तेज कर दिया है. साम, दाम, दंड, भेद पर राजनीतिक कैरियर सुरक्षित रखने की इच्छुक नेता पूजा पाठ में भी पीछे नहीं हैं. यही कारण है कि दतिया स्थित विश्व प्रसिद्ध शक्तिपीठ मां पीतांबरा के दरबार में 100 से अधिक पंडित पूजा-पाठ और अनुष्ठान कराने में जुटे हैं. हालांकि अभी नवरात्रि का मौका है. इसलिए अनुष्ठानों की संख्या काफी अधिक है लेकिन इसमें अधिकतर नेताओं के अनुष्ठान हो रहे हैं.

रोजाना नेताओं का आना-जाना : मां पीतांबरा मंदिर से जुड़े पंडितों का कहना है कि यहां प्रदेश सरकार के दर्जनों मंत्री-विधायक और राजस्थान, उत्तर प्रदेश की एक दर्जन से अधिक मंत्रियों का नियमित रूप से आना-जाना होता है. केंद्रीय मंत्रियों का भी यहां आना-जाना लगा रहता है. उनके अनुष्ठान तो थोड़े-थोड़े अंतराल पर वर्षभर चलते रहते हैं. इन सभी के अपने पंडित हैं. अनुष्ठान के समापन पर आकर पूर्णाहुति करते हैं और कुछ नेता नवरात्रि में आकर खुद जाप करते हैं. इसके अलावा उनका कहना है कि रोज यहां पर विधायक और बड़े नेताओं का आना-जाना लगा रहता है.

नवरात्रि में अनुष्ठानों की संख्या बढ़ी : मां पीतांबरा पीठ के प्रशासनिक अधिकारी बीपी पाराशर का कहना है कि नवरात्रि में अनुष्ठानों की संख्या बढ़ जाती है. अभी अनुष्ठानों की बुकिंग हो चुकी है. हालांकि राजनीति से जुड़े अनुष्ठान को ट्रस्ट अनुमति नहीं देता है. ऐसे में ज्यादातर नेता अपने पंडितों को फोन करके अनुष्ठान के बारे में बता देते हैं. उसके बाद पंडित अपनी टीम के साथ अनुष्ठान को पूरा करके एक बार ही यजमान को बुलाते हैं. अभी मध्यप्रदेश, राजस्थान में चुनाव हैं. इसलिए नेताओं का आना-जाना काफी है. रोज कोई न कोई बड़ा नेता मां के दरबार में पहुंच रहा है.

पीतांबरा पीठ का महत्व : बता दें कि मां पीतांबरा के दरबार में अनुष्ठान शत्रु शमन के लिए खास माना जाता है. साधक बताते हैं कि अनुष्ठान का स्वरूप यजमान के संकल्प पर निर्भर करता हैं. साथ ही नियमित रूप से आने वाले नेता अनुष्ठान के लिए मोबाइल पर संकल्प करते हैं. वे जहां भी होते है वहा से अपने पंडितों को फोन लगाकर हाथ में सुपाड़ी और दक्षिणा रख लेते हैं और पंडित यहां से संकल्प करा देते हैं. गोरतलब है कि मध्य प्रदेश के दतिया जिले में विश्व प्रसिद्ध मां पीतांबरा शक्तिपीठ में मां बगलामुखी का रूप रक्षात्मक है और इन्हें राजसत्ता की देवी माना जाता है. इसी रूप में भक्त उनकी आराधना करते हैं. राजसत्ता से जुड़े नेता यहां आकर गुप्त रूप से पूजा करते हैं.

युद्ध के दौरान मां की आराधना : पीतांबरा पीठ की शक्ति का अंदाजा ऐसे लगाया जा सकता है कि 1962 में चीन ने जब भारत पर हमला किया तो दूसरे देशों ने सहयोग देने से मना कर दिया. उस समय के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को किसी ने दतिया के पीतांबरा पीठ में यज्ञ करने की सलाह दी. उस समय पंडित नेहरू दतिया आए और मंदिर में यज्ञ किया. उसके बाद जब भी देश के ऊपर संकट आया है, तब गोपनीय रूप में पीतांबरा पीठ में साधना व यज्ञ का आयोजन होता है. केवल भारत-चीन युद्ध ही नहीं, बल्कि 1965 और 1971 में भारत-पाक युद्ध के दौरान भी दतिया के शक्तिपीठ में विशेष अनुष्ठान किया गया.

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कारगिल युद्ध के दौरान भी मां की शरण : कारगिल युद्ध के समय भी अटल बिहारी वाजपेयी की ओर पीठ में एक यज्ञ का आयोजन किया गया और आहुति के अंतिम दिन पाकिस्तान को पीछे हटना पड़ा. पीतांबरा को राजसत्ता की देवी माना जाता है. इसी रूप में भक्त उनकी आराधना करते हैं. राजसत्ता की कामना रखने वाले भक्त यहां आकर गुप्त पूजा अर्चना करते हैं. मां पीतांबरा शत्रु नाश की अधिष्ठात्री देवी हैं और राजसत्ता प्राप्ति में मां की पूजा का विशेष महत्व होता है.

Last Updated :Oct 17, 2023, 9:11 AM IST
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