भोपाल। राजधानी भोपाल की नेशनल लॉ इंस्टीट्यूट यूनिवर्सिटी में 'यंग थिंकर्स कांक्लेव' को लेकर विवाद शुरू हो गया. इस कॉन्क्लेव में आलोचनात्मक सोच और खुले संवाद विषय पर चर्चा होनी थी जिसमें रावण के दस सिर रूपी उन लोगों को दिखाया गया है जो कहीं ना कहीं आलोचनात्मक सोच रखते हैं. इन 10 लोगों में कांग्रेस नेता शशि थरुर, कांचा इलैया, वेंडी डोनिगर, ऑड्रे टुश्के, देवदत्त पटनायक, इरफान हबीब, रामचंद्र गुहा, रमिला थापर, शेल्डन, मिशेल वित्जेल शामिल हैं. ऐसे में कई छात्र इसका विरोध भी कर रहे हैं तो कुछ इसके पक्ष में भी हैं.
![nliu bhopal young thinkers conclave controversy](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/02-10-2023/mp-bho-nlu_02102023163325_0210f_1696244605_296.jpg)
कई छात्रों ने किया विरोध: NLIU के छात्रों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि ''इस तरह से नफरत फैलाने वाले विषयों पर भाषण और सांप्रदायिकता को बढ़ावा देने वाले कार्यक्रम राष्ट्रीय स्तर की यूनिवर्सिटी परिसर में होना कहीं ना कहीं हानिकारक है और गलत भी होते हैं. क्योंकि इससे छात्रों में विभाजन की स्थिति भी पैदा होती है.'' वहीं, कुछ छात्रों का कहना है कि ''इस कार्यक्रम में भारत ही नहीं विदेश के उन लोगों के बारे में चर्चा और उनके विचारों पर खुले संवाद किए जाने थे जो कहीं ना कहीं आलोचनात्मक सोच रखते हैं. जबकि कुछ छात्र इस कॉन्क्लेव के समर्थन में हैं.
शशि थरूर सहित 10 लोगों को बताया रावण: यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्र रहे आनंद शर्मा का कहना है कि ''ऐसे आयोजन जरूर होने चाहिए, जिससे छात्रों को यह पता रहे कि आखिर जो देश के विरोध में या आलोचनात्मक बात करता है, उस पर चर्चा करना गलत नहीं है.'' आनंद के अनुसार ''जिन 10 लोगों के बारे में यहां चर्चा और संवाद किए जा रहे हैं और उन्हें रावण के सिर की तरह बताया गया है, वह पिछले कई समय में कहीं ना कहीं विरोधाभासी बयान दे चुके हैं और राष्ट्र को अपमानित भी कर चुके हैं. ऐसे में जो लोग भारत राष्ट्र को अपमानित करते हैं, उनके बारे में अन्य छात्रों को भी बताना जरूरी है.''
![nliu bhopal young thinkers conclave controversy](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/02-10-2023/mp-bho-nlu_02102023163325_0210f_1696244605_872.jpg)
छात्रों को हानिकारक विचारों के बचाना जरूरी: आनंद का कहना है कि ''यह विश्वविद्यालय की ही जिम्मेदारी होती है कि वह अपने छात्रों को ऐसा मंच प्रदान करें जिसके माध्यम से मंच पर हानिकारक विचारों और भाषण से उन्हें बचाया जा सके. इसलिए उन लोगों के बारे में छात्रों को बताया और समझाया जाना सही है, जिनके भाषण और विचार हानिकारक हैं.''
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विरोध के चलते कार्यक्रम निरस्त: इधर विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रों के विरोध के चलते इस कार्यक्रम को निरस्त करने का फैसला लिया. प्रबंधन का कहना है कि ''उन्होंने तो सिर्फ कार्यक्रम के लिए परिसर में जगह कराई थी, लेकिन प्रबंधन इस मामले में छात्रों के हित की बात कहता है. छात्रों को ऐसे लोगों के हानिकारक विचार बताना भी विश्वविद्यालय की जिम्मेदारी है, इसलिए इस कॉनक्लेव की अनुमति दी गई थी.''
छात्र ने की नारेबाजी: इस मामले में यंग थिंकर्स फर्म के डायरेक्टर आशुतोष ठाकुर के अनुसार ''इस कार्यक्रम का उद्देश्य सिर्फ 18 से 35 वर्ष के युवाओं के साथ संवाद करना था. इस बारे में कुछ छात्र कैंपस में आपत्ति भी उठाते हुए नजर आए. हम उनके साथ बैठकर बात कर रहे थे लेकिन कई बार वह नारेबाजी करते कार्यक्रम का बहिष्कार कर रहे थे, जिस वजह से हमने प्रबंधन से इस बारे में बात की.''