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रूस के राष्ट्रपति पुतिन बोले- मॉस्को ने कभी भी यूक्रेन के साथ शांति वार्ता से इनकार नहीं किया

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 22, 2023, 10:40 PM IST

Russian President Vladimir Putin
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन

भारत द्वारा आयोजित जी20 नेताओं के आभासी शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि रूस ने यूक्रेन के साथ शांति वार्ता से कभी मना नहीं किया है. पढ़िए ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवाददाता चंद्रकला चौधरी की रिपोर्ट... Russian President Vladimir Putin, G20 leaders virtual summit, Israel Hamas war

नई दिल्ली: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बुधवार को कहा कि मास्को ने यूक्रेन के साथ शांति वार्ता से कभी इनकार नहीं किया है. भारत द्वारा आयोजित जी20 नेताओं के आभासी शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए पुतिन ने कहा, 'यह रूस नहीं है, बल्कि यूक्रेन है जिसने सार्वजनिक रूप से घोषणा की है कि वह वार्ता प्रक्रिया से हट रहा है. इसके अलावा राष्ट्र के प्रमुख द्वारा रूस के साथ ऐसी वार्ता पर रोक लगाने वाले एक डिक्री पर हस्ताक्षर किए गए थे.'

उन्होंने कहा कि यह युद्ध और जानमाल की हानि सदमे के अलावा कुछ नहीं हो सकती. उन्होंने कहा कि क्या 2014 में यूक्रेन में खूनी तख्तापलट और उसके बाद डोनबास में अपने लोगों के खिलाफ कीव शासन का युद्ध चौंकाने वाला नहीं है? क्या फिलिस्तीन में, गाजा पट्टी में नागरिक आबादी का विनाश आज चौंकाने वाला नहीं है? पुतिन ने कहा कि क्या यह चौंकाने वाली बात है कि डॉक्टरों को बिना एनेस्थीसिया दिए बच्चों का ऑपरेशन करना पड़ता है, पेट की सर्जरी करनी पड़ती है और बच्चे के शरीर पर स्केलपेल का इस्तेमाल करना पड़ता है? क्या यह चौंकाने वाली बात नहीं है कि संयुक्त राष्ट्र के महासचिव ने कहा कि गाजा बच्चों के लिए एक विशाल कब्रिस्तान में बदल गया है ?.

पुतिन ने इस बात पर प्रकाश डाला कि वैश्विक अर्थव्यवस्था और पूरी दुनिया की स्थिति के लिए सामूहिक, सर्वसम्मति वाले निर्णयों की आवश्यकता है जो विकसित और विकासशील दोनों देशों - अंतरराष्ट्रीय समुदाय के भारी बहुमत की राय को प्रतिबिंबित करते हैं. उन्होंने शिखर सम्मेलन में कहा कि दुनिया क्रांतिकारी परिवर्तन की प्रक्रियाओं से गुजर रही है. वैश्विक आर्थिक विकास के नए शक्तिशाली केंद्र उभर रहे हैं और मजबूत हो रहे हैं. साथ ही वैश्विक निवेश, व्यापार और उपभोग गतिविधि का एक महत्वपूर्ण हिस्सा एशियाई, अफ्रीकी और लैटिन अमेरिकी क्षेत्रों में स्थानांतरित हो रहा है, जहां अधिकांश दुनिया की आबादी रहती है.

उन्होंने बताया कि मुफ्त रूसी अनाज के साथ पहला जहाज जरूरतमंद देशों के लिए अफ्रीका भेजा गया था. जलवायु परिवर्तन से निपटने के वैश्विक प्रयासों में एक जिम्मेदार भागीदार के रूप में पुतिन ने कहा कि रूस 2060 से पहले कार्बन तटस्थता हासिल करने की योजना बना रहा है.उन्होंने आगे कहा कि अंतरराष्ट्रीय सामाजिक-आर्थिक एजेंडे पर वास्तव में महत्वपूर्ण मुद्दों के समाधान खोजने पर जी20 सदस्य देशों की गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए बहुत कुछ किया गया है. उन्होंने कहा कि यही कारण है कि जी20 को वैश्विक अर्थव्यवस्था और वित्त के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण बहुपक्षीय शासन संरचना के रूप में बनाया गया था.

पुतिन ने कहा कि कुछ सहकर्मी पहले ही अपने भाषणों में कह चुके हैं कि वे यूक्रेन में रूस की जारी आक्रामकता से हैरान हैं. हां, निश्चित रूप से, सैन्य कार्रवाई हमेशा विशिष्ट लोगों, विशिष्ट परिवारों और पूरे देश के लिए एक त्रासदी होती है. और, निश्चित रूप से, हमें इस बारे में सोचना चाहिए कि इस त्रासदी को कैसे रोका जाए. रूसी राष्ट्रपति ने दोहराया कि मॉस्को संयुक्त राष्ट्र चार्टर के मानदंडों और कॉलेजियम और पारस्परिक रूप से सम्मानजनक टीम वर्क के सिद्धांतों के आधार पर खुले और पारस्परिक रूप से लाभप्रद अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग की भावना को बहाल करने के लिए खड़ा है. उन्होंने कहा कि वैश्विक आर्थिक प्रशासन की प्रणाली का प्रभावी अनुकूलन हासिल करना महत्वपूर्ण है, अर्थात् डब्ल्यूटीओ को उसके मध्यस्थता कार्य सहित पूर्ण रूप से फिर से शुरू करना.

पुतिन ने कहा कि हम जी20 के साथ-साथ ब्रिक्स संघ सहित अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के भीतर इन गंभीर समस्याओं को हल करने के लिए मिलकर काम करने के लिए तैयार हैं. बता दें कि रूसी राष्ट्रपति ने जी20 वर्चुअल लीडर शिखर सम्मेलन में भाग लिया, वहीं चीनी राष्ट्रपति शी और अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन भारत द्वारा आयोजित बैठक में शामिल नहीं हुए.

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