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Monkeypox Advisory in MP: मंकीपॉक्स को लेकर MP में अलर्ट, कलेक्टर और CMHO को एडवाइजरी जारी

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Published : May 29, 2022, 11:04 PM IST

Monkeypox Advisory in MP
मंकीपॉक्स को लेकर मध्यप्रदेश में एडवाइजरी जारी

मध्य प्रदेश में मंकीपॉक्स को लेकर एडवाइजरी जारी कर दी गई है. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि मंकीपॉक्स दुनियाभर में कहर बरपा रहा है, लेकिन मध्य प्रदेश में अभी मंकीपॉक्स का कोई भी मरीज नहीं मिला है. ऐसे में लोगों को बेवजह दहशत में आने की जरूरत नहीं है, लेकिन सावधानी बरतना जरूरी है.

भोपाल। मंकीपॉक्स को लेकर मध्य प्रदेश में भी एडवाइजरी जारी कर दी गई है. इसमें साफ तौर पर कहा गया है कि यह वायरस जानवरों के जरिए इंसानों में और फिर इंसानों से इंसानों तक पहुंच रहा है. यह मनुष्य में नाक, आंख, मुंह के माध्यम से उसके शरीर में प्रवेश करता है. ऐसे मे इसके प्रति सचेत रहने की जरूरत है. वहीं मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य अधिकारी कहते हैं कि फिलहाल मध्यप्रदेश में इसके मामले नहीं हैं, लेकिन फिर भी सतर्कता बरतने की जरूरत है.

Monkeypox Advisory in MP
मंकीपॉक्स को लेकर मध्यप्रदेश में एडवाइजरी जारी

कलेक्टर और सीएमएचओ को एडवाइजरी जारी: दुनिया भर में तेजी से फैल रहा मंकीपॉक्स 20 से अधिक देशों में अपना कहर बरपा चुका है. अब तक लगभग 315 से अधिक मामलों में इसकी पुष्टि हो चुकी है. अभी तक तो कोरोना का ही खतरा दुनिया भर में था. लेकिन मंकीपॉक्स ने भी सभी को दहशत में ला दिया है. ऐसे में मध्य प्रदेश के हेल्थ कमिश्नर सुदाम खाड़े ने इसको लेकर सभी कलेक्टर और सीएमएचओ को एडवाइजरी जारी की है. इसमें कहा गया है कि इसके लक्षण, संदिग्ध मरीजों की सैंपलिंग, टेस्टिंग, ट्रीटमेंट को लेकर ध्यान रखा जाए.

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संक्रमित से फैलता है वायरस: एडवाइजरी में साफ तौर पर कहा गया है कि यह वायरस जूनोटिक बीमारी है, जो मध्य और पश्चिमी अफ्रीका में क्षेत्रों में पाई जाती है. जोकि एक सेल्फ लिमिटेड संक्रमण है. इस संक्रमण से ग्रसित व्यक्ति 2 से 4 सप्ताह में ठीक हो सकता है, लेकिन गंभीर मामलों में उसकी मृत्यु भी हो जाती है. जिसका प्रतिशत 1 से 10 है. यह वायरस जानवरों से मनुष्य में और मनुष्य से दूसरे मनुष्य में फैलता है. यह कटी-फटी त्वचा, आंख, नाक और मुंह के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है. संक्रमित पशु के काटने, शरीर के तरल पदार्थ एवं घाव से सीधे और अप्रत्यक्ष संपर्क के माध्यम से भी यह हो सकता है. जबकि संक्रमित मरीज के बिस्तर पर अन्य किसी व्यक्ति के सोने या ओढ़ने से भी यह वायरस संबंधित व्यक्ति को अपनी चपेट में ले लेता है.

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