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Alwar Mob Lynching प्रशासन से वार्ता में सहमति के बाद चिरंजी का हुआ अंतिम संस्कार, सात गिरफ्तार

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Published : Aug 16, 2022, 12:24 PM IST

Updated : Aug 16, 2022, 11:31 PM IST

Alwar Mob Lynching Case
अलवर में मॉब लिंचिंग

अलवर में मॉब लिंचिंग का शिकार सब्जी सब्जी विक्रेता का शव आज उसके गांव पहुंचा है. नाराज परिजन तमाम मांगों के साथ धरने पर बैठ गए और विरोध स्वरूप अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया. बाद में परिजनों और प्रशासन के बीच वार्ता के बाद सहमति बनी और शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया. प्रशासन ने पांच लाख की त्वरित सहायता के साथ 50 लाख की आर्थिक मदद और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने के संबंध में प्रस्ताव सरकार को भेजने का आश्वासन दिया है. मामले में पुलिस ने सात आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.

अलवर. चिरंजी की मॉब लिंचिंग (Alwar Mob Lynching Case) से आहत परिवार वालों ने मंगलवार को शव घर पहुंचने पर विरोध जताते हुए अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया. साथ ही प्रदेश सरकार से घटना को लेकर विरोध जताते हुए 50 लाख रुपये मुआवजा, परिवार के एक सदस्य को नौकरी और आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी की मांग की. मामला संवेदनशील होने पर पूरे गांव में भारी पुलिस जाप्ता तैनात कर दिया गया था. काफी देर चले विरोध प्रदर्शन के बाद परिजनों और प्रशासन के बीच वार्ता के बाद सहमति बनी जिसके बाद मृतक चिरंजीलाल का अंतिम संस्कार कर दिया गया. इस मामले में पुलिस ने सात आरोपियों को गिरफ्तार (seven arrested in Alwar Mob Lynching) किया है. आरोपियों से पूछताछ की जा रही है.

इस दौरान प्रशासन ने पांच लाख की त्वरित सहायता पीड़ितों को प्रदान की है. इसके साथ ही 50 लाख की आर्थिक मदद और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने के संबंध में प्रस्ताव सरकार और मुख्यंत्री को भेजने का आश्वासन दिया है. इसके अलावा मामले में मॉब लिंचिंग की धाराएं जोड़ने की परिजनों की मांग पर भी पुलिस ने सहमति जताई है. वार्ता में परिजन और प्रशासन के बीच हुए समझौते के बाद परिजनों ने शव का अंतिम संस्कार कर दिया. इस दौरान काफी संख्या में गांव के लोग मौजूद रहे.

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क्या है घटना: जिले के गोविंदगढ़ कस्बे के पास एक गांव में मॉब लिंचिंग का मामला सामने आया है. 15 से 20 लोगों ने एक सब्जी बेचने वाले व्यक्ति को चोर समझकर (Tractor Thief) बुरी तरह पीटा. इस घटना में व्यक्ति गंभीर घायल हो गया. मामले की सूचना मिलते ही ग्रामीण व परिजन मौके पर पहुंचे. उन्होंने इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया. हालत गंभीर होने पर जयपुर रेफर कर दिया गया. इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. घटना के बाद गुस्साए परिजन व ग्रामीणों ने थाने का घेराव किया व आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग की.

अलवर के गोविंदगढ़ कस्बे के पास रामबास में एक व्यक्ति शौच के लिए खेत में गया था. उसी दौरान अलवर के सदर थाना क्षेत्र से चोर एक ट्रैक्टर को चोरी करके आ रहे थे और पीछे से सदर थाना पुलिस और ट्रैक्टर मालिक चोरों का पीछा कर रहे थे. चोरों अपने आपको पुलिस और ट्रैक्टर मालिकों से घिरा देख ट्रैक्टर को बिजली घर के पास स्थित एक खेत में छोड़कर भाग गए. इसी दौरान पुलिस से पहले ट्रैक्टर के मालिक आ गए और खेत में शौच कर रहे चिरंजी को चोर समझकर बुरी तरह से पीट दिया. जिससें वो गंभीर रूप से घायल हो गया. पुलिस तब तक मौके पर पहुंचती और उसकी जानकारी की तो वो रामबास निवासी चिरंजी था, जो शौच के लिए खेत में गया हुआ था.

पुलिस ने घायल को अस्पताल में भर्ती कराया जहां से चिकित्सकों ने उसे प्राथमिक उपचार देकर (Alwar Mob Lynching Case) जयपुर रेफर कर दिया. इलाज के दौरान चिरंजी ने अपना दम तोड़ दिया. चिरंजी सब्जी का ठेला लगा कर अपना जीवन यापन करता था और वह गरीब परिवार से है. लेकिन बिना जानकारी किए ही चिरंजी को भीड़ के द्वारा मॉब लिंचिंग कर दिया गया. चिरंजी की मौत के बाद आक्रोशित लोगों ने थाने का घेराव किया व आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग की.

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मृतक के बेटे ने मामले की लिखित शिकायत पुलिस को दी. पुलिस ने मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ (Lynching of Vegetable Vendor) एफआईआर दर्ज करते हुए जांच शुरू कर दी है. पुलिस ने कहा कि जल्द ही आरोपी गिरफ्तार किए जाएंगे. वहीं, घटना को लेकर परिजन व ग्रामीणों में खासा रोष है.

क्या है पूरा मामला, अब तक क्या-क्या हुआ ? : अलवर जिले के गोविंदगढ़ कस्बे के पास एक गांव में मॉब लिंचिंग की घटना में चिरंजी लाल सैनी की मौत हो गई. मौत के बाद मृतक का शव मंगलवार सुबह गांव में पहुंचा. पूरे परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है. परिवार में 11 सदस्य हैं. परिवार की आर्थिक हालत खस्ता है. चिरंजी लाल अकेला कमाने वाला था. परिजनों ने कहा कि उनके परिवार का जीवन-यापन कैसे होगा. ऐसे में परिजनों ने अंतिम संस्कार करने से इंकार कर दिया है.

मृतक के बेटे ने 50 लाख रुपये और परिवार के एक सदस्य को नौकरी की मांग की है. इसके अलावा आरोपियों को जल्द गिरफ्तार करने की मांग की गई है. क्षेत्र में तनाव के हालात हैं. ग्रामीणों ने गोविंदगढ़ मार्ग पर जाम लगा दिया. बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे तो वहीं बाजार व क्षेत्र को बंद करा दिया गया. इस पूरी घटना के दौरान पुलिस की अमानवीय तस्वीर भी सामने आई. पुलिस के अधिकारी इस पूरे मामले को दबाने में जुटे रहे व विरोध करने वालों के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज करने की बात कहते हुए नजर आए.

मृतक के घर बड़ी संख्या में लोगों का जमावड़ा रहा. हालात बेकाबू होते देख भारी पुलिस बल तैनात किया गया है. अतिरिक्त पुलिस बल की व्यवस्था की जा रही है तो वहीं परिजनों ने कहा कि जब तक सरकार के प्रतिनिधि उनके घर आकर उनकी मांगें नहीं मानते वो मृतक के शव का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे. घटना के बाद से पूरे गांव में मातम का माहौल है. घर की हालत खस्ता है व रहने के लिए केवल एक झोपड़ी है. मिट्टी की दीवारें हैं.

ग्रामीणों ने लगाया जाम : घटना के विरोध में ग्रामीणों ने पूरे क्षेत्र में जाम लगा दिया व बैरिकेड लगाकर यातायात को रोक दिया है. इसके अलावा गोविंदगढ़ और आसपास क्षेत्र के बाजारों को भी बंद करा दिया गया है. सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ है. बड़ी संख्या में लोग जमा हैं.

लोगों को धमकाते हुई नजर आई पुलिस : गोविंदगढ़ क्षेत्र में पहुंचे डिप्टी एसपी विरोध कर रहे लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की धमकी देकर उनको शांत कराते हुए नजर आए. इस दौरान जब मीडिया कर्मियों ने उनसे सवाल पूछे तो मीडिया कर्मियों पर भी वो चिल्लाते हुए दिखे. डिप्टी एसपी ने कहा कि मामले की जांच चल रही है. किसी के कहने से धाराएं नहीं जोड़ी जाएंगी. पुलिस को जो लगेगा वो पुलिस करेगी. इस दौरान बड़ी संख्या में भाजपा के कार्यकर्ता विरोध करते दिखे तो पुलिसकर्मी उन पर भी एफआईआर दर्ज करने का दबाव बना कर मामला शांत कराते हुए दिखाई दिए.

गिरफ्तार किए गए सात आरोपी : पुलिस ने मामले में बेटे की शिकायत पर मामले में सात आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. पकड़े गए आरोपियों में असद खान निवासी उलाहेड़ी, स्याबू खा, साहुन खां, तालीम, कासम, पोला उर्फ ताफिक व विक्रम खां शामिल हैं. पुलिस ने इनके पास से घटना में काम आई गाड़ी भी बरामद कर ली है. पुलिस ने कहा कि गिरफ्तार लोगों से पूछताछ की जा रही है. जल्द ही इस मामले में कुछ और लोगों की भी गिरफ्तारी हो सकती है. घटना को लेकर क्षेत्र में तनाव का माहौल है. लगातार पूरे प्रदेश में इस मुद्दे को लेकर राजनीति शुरू हो चुकी है. भाजपा के नेता लगातार मुख्यमंत्री गहलोत पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं.

सतीश पूनिया का बयान.

ज्ञानदेव आहूजा का गहलोत पर गंभीर आरोप
हिंदूवादी मुद्दों पर बेबाक टिप्पणी करने वाले रामगढ़ के पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा ने प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि जिन लोगों को प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री संरक्षण देते हैं उन लोगों ने अपने ही समाज के व्यक्ति को पीट-पीट कर मार डाला. उन्होंने कहा कि अलवर जिले के हालात खराब हो रहे हैं. हरियाणा का मेवात क्षेत्र हिंदुओं से खाली हो चुका है लेकिन राजस्थान के मेवात में ऐसा नहीं होने देंगे. उन्होंने रामगढ़ विधायक साफिया खान और मेवात विकास बोर्ड के अध्यक्ष जुबेर खान पर भी गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि दोनों लोग जाति विशेष के लोगों को संरक्षण दे रहे हैं. इसीलिए लगातार घटनाएं हो रही हैं.

परिवार पर आर्थिक संकट
सब्जी का ठेला लगाकर परिवार का पेट भरने वाले चिरंजीलाल की मॉब लिंचिंग में मौत हो गई. परिवार में 11 सदस्य हैं. दो बेटे और दो बेटियां हैं. दोनों बेटे भी सब्जी बेचकर ही जीवन यापन करते हैं. परिवार की आर्थिक हालत खस्ता है. गोविंदगढ़ कस्बे के पास रामबास गांव में टूटा हुआ कच्चा घर है जिसमें पूरा परिवार रहता है. इस घटना के बाद से परिवार पर आर्थिक संकट टूट पड़ पड़ा है. परिवार में चिरंजीलाल मुखिया थे. चिरंजी लाल के बच्चों में बेटी अनीता सबसे बड़ी है. उसके बाद बिरवती व तीसरे नंबर पर योगेश और सबसे छोटा बंटी है. चिरंजीलाल के बेटे-बेटियों की शादी हो चुकी है. योगेश और बंटी भी सब्जी व मक्का बेच कर अपना जीवन यापन करते हैं. चिरंजीलाल की माता गुलकंदी परिवार में सबसे बुजुर्ग हैं.

भाजपा ने गहलोत सरकार पर लगाए आरोपः अलवर जिले के गोविंदगढ़ में चिरंजीलाल सैनी की कुछ लोगों ने हत्या कर दी. समूह के रूप में एकत्रित लोगों के की गई इस हत्या पर सियासत तेज हो गई है. बीजेपी और विश्व हिंदू परिषद ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को निशाने पर लिया (BJP reaction on Alwar Mob lynching case) है. बीजेपी ने कहा कि प्रदेश में गहलोत सरकार बनने के बाद वर्ग विशेष के लोग मॉब लिंचिंग की घटना को अंजाम दे रहे हैं. सरकार उनके खिलाफ कोई करवाई नहीं करती है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा (Poonia on Alwar mob lynching case) कि अलवर में जो घटना हुई, वह प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाती है. लगातार प्रदेश में इस तरह की घटनाएं हो रही हैं. यह सरकार की प्रशासनिक तंत्र की कमजोरियों को दिखाता है. पूनिया ने कहा बड़ा मसला तुष्टीकरण का भी है. यह प्रश्न बार-बार खड़ा होता है कि जब भी कांग्रेस की सरकार आती है, तो वर्ग विशेष के लोग मॉब लिंचिंग में क्यों शामिल होते हैं.

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पूनिया ने कहा कि पानी सिर से ऊपर चला गया है, अभी भी समय है कि प्रदेश की सुख शांति के लिए सरकार को इसकी जिम्मेदारी लेकर आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए. सरकार कानून व्यवस्था की समीक्षा करे. पुलिस को संसाधन उपलब्ध कराएं और राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं करें. नहीं तो यह प्रदेश शांतिपूर्ण प्रदेश अशांती वाला प्रदेश बन जाएगा. इसके बड़े असर के रूप में सामाजिक सद्भाव बिगड़ेगा. पूनिया ने कहा इस तरह की मॉब लिंचिंग की घटना से पर्यटन पर असर होगा. इस तरह की ​घटनाएं होंगी, तो सरकार इंटरनेट बंद करती रहेगी. इससे करोड़ों रुपए का नुकसान होगा. सरकार को चाहिए कि घटना पर गंभीरता से बिना किसी भेदभाव के कार्रवाई करे.

Last Updated :Aug 16, 2022, 11:31 PM IST
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