ETV Bharat / bharat

महबूबा मुफ्ती ने कही बड़ी बात- 'बलि का बकरा' बन गए हैं मुख्यधारा के राजनीतिक दल

author img

By

Published : Jan 3, 2021, 5:57 PM IST

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. महबूबा मुफ्ती ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के मुख्यधारा के राजनीतिक दलों को दबाया जा रहा है. उन्हें बलि का बकरा बनाया जा रहा है. 2018 में भाजपा के गठबंधन तोड़ने पर कहा कि फैसले से निराश नही थी.

mehbooba mufti
महबूबा मुफ्ती

श्रीनगर : केंद्र सरकार पर जम्मू-कश्मीर के मुख्यधारा के राजनीतिक दलों को दबाने का आरोप लगाते हुए पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने रविवार को कहा कि दु:ख की बात है कि ये दल 'बलि का बकरा' बन गए हैं और 'हर कोई उन पर ठीकरा फोड़ रहा है.'

पीडीपी नेता ने कहा कि इन सबके बावजूद वे संविधान के अनुच्छेद 370 की बहाली के लिए एक 'लंबी और कठिन राजनीतिक लड़ाई' लड़ने के लिए तैयार हैं, जिसे 'गैरकानूनी तरीके से हटाया गया था'.

महबूबा ने कहा, 'दु:ख की बात है कि मुख्यधारा बलि का बकरा बन गया है और सब उस पर ठीकरा फोड़ रहे हैं.' उन्होंने कहा, 'सच यह है कि हम अपना पूरा राजनीतिक जीवन दिल्ली की तरफ से लग रहे पाकिस्तान समर्थक होने के आरोपों और कश्मीर से भारत विरोधी तथा कश्मीर विरोधी होने के आरोपों से लड़ते हुए बिता देंगे.'

असंतोष के स्वरों को अपराध की तरह दिखा रही सरकार

महबूबा ने एक साक्षात्कार में इस बात पर जोर दिया कि पीडीपी और गुपकार गठबंधन बनाने वाले मुख्यधारा के छह अन्य दलों ने केवल लोकतांत्रिक और शांतिपूर्ण तरीकों से पूर्ववर्ती राज्य के विशेष दर्जे को बहाल कराने के लिए लड़ने का संकल्प लिया था, लेकिन 'भारत सरकार हमें अब भी दबा रही है और असंतोष के स्वरों को अपराध की तरह दिखा रही है.'

'कुछ भी पत्थर की लकीर नहीं होता'

पीडीपी नेता से जब पूछा गया कि क्या उन्हें वाकई उम्मीद है कि भारत में कोई भी सरकार संसद द्वारा पांच अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी किए जाने के फैसले को पलट देगी जिस फैसले का पूरे देश में व्यापक तौर पर स्वागत किया गया, तो उन्होंने कहा, 'कुछ भी पत्थर की लकीर नहीं होता.'

महबूबा ने कहा, 'अगर संसद का फैसला ही अंतिम होता तो लाखों लोग सीएए या कृषि विधेयकों जैसे कानूनों के खिलाफ सड़कों पर नहीं उतरे होते.'

उन्होंने कहा, 'हमसे जो भी असंवैधानिक तरीके से छीना गया है उसे लौटाना होगा, लेकिन यह लंबी और कठिन राजनीतिक लड़ाई होगी.'

जनता ने केंद्र के फैसले को नकार दिया

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही में जिला विकास परिषद (डीडीसी) के चुनावों में 280 सीटों में से 112 पर गुपकार गठबंधन (पीएजीडी) की जीत ने दिखा दिया है कि जनता ने अनुच्छेद 370 को समाप्त किए जाने के फैसले को स्पष्ट रूप से नकार दिया है.

उन्होंने कहा, 'डीडीसी चुनाव अचानक से हमारे सामने चुनौती की तरह पेश किए गए और हमें समान अवसर नहीं प्रदान किए गए. हमने सीधी टक्कर ली और एकजुट होकर चुनाव लड़ा, ताकि भाजपा और उसके छद्म दलों को कोई लोकतांत्रिक स्थान नहीं मिले. हमारे लोगों को कमजोर करने से उन्हें रोका जा सके.'

महबूबा ने कहा, 'लेकिन भाजपा ने चुनाव में अनुच्छेद 370 के मुद्दे को उठाकर इसे एक जनमत संग्रह बना दिया. इसलिए लोगों ने सामूहिक रूप से हमारे गठबंधन के लिए वोट दिया और स्पष्ट कर दिया कि वे पांच अगस्त, 2019 के गैरकानूनी फैसले को खारिज करते हैं.'

अनुच्छेद 370 को समाप्त करने से अलगाव बढ़ा

उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 को समाप्त करने तथा पूर्ववर्ती राज्य को विभाजित करने के फैसले से जनता पूरी तरह स्तब्ध और ठगा हुआ महसूस कर रही थी. पीडीपी अध्यक्ष ने कहा कि इस फैसले ने जम्मू-कश्मीर के लोगों का देश से अलगाव और बढ़ा दिया तथा कश्मीर मुद्दे को और अधिक जटिल बना दिया है.

पढ़ें- जम्मू-कश्मीर : 2020 में पथराव की घटनाओं में 87.13 प्रतिशत गिरावट आई

उन्होंने कहा, 'आगे का रास्ता सभी पक्षों के साथ सुलह और संवाद का तथा देश की संप्रभुता से समझौता किए बिना समाधान के लिए अनेक विकल्पों पर विचार-विमर्श करने का और साथ ही उसी समय जनता की आकांक्षाओं को पूरा करने का भी है.'

'भाजपा के गठबंधन तोड़ने से निराश नहीं थी'

पूर्ववर्ती राज्य में सरकार बनाने के लिए पीडीपी के भाजपा के साथ गठबंधन के बारे में पूछे जाने पर महबूबा ने कहा, 'मेरे पिता (मुफ्ती मोहम्मद सईद) ने सबकुछ दांव पर लगाकर एक व्यापक उद्देश्य से गठबंधन बनाने के लिए भाजपा से बातचीत का प्रयास किया था. 'उन्होंने कहा कि वह 2018 में भाजपा के गठबंधन तोड़ने के फैसले से निराश नही थीं.

पढ़ें- जम्मू-कश्मीर : 2020 में मारे गए 203 आतंकवादियों में से 166 स्थानीय

(पीटीआई- भाषा)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.