मुंबई: मीरा रोड के सरस्वती हत्याकांड में नई जानकारी सामने आई है. तीन जून की मध्य रात्रि मीरारोड स्थित गीता नगर आकाशदीप भवन में सरस्वती की निर्मम हत्या कर दी गयी थी. इस मामले में पुलिस जांच में कई चीजें सामने आईं है. जांच में पाया गया कि आरोपी शुरू से ही पुलिस को बर्गलाने की कोशिश कर रहा है. पूछताछ के दौरान वह अलग-अलग बयान दे रहा है.
पुलिस ने बुधवार आधी रात को आरोपी मनोज साने को गिरफ्तार करने के बाद उससे पूछताछ की. प्रारंभिक जांच में उसने मुझे बताया था कि सरस्वती और मैं अनाथ हूं. लेकिन गुरुवार को सरस्वती की तीन बहनें पुलिस के समक्ष पेश हुईं. ऐसे में मनोज का पुलिस की जांच में सरस्वती के अनाथ होने का दावा झूठा साबित हुआ.
पुलिस ने सरस्वती की बहनों को विस्तृत जानकारी देते हुए पुष्टि की कि क्या वे वास्तव में सरस्वती की बहनें हैं. इस बीच खुलासा हुआ है कि सरस्वती की पांच बहनें हैं. इन पांच बहनों में सरस्वती सबसे छोटी थीं. पुलिस जांच के दौरान मनोज ने पुलिस से अनुरोध भी किया है कि उन्हें यह जानकारी न दी जाए कि मेरे कजिन मुंबई में हैं. इससे यह साफ हो गया कि मनोज भी अनाथ नहीं बल्कि उसके रिश्तेदार हैं.
गुरुवार को सरस्वती की बहनों के पुलिस से मिलने के बाद पुलिस द्वारा उनका डीएनए टेस्ट कराया जाएगा. डीएनए की तुलना के बाद शव सौंप दिया जाएगा. सरस्वती अपनी चार बहनों के साथ अनाथालय में थी. बाद में बाहर आकर उन्होंने शादी कर ली. सरस्वती 10वीं कक्षा की पढ़ाई के बाद अनाथालय से बाहर आ गईं.
वह कुछ दिन औरंगाबाद में अपनी बहन के पास रही. जब सरस्वती अनाथालय में थीं, तब उनके माता-पिता अलग हो गए थे. सरस्वती की मां तो एक दिन के भीतर ही चल बसी, पर उसके पिता अभी तक लापता हैं. औरंगाबाद में अपनी बहन के साथ रहने के बाद सरस्वती नौकरी की तलाश में मुंबई आ गई. बोरवली में नौकरी की तलाश के दौरान मनोज की मुलाकात सरस्वती से हुई.
मनोज ने नौकरी दिलाने का वादा किया था. इसके बाद वे दोस्त बन गए. नौकरी लगने के कुछ दिन बाद सरस्वती के पास रहने का ठिकाना नहीं रहा तो मनोज ने कहा कि मेरे पास बोरीवली में अपना दो बीएचके का फ्लैट है और तुम मेरे साथ रह सकती हो. दो साल तक दोनों साथ रहे. 2014 में दोस्ती प्यार में बदल गई. दोनों ने सादे तरीके से एक मंदिर में शादी की.
बुधवार को मनोज ने पुलिस को बताया कि वह एचआईवी से संक्रमित है और उसने दावा किया है कि वह 2008 से दवा की गोलियां ले रहा है. हालांकि, पुलिस ने यह कहने से इनकार कर दिया है कि मनोज का दावा सही है या गलत क्योंकि अभी उसका एचआईवी के लिए मेडिकल टेस्ट नहीं हुआ है. मनोज ने यह भी कहा है कि वह बोरीवली में एक राशन की दुकान में काम करता है लेकिन 29 मई से वह काम पर नहीं गया.
इसके बाद से उसने सरस्वती की हत्या करने से पहले गूगल पर सर्च किया. गूगल सर्च करने के बाद उन्होंने देखा कि डेड बॉडी को कैसे ठिकाने लगाया जा सकता है. डेड बॉडी की गंध को रोकने के लिए वह क्या उपाय कर सकता है. उसने शव के टुकड़े-टुकड़े कर कुकर में उबालकर तीन बाल्टियों में रख दिया. मर्डर करने का यह आइडिया उसे एक वेब सीरीज से मिला था. यह जानकारी पुलिस सूत्रों से मिली है.