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मोदी कैबिनेट विस्तार 2.0 : मीनाक्षी लेखी बनीं विदेश राज्यमंत्री

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Published : Jul 7, 2021, 6:50 PM IST

Updated : Jul 7, 2021, 10:18 PM IST

पीएम मोदी की न्यू टीम में बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी को राज्यमंत्री के रूप में जगह मिल गई है. बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी की पीएम मोदी से मुलाकात के बाद ये चर्चा थी कि लेखी मोदी मंत्रिमंडल में शामिल हो सकती हैं और अब ये चर्चा सही साबित हुई है. उन्हें विदेश राज्यमंत्री बनाया गया है. जानें दिल्ली से पढ़ाई पूरी करने के बाद दिल्ली की राजनीति में दिग्गजों को पटखनी देने के बाद मीनाक्षी ने केन्द्रीय मंत्रिमंडल तक का सफर कैसे तय किया.

मीनाक्षी लेखी
मीनाक्षी लेखी

नई दिल्ली : केन्द्रीय मंत्रिमंडल में मीनाक्षी लेखी को विदेश राज्यमंत्री बनाया गया है. नई दिल्ली संसदीय सीट से बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी दिल्ली में पार्टी के मजबूत नेताओं में से एक हैं. बुधवार सुबह लेखी की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हुई मुलाकात के बाद उनके मंत्रिमंडल में शामिल होने की चर्चाएं शुरू हो गई थीं.

मीनाक्षी लेखी का जन्म 30 अप्रैल 1967 को नई दिल्ली में ही हुआ और यही उन्होंने पढ़ाई-लिखाई के बाद अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की. वह अभी बीजेपी में राष्ट्रीय प्रवक्ता के तौर पर अपनी भूमिका निभा रही हैं. मीनाक्षी लेखी ने अपने पहले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के दिग्गज नेता अजय माकन को डेढ़ लाख से अधिक वोटों के अंतर से हराया था और उन्होंने नई दिल्ली लोकसभा सीट से जीत हासिल की थी.

दिल्ली विश्वविद्यालय की हिंदू कॉलेज से पढ़ीं मीनाक्षी लेखी ने डीयू के कैंपस लॉ सेंटर से LLB की डिग्री पूरी की और वर्ष 1990 में दिल्ली बार काउंसिल में पंजीकृत करने के बाद उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट सहित विभिन्न अदालतों में अभ्यास शुरू किया. मीनाक्षी लेखी प्रमुख वकीलों के परिवारों से ताल्लुक रखती हैं. उनके पति और ससुर दोनों जाने-माने वकील रहे हैं और उन्होंने कई महत्वपूर्ण और लोकप्रिय मामलों की अदालतों में पैरवी की है. मीनाक्षी लेखी के पति अमन लेखी को सूचना के अधिकार, 2G स्पेक्ट्रम संबंधित मामलों में बहस करने के अलावा लाजपत नगर बम विस्फोट जैसे मामलों को संभालने और केस लड़ने के लिए भी जाना जाता है.

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मीनाक्षी लेखी बीजेपी महिला मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के साथ पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता जैसे पदों पर भी काम कर चुकी हैं. लेखी पार्टी की तरफ से टेलीविजन डिबेट्स में भी बढ़-चढ़ कर भाग लेती हैं. 20 जुलाई 2016 को लेखी को विशेषाधिकार समिति की अध्यक्ष बनाया गया.

वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में नई दिल्ली संसदीय सीट से कांग्रेस के दिग्गज नेता अजय माकन और आप के आशीष खेतान को हरा कर मीनाक्षी लेखी चर्चा में आई थीं. इस लोकसभा चुनाव से ठीक पहले भी मीनाक्षी लेखी तब चर्चा में आई थीं, जब उनकी एक पिटिशन पर सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को कड़ी फटकार लगाई. राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए पीएम मोदी पर गलत टिप्पणी की थी. सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट में अपने बयान पर माफी मांग लिया था.

वर्ष 2012 में दिल्ली में निर्भया गैंगरेप मामले में केंद्र सरकार ने जो आपराधिक कानून (संशोधन) विधेयक 2013 के मसौदा समिति का गठन किया था, उस समिति के प्रमुख सदस्यों में मीनाक्षी लेखी भी एक थीं. लेखी महिलाओं और बच्चों को न्याय दिलाने के लिए कई सामाजिक गतिविधियों से जुड़ी हुई हैं. मीनाक्षी लेखी RSS से जुड़े संगठन स्वदेशी जागरण मंच के साथ भी काम कर चुकी हैं.

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राजनीतिक सफलताओं के अलावा मीनाक्षी लेखी कई विवादों में भी घिरी रही. पहला मामला तब सामने आया जब उन्होंने एक ट्वीट में तरुण तेजपाल बलात्कार मामले में कथित रूप से पीड़िता का नाम उजागर किया था. हालांकि उन्होंने दावा किया था कि यह ट्वीट उनके द्वारा नहीं किया गया है. किसी ने उनके स्मार्ट फोन का दुरुपयोग किया इसके अलावा सीट बेल्ट बांधे बिना खुद ही जीप चलाकर वह चुनाव के दौरान नामांकन दाखिल करने गई थी उस दौरान भी इनकी काफी किरकिरी हुई थी.

Last Updated :Jul 7, 2021, 10:18 PM IST
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