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महाराष्ट्र के राज्यपाल कोश्यारी ने 'गुजराती-राजस्थानी' टिप्पणी के लिए माफी मांगी

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Published : Aug 1, 2022, 9:42 PM IST

Maharashtra Governor Koshyari
महाराष्ट्र के राज्यपाल कोश्यारी

महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने अपने बयान को लेकर माफी मांग ली है. भगत सिंह कोश्यारी ने एक कार्यक्रम में कहा था कि अगर मुंबई से गुजरातियों और राजस्थानियों को निकाल दें तो यह आर्थिक राजधानी नहीं कहलाएगी.

मुंबई : महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने अपनी उस टिप्पणी के लिए सोमवार को माफी मांग ली, जिसमें उन्होंने कहा था कि 'अगर मुंबई से गुजरातियों और राजस्थानियों को हटा दिया जाए तो शहर के पास न तो पैसे रहेंगे और न ही वित्तीय राजधानी का तमगा रहेगा.' कोश्यारी ने यह टिप्पणी शुक्रवार शाम मुंबई के पश्चिमी उपनगर अंधेरी में एक चौक के नामकरण समारोह को संबोधित करते हुए की थी. उन्होंने कहा था, 'मैं यहां के लोगों को बताना चाहता हूं कि अगर गुजरातियों और राजस्थानियों को महाराष्ट्र, खास तौर पर मुंबई और ठाणे से हटा दिया जाए, तो आपके पास पैसे नहीं रहेंगे और न ही मुंबई वित्तीय राजधानी बनी रह पाएगी.'

राजभवन द्वारा सोमवार शाम को जारी एक बयान में कोश्यारी के हवाले से कहा गया कि उन्हें विश्वास है कि महाराष्ट्र के लोग अपना बड़ा दिल दिखाएंगे और उनकी हालिया टिप्पणी के लिए उन्हें माफ कर देंगे. कोश्यारी ने कहा कि अंधेरी में अपने भाषण के दौरान समाज के कुछ सदस्यों के योगदान के बारे में बोलते हुए हो सकता है कि उन्होंने गलती की हो. उन्होंने कहा, 'मुझे उम्मीद है कि इस प्रांत के नागरिक कई संतों की शिक्षाओं का पालन करते हुए इस राज्य के एक विनम्र सेवक को माफ कर देंगे. यह मेरी तरफ से एक अनजाने में हुई गलती थी.'

कोश्यारी ने टिप्पणी को लेकर व्यापक निंदा के बाद शनिवार को कहा था कि बयान को गलत समझा गया और उन्होंने राजनीतिक दलों से कहा था कि वे विवाद पैदा नहीं करें. उन्होंने कहा था कि मराठी भाषी लोगों के योगदान को कम आंकने का कोई सवाल ही नहीं है और 'एक समुदाय की प्रशंसा करने का मतलब दूसरे का अपमान करना नहीं होता.'

उद्धव ठाकरे ने की थी माफी की मांग : शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने राज्यपाल कोश्यारी से मुंबई के संबंध में की गई टिप्पणी पर माफी मांगने की मांग की थी. महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री ठाकरे ने राज्यपाल पर मुंबई और ठाणे में 'शांति से रह रहे हिंदुओं को बांटने' की कोशिश करने का भी आरोप लगाया था. ठाकरे ने कहा था, 'मराठी लोगों के खिलाफ राज्यपाल के मन में जो नफरत है, वह अनजाने में सामने आ गई.' उन्होंने कहा था, 'अब यह तय करने का समय आ गया है कि उन्हें घर वापस भेजा जाना चाहिए या जेल...पिछले तीन वर्षों में, उन्होंने महाराष्ट्र में रहने के बावजूद मराठी भाषी लोगों का अपमान किया है. अब इन टिप्पणियों के साथ, उन्होंने राज्यपाल के पद का अपमान किया है.'

शिवसेना के बागी धड़े के नेता एवं राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा था कि वह कोश्यारी की टिप्पणी से असहमत हैं. उन्होंने कहा था, 'हम कोश्यारी की टिप्पणी से सहमत नहीं हैं. यह उनका व्यक्तिगत विचार है. उन्होंने अब एक स्पष्टीकरण जारी किया है. वह एक संवैधानिक पद पर हैं और उन्हें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि उनके कार्यों से दूसरों का अपमान न हो. मराठी समुदाय की कड़ी मेहनत ने मुंबई के विकास में योगदान दिया है ...कोई भी मुंबई और मराठियों का अपमान नहीं कर सकता.'

उपमुख्यमंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि मराठी भाषी लोगों ने महाराष्ट्र के विकास में अहम भूमिका निभाई है. फडणवीस ने कहा, 'औद्योगिक क्षेत्र में भी मराठी भाषी लोगों ने वैश्विक प्रगति की है. हम राज्यपाल की टिप्पणी से सहमत नहीं हैं.'

पढ़ें- गुजरातियों-राजस्थानियों को हटा दें तो मुंबई के पास न पैसे होंगे न वित्तीय राजधानी का तमगा: कोश्यारी

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