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न्याय प्रदान करने के लिए कानून एक सुविधाजनक उपकरण है: जस्टिस चंद्रचूड़

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Published : Oct 16, 2022, 7:58 AM IST

Updated : Oct 16, 2022, 8:13 AM IST

सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ ने राष्ट्रीय राजधानी में नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में कहा कि न्याय प्रदान करने के लिए कानून एक सुविधाजनक उपकरण है.

Law is a facilitative tool to render justice says Justice DY Chandrachud
न्याय प्रदान करने के लिए कानून एक सुविधाजनक उपकरण है: जस्टिस चंद्रचूड़

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ ने शनिवार को कहा कि कानून अपने आप में असंख्य मानवीय समस्याओं का समाधान नहीं कर सकता है, लेकिन यह न्याय प्रदान करने का एक सुविधाजनक उपकरण है. राष्ट्रीय राजधानी में नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में छात्रों को संबोधित करते हुए सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ ने यह टिप्पणी की.

जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि कानून हमारे दिमाग में जान फूंकते हैं और हमसे उम्मीद करते हैं कि हम सभी के साथ सभ्य तरीके से व्यवहार करें, चाहे वह इंसान हों, जानवर हों या पर्यावरण और टिप्पणी की कि कानून इस मायने में एक सांप्रदायिक उद्यम है. न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा, 'यह कानून प्रचलित सामाजिक मूल्यों का प्रतिकारक नहीं है. बल्कि, यह हमारे संविधान में निहित आदर्शों के आधार पर एक नया भविष्य बनाने का एक साधन है.

न्याय प्रदान करने के लिए सिर्फ एक सुविधाजनक उपकरण है.' न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि न्याय देना हमारे देश में केवल न्यायाधीशों के लिए आरक्षित नहीं है और कहा कि कानून के छात्र अपने छोटे, लेकिन महत्वपूर्ण तरीके से न्याय करने में सक्षम हैं. न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि कानून के शासन को अगर ठीक से समझा और लागू किया जाए, तो यह पितृसत्ता, जातिवाद और सक्षमता जैसे दमनकारी ढांचे के खिलाफ एक बचाव है और सभी की भूमिका है.

जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि किसी को यह समझना चाहिए कि कानून का शासन केवल संविधान या कानून पर निर्भर नहीं करता है, बल्कि यह काफी हद तक राजनीतिक संस्कृति और नागरिकों की आदतों पर निर्भर करता है, खासकर आप जैसे युवा कानूनी पेशेवरों पर.

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न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने समय के बदलावों की ओर भी इशारा किया और कहा कि महामारी के दौरान जब अदालत ने आभासी सुनवाई की, तो अदालती कार्यवाही में उपस्थित होने वाली महिलाओं की संख्या में नाटकीय रूप से वृद्धि हुई है. साथ ही कहा कि प्रौद्योगिकी आज की युवतियों को कानूनी पेशा जो कठिन और चुनौतीपूर्ण लगता है उनकी पहुंच में करने में एक महान प्रवर्तक रही है.

(एएनआई)

Last Updated :Oct 16, 2022, 8:13 AM IST
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