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दवा नियमों की खामी के कारण बांग्लादेश तक हो रही फेंसेडिल की तस्करी : रिपोर्ट

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Published : Oct 13, 2022, 10:10 PM IST

Updated : Oct 13, 2022, 10:15 PM IST

गांबिया में कथित तौर भारतीय दवा कंपनी के बनाए गए कफ सीरप से 66 बच्चों की मौत के मामले ने सरकार और सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है. इस संबंध में गृह मंत्रालय को सौंपी गई रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि फेंसेडिल ड्रग्स बंगाल और असम के रास्ते बांग्लादेश पहुंचाया जा रहा है. वरिष्ठ संवाददाता गौतम देबरॉय की रिपोर्ट.

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बांग्लादेश तक हो रही फेंसेडिल की तस्करी

नई दिल्ली : भारत में बड़ी मात्रा में फेंसेडिल ड्रग्स (phensedyl drugs) बनाकर पश्चिम बंगाल और असम के रास्ते बांग्लादेश तक पहुंचाया जा रहा है. इसका खुलासा सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने किया है. केंद्रीय गृह मंत्रालय को सौंपी गई एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए बीएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने 'ईटीवी भारत' को बताया कि इस अवैध कारोबार में लगे लोग भारत के ड्रग नियमों में खामियों का फायदा उठाते हैं.

भारत में दवा नियमन में खामियां पिछले हफ्ते एक बार फिर सामने आईं जब विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने हरियाणा स्थित मेडेन फार्मास्युटिकल्स द्वारा निर्मित और निर्यात किए गए चार 'दूषित' (contaminated) और 'घटिया' (substandard) कफ सीरप को पश्चिम अफ्रीकी राष्ट्र गांबिया में 66 बच्चों की मौत का जिम्मेदार बताया.

बीएसएफ अधिकारी ने कहा कि कफ सीरप की खेप को सीमा पार डायवर्ट करने से पहले जाली दस्तावेजों के साथ पूर्वोत्तर राज्यों और पश्चिम बंगाल में अवैध रूप से लाया जाता है. भारत में फेंसेडिल की एक बोतल की कीमत 200 रुपये से भी कम है, जो सीमा पार करते ही हजारों तक पहुंच जाती है. नारकोटिक्स विभाग (डीएनसी) और बांग्लादेश की अन्य एजेंसियां ​​भारतीय अधिकारियों के सामने फेंसेडिल (खांसी ठीक करने की दवा) की तस्करी का मुद्दा उठाती रहती हैं.

इस संवाददाता से बात करते हुए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के वित्त सचिव डॉ. अनिल गोयल ने बांग्लादेश में फेंसेडिल की बेरोकटोक तस्करी पर रोक के लिए एख फैक्ट फाइंडिंग समिति की मांग की.

डॉ. गोयल ने कहा, 'हमारे पास पर्याप्त दवा नियम हैं. हालांकि, भारत में निर्मित दवाओं के बावजूद बांग्लादेश में तस्करी की जा रही है.' उन्होंने कहा कि समय आ गया है कि सरकार को खामियों की पहचान करनी चाहिए और इस तरह के अवैध कारोबार की जांच करनी चाहिए. नियमित अंतराल पर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) भारत-बांग्लादेश सीमा से फेंसेडिल बरामद करती रहती है. 12 अक्टूबर को दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के तहत महादीपुर सीमा चौकी की 70 बटालियन ने 329 बोतल फेंसेडिल जब्त की.

बीएसएफ के एक अन्य अधिकारी ने कहा, 'भारत-बांग्लादेश सीमा पर फेंसेडिल की तस्करी बेरोकटोक जारी है और हम इस तरह की बरामदगी के बारे में संबंधित प्राधिकरण को सूचित करते रहते हैं.' भारत सरकार ने 2016 में फेंसेडिल पर प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन दिल्ली उच्च न्यायालय ने बाद में इस पर और अन्य निश्चित खुराक संयोजन दवाओं पर प्रतिबंध को रद्द कर दिया.

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फेंसेडिल तस्करी का एक उदाहरण देते हुए बीएसएफ की रिपोर्ट में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि फेंसेडिल निर्माता, मेसर्स एबॉट हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड ने अपने बद्दी संयंत्र (हिमाचल प्रदेश) से उप्पल (तेलंगाना) में अपने सीएंडएफ डिपो को फेंसेडिल के स्टॉक की आपूर्ति की. रिपोर्ट में कहा गया है, 'डिपो ने राज्य के विपणन प्रबंधकों और उनके अधीनस्थों द्वारा भर्ती किए गए विशिष्ट वितरकों को स्टॉक का चालान किया. ये 'रिटेलर' (retailers) बड़ी मात्रा में स्टॉक का निर्माण कर रहे थे. जांच से पता चलता है कि इनमें से अधिकांश खुदरा विक्रेता मौजूद नहीं हैं.'

रिपोर्ट में कहा गया है कि निर्माताओं ने अपनी सीएंडएफ एजेंसी और कुछ फार्मास्युटिकल डीलर एजेंसियों / व्यक्तियों के साथ टकराव में इस दवा को गंतव्य स्थान पर भेज दिया. रिपोर्ट में कहा गया है, 'यह रिकॉर्ड के मिथ्याकरण और गैर-मौजूद रूपों या डीलरों के नाम पर कागजी कार्रवाई करके किया जा सकता है.'
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Last Updated : Oct 13, 2022, 10:15 PM IST
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