चामराजनगर: कर्नाटक के चामराजनगर में एक विज्ञान प्रेमी छात्र ने महज ₹20 हजार में दूरबीन बना ली है. चामराजनगर के डिप्लोमा ग्रेजुएट भरत (29) के पास महंगी दूरबीन खरीदने के लिए बजट नहीं था. ऐसे में उन्होंने किताबों की मदद से उन्होंने खुद एक दूरबीन तैयार कर ली और नियमित रूप से खगोल विज्ञान का अवलोकन कर रहे हैं. भरत का कहना है कि बड़ी रुचि और समर्पण के साथ कुछ भी हासिल किया जा सकता है.
पहले प्रयास में बनाई दूरबीन: भरत ने वैज्ञानिक पीएन शंकर (Scientist PN Shankar) द्वारा लिखित पुस्तक 'हाउ टू बिल्ड ए टेलीस्कोप' का गहनता से अध्ययन किया. उसके बाद कई लोगों से फोन कॉल के माध्यम से सलाह ली. इसके बाद उन्होंने पहले प्रयास में ही टेलीस्कोप बना लिया. उनके द्वारा निर्मित दूरबीन में 8.1 फोकल अनुपात और 1,660 मिमी की फोकल लंबाई वाला 8 इंच व्यास वाला दर्पण है. भरत बताते हैं कि इतनी बड़ी दूरबीन खरीदने में 70-80 हजार का खर्च आता है. ऐसे में उन्होंने एक दूरबीन किट की मदद से ₹20,000 की अनुमानित लागत पर स्थानीय रूप से उपलब्ध सामग्रियों का उपयोग किया और दूरबीन को तैयार किया है.
क्या देखते हैं भरत?: भरत ने इस दूरबीन के माध्यम से सौरमंडल के सभी ग्रहों, उपग्रहों और चंद्र ग्रहणों को देखा है. इसके अलावा, उन्होंने आसपास के घरों के बच्चों और अपने परिवारों को भी ग्रह दिखाए हैं. भरत का घर सौर मंडल के सबसे बड़े ग्रह बृहस्पति, शनि की अंगूठी, तारे, चंद्रमा आदि के खगोलीय अवलोकन के लिए एक प्रयोगशाला है. भरत जब कक्षा 8 में पढ़ते थे तब अब्दुल कलाम ने सुत्तूर (मैसूर में) का दौरा किया था. उस दौरान भरत ने एक छोटी दूरबीन बनाई थी और उसका प्रदर्शन किया था.
भारत को लगे 50 घंटे: भरत ने कोविड की दूसरी लहर के समय का सदुपयोग किया. उन्होंने धैर्य और लगन से कुल 50 घंटे की मेहनत में यह टेलीस्कोप बनाया. प्राइमरी मिरर ग्लास को पॉलिश करके तैयार करना होता है. प्राइमरी मिरर एक दूरबीन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है. भरत ने बताया कि मैंने 'हाउ टू बिल्ड ए टेलीस्कोप' किताब पढ़ी और 'एमेच्योर टेलीस्कोप मेकर्स' नामक फेसबुक पेज पर कुछ विशेषज्ञों की सलाह ली और फोन पर मार्गदर्शन प्राप्त किया और यह टेलीस्कोप तैयार कर लिया.
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भरत के काम से मां खुश: भरत की मां निर्मला अपने बेटे के काम खुश हैं. वो कहती हैं कि 'एक प्रथा है कि शादी के दौरान दूल्हा अपनी दुल्हन को 'अरुंधति सितारा' दिखाता है, लेकिन, मेरे बेटे ने वास्तव में मुझे असली सितारे दिखाए हैं. उन्होंने कहा कि सभी बच्चे अन्य खेल खेलते हैं, तो उनका भरत विज्ञान गतिविधियों के माध्यम से खेलता है.