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कर्नाटक में कम उम्र में गर्भधारण के मामले बने चिंता का कारण, चौंकाने वाले हैं आंकड़े

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 15, 2024, 7:30 PM IST

28000 underage pregnancies
कम उम्र में गर्भधारण

28000 underage pregnancies : कर्नाटक में बालिग होने से पहले गर्भवती होने के मामले बढ़ रहे हैं. जनवरी 2023 से नवंबर 2023 तक 28,657 कम उम्र में गर्भवती होने के मामले सामने आए हैं.

बेंगलुरु: कर्नाटक में कम उम्र में गर्भधारण के मामले बढ़ रहे हैं. 14 से 17 साल की नाबालिगों का गर्भवती होना चिंता का विषय है. स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के प्रजनन और बाल स्वास्थ्य विभाग (आरसीएच) के अनुसार, जनवरी 2023 से नवंबर 2023 तक 28,657 कम उम्र में गर्भवती होने के मामले सामने आए.

आरसीएच की जानकारी के मुताबिक, 2023 में बेंगलुरु, विजयपुर और बेलगावी जिलों में छोटी उम्र में गर्भधारण की संख्या में वृद्धि हुई है. बेंगलुरु में 2,815 मामले, विजयपुर में 2,004 और बेलगावी जिले में 2,754 मामले सामने आए हैं. उडुपी जिले में 56 मामले दर्ज किए गए हैं. कोलार जिले में 98 मामले सामने आए हैं.

कर्नाटक में गांव से लेकर राज्य स्तर तक 59 हजार बाल विवाह निषेध अधिकारी हैं. बाल विवाह, यौन हिंसा, अवैध और अप्राकृतिक शारीरिक संपर्क भी लड़कियों के गर्भवती होने का मुख्य कारण बताया जाता है. सरकार, पुलिस, बाल विवाह रोकथाम अधिकारी, बाल विवाह रोकथाम निगरानी समिति और बाल संरक्षण समिति की मौजूदगी के बावजूद मामलों में कोई कमी नहीं आ रही है.

इन सभी विकारों का शिकार गरीब, पिछड़ा समुदाय और विशेषकर नाबालिग लड़कियां होती हैं. यदि गरीबी एक कारण है, तो कुछ मामलों में माता-पिता अपनी जिम्मेदारियों को कम करने के लिए बेटियों की शादी बहुत कम उम्र में कर देते हैं. कुछ जगहों पर आज भी यह रवैया है कि लड़कियों की जल्दी शादी कर देनी चाहिए और बच्चे पैदा करने चाहिए. लड़कियां यह समझने से पहले ही गर्भवती हो जा रही हैं कि सेक्स और गर्भावस्था क्या है. और कब गर्भवती होना है? बच्चे कब पैदा करें? और यह जानने से पहले ही कि उनका शरीर इसके लिए तैयार है भी या नहीं.

राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्यों ने कहा, 'राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग और जिला बाल संरक्षण इकाई की मौजूदगी के बावजूद इतने बड़े पैमाने पर बच्चों के अधिकारों का हनन हो रहा है. बाल विवाह हो रहे हैं. नाबालिग लड़कियां गर्भवती हो रही हैं. कई बार पॉक्सो के तहत मामला दर्ज नहीं होता. यदि कोई नाबालिग गर्भवती हो जाती है तो स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट करनी चाहिए. थायी कार्ड देते समय अस्पतालों को सावधान रहना चाहिए (यह कार्ड कर्नाटक की महिलाओं को जारी किया गया एक दस्तावेज है जो गर्भावस्था के दौरान उनकी स्वास्थ्य स्थिति को रिकॉर्ड करता है). लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है. ऐसे में दोषियों को सजा नहीं मिल पाती है. बाल विवाह को रोकने के लिए काफी जागरुकता पैदा की जा रही है. हालांकि, यह नियंत्रण में नहीं आया है.'

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