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सेक्स से इनकार करना क्रूरता है, लेकिन अपराध नहीं : कर्नाटक HC

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Published : Jun 20, 2023, 2:07 PM IST

Updated : Jun 20, 2023, 2:20 PM IST

कर्नाटक उच्च न्यायालय ने एक पत्नी की याचिका को यह कहकर रद्द कर दिया कि पति अगर शारीरिक संबंध रखने से इनकार करता है तो वह क्रूरता की श्रेणी में आता है, न कि अपराध है. पत्नी शादी के महज 28 दिन तक ही ससुराल में रही और उसके बाद मायके आकर पति व सास-ससुर के खिलाफ उच्च न्यायालय में आपराधिक मामला दर्ज कराया था.

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बेंगलुरु : कर्नाटक उच्च न्यायालय ने मंगलवार को एक पत्नी की याचिका की सुनवाई करते हुए कहा कि शारीरिक संबंध से पति का इनकार करना क्रूरता की श्रेणी में आता है, लेकिन यह अपराध नहीं है. अदालत ने यह बयान एक ऐसे पत्नी की याचिका पर दी, जिसने अपने पति और सास-ससुर के खिलाफ आपराधिक मामला दायर की थी. पति द्वारा शारीरिक संबंध से इनकार करने पर पत्नी उसे अदालत तक ले आई थी. लेकिन न्यायमूर्ति एम नागप्रसन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस मामले में दायर आपराधिक कार्यवाही को यह कहकर रद्द कर दिया कि हिंदू विवाह कानून-1955 के अनुसार, पति द्वारा शारीरिक संबंध से इनकार करना क्रूरता की श्रेणी में आता है, लेकिन आईपीसी की धारा 489ए के तहत अपराध नहीं है.

पति द्वारा दायर याचिका पर भी न्यायमूर्ति एम नागप्रसन्ना की पीठ ने गौर किया. याचिकाकर्ता के पति ने अपने और अपने माता-पिता के खिलाफ आईपीसी की धारा 498ए और दहेज निषेध अधिनियम की धारा 4 के तहत पुलिस द्वारा दायर चार्जशीट को चुनौती दी थी. पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता के पति का मानना है कि प्यार केवल शारीरिक संबंध से नहीं होता, इसमें आत्मा से आत्मा का मिलन होना चाहिए.

उन्होंने कहा, "शादी के बाद दंपती के बीच शारीरिक संबंध न होना निस्संदेह हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 12(1)(ए) के तहत क्रूरता की श्रेणी में आता है, लेकिन, यह आईपीसी की धारा 498ए के तहत अपराध नहीं है." पीठ ने पाया कि पति के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही आगे नहीं बढ़ाई जा सकती, क्योंकि यह कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग होगा और इसका परिणाम न्याय का उल्लंघन होगा.

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बता दें कि इस दंपती की शादी 18 दिसंबर 2019 को हुई थी और शिकायतकर्ता पत्नी केवल 28 दिनों तक ही पति के घर पर रही. उसने 5 फरवरी 2020 को आईपीसी की धारा 498ए के तहत पुलिस में शिकायत दर्ज की, जो दहेज उत्पीड़न से संबंधित है. उसने हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 12 (1) (ए) के तहत फैमिली कोर्ट के समक्ष एक मामला भी दायर किया था, जिसमें दावा किया गया था कि उसकी शादी असंपन्न है. याचिकाकर्ता पत्नी ने अपने पति और उसके सास-ससुर के खिलाफ आपराधिक मामला भी दर्ज किया था.

(आईएनएएस)

Last Updated : Jun 20, 2023, 2:20 PM IST
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