बेंगलुरु: कर्नाटक हाई कोर्ट ने चुनावी अवैधताओं में लिप्त होने को लेकर गुरुवार को जनता दल (एस) के विधायक बी.सी. गौरीशंकर अयोग्य ठहराया और छह साल के लिए चुनाव लड़ने पर भी प्रतिबंध लगा दिया. हालांकि, न्यायमूर्ति सुनील दत्त यादव की अध्यक्षता वाली एकल खंडपीठ ने आदेश पर एक महीने की रोक लगाकर उन्हें राहत दे दी.
गौरीशंकर तुमकुरु ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं. उनके प्रतिद्वंद्वी बीजेपी उम्मीदवार सुरेश गौड़ा ने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. यह आरोप लगाया गया था कि गौरीशंकर ने 2018 के विधानसभा चुनावों के दौरान मारुति सेवा ट्रस्ट से बुजुर्गो और बच्चों के लिए समूह स्वास्थ्य बीमा योजनाओं की पेशकश की थी, जिसमें उनके परिवार के सदस्य ट्रस्टी हैं.
गौरीशंकर के वकील ने कहा कि चूंकि चुनाव पहले ही घोषित हो चुके हैं, इसलिए फैसला उन्हें प्रभावित करेगा. उसके बाद कोर्ट ने 30 दिनों के लिए अपने आदेश पर रोक लगा दी.
गौरीशंकर को सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष अपील करनी होगी और उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक का आदेश लेना होगा. नहीं तो वह अगले छह साल तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे.
क्या है मामला?: आरोप है कि गौरीशंकर ने 2018 के विधानसभा चुनाव में 39 हजार वयस्कों और 16 हजार बच्चों को अवैध रूप से फर्जी बीमा पॉलिसी बांटकर जीत हासिल की थी. यह जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 123 के तहत अपराध है. इस प्रकार, सुरेश गौड़ा ने जुलाई 2018 में गौरीशंकर के चयन को अमान्य करने की मांग करते हुए उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की. आगामी विधानसभा चुनाव के लिए जेडीएस द्वारा हाल ही में घोषित उम्मीदवारों की पहली सूची में गौरी शंकर को तुमकुर ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्र से टिकट देने की घोषणा की गई है.
(आईएएनएस)