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बॉडीगार्डों के घेरे में रहते करौली बाबा, करोड़ों रुपये की गाड़ियों से हैं चलते

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Published : Mar 26, 2023, 11:23 AM IST

कानपुर के बिधनू थाना क्षेत्र के करौली गांव में करौली बाबा का साम्राज्य 14 एकड़ में फैला है. बाबा 24 घंटे बॉडीगार्डों से घिरे रहते हैं. साथ ही वे लग्जरी गाड़ियों से चलते हैं. आजकल वो विवादों में घिरे हैं, इसलिए चर्चा में हैं.

karauli baba ashram
karauli baba ashram

कानपुर के बिधनू में करौली बाबा के ठाठ

कानपुर: उत्तर प्रदेश में इन दिनों बाबाओं का काफी बोलबाला है. सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार को लेकर सभी अपने तरीके से कवायद कर रहे हैं. फिर बात चाहे बागेश्वर धाम के प्रमुख धीरेंद्र शास्त्री की हो या फिर कानपुर शहर के बिधनू थाना क्षेत्र के अंतर्गत स्थित करौली गांव के संतोष सिंह भदौरिया उर्फ करौली बाबा की. दोनों ही बाबा इस समय चर्चा का विषय बन चुके हैं. लेकिन, इन दिनों करौली बाबा के ऊपर एक के बाद एक आरोप भी लग रहे हैं, जिसकी वजह से वह विवादों के घेरे में आते जा रहे हैं. खैर, यहां जानिए करौली बाबा के क्या ठाठ हैं? वे कैसी आलीशान जिंदगी जीते हैं.

आपको जानकर हैरानी होगी कि बाबा के आश्रम में अपने एक अलग ही ठाठ हैं. बाबा 24 घंटे अपने आसपास बॉडीगार्ड के बीच में रहते हैं और बाबा के आने-जाने के लिए कई लग्जरी गाड़ियों का प्रबंध रहता है. इन गाड़ियों की कीमत करोड़ों में है. बाबा के पास तो रेंज रोवर गाड़ी भी है. वहीं, जब 23 मार्च को ईटीवी भारत ने बाबा से पूछा कि आप इतनी आलीशान जिंदगी कैसे जीते हैं तो जवाब में संतोष सिंह भदौरिया कहते हैं हर साल वे एक-एक चीज का टैक्स देता हैं. यहां जो प्रसाद भी भक्तों को दिया जाता है उस पर भी बारकोड लगा हुआ है. इतना ही नहीं बाबा ठोस दावा कर कहते हैं कि अगर आयकर अधिकारी आकर अपने स्तर से जांच कर लें तो उन्हें किसी बात की चिंता नहीं है.

बाबा माइक से बोलते ओम शिव बैलेंस, दावा- समस्या का हो जाता समाधान

बाबा से साक्षात्कार करने से पहले आश्रम में 100 रुपये की एक रसीद लेनी होती है. इसके साथ ही यहां पर आपको कई तरीके की प्रक्रिया भी पूरी करनी होती है. हर प्रक्रिया का अलग-अलग रेट तय है. इसमें जो भक्त अपनी समस्या को लेकर आते हैं, उनके लिए जो हवन की प्रक्रिया होती है उसका खर्चा 5000 से लगभग 100000 रुपये तक है. इस प्रक्रिया को पूरी करने के लिए जिस भी सामान की आपको आवश्यकता है, वह सारा सामान आश्रम में मौजूद है. इसके बाद जब भक्त अपनी समस्या को लेकर बाबा के सामने जाते हैं तो बाबा माइक के जरिए एक मंत्र बोलते हैं. ओम शिव बैलेंस उसके बाद जिस भी तरीके का तंत्र मंत्र व कोई भी ऊपरी चक्कर होता है तो वो ठीक हो जाता है, ऐसा बाबा का कहना है. हालांकि, जो भक्त वहां पर मौजूद हैं. उनका भी ऐसा कहना है कि यहां पर आने के बाद उनकी हर एक समस्या और बीमारी का समाधान हो जाता है.

कैसे तय किया, किसान नेता से करौली बाबा तक का सफर

दरअसल, संतोष सिंह भदौरिया उन्नाव जिले के बारह सगवर के रहने वाले हैं. बाबा बनने के सफर से पहले उन्होंने किसानोें के हितों की आवाज उठाई थी तो उनकी पहचान एक किसान यूनियन के कार्यकर्ता के तौर पर भी रही. वहीं, जब किसान यूनियन की ओर से आंदोलन किया गया था तो वह भी उसमें शामिल थे और उसी बीच उनकी पुलिस से भिड़ंत हो गई थी. इसके चलते बाबा पर गैंगस्टर और गुंडा एक्ट की कार्रवाई हुई थी. उन्हें जेल भेज दिया गया था. जमानत पर जेल से रिहा होने के बाद उन्होंने आयुर्वेद के माध्यम से किए जाने वाले उपचार के बारे में भी सीखा. इस बीच जब उनकी मुलाकात पूर्व केंद्रीय मंत्री श्रीप्रकाश जयसवाल से हुई तो उनके साथ नजदीकियां काफी बढ़ गई थीं. इसके चलते उन्हें कोयला निगम का चेयरमैन भी बना दिया गया था. हालांकि, कुछ ही समय बाद उन्हें इस पद से हटा दिया गया था. लोग कहते हैं कि ऐसा नहीं है कि केवल बाबा चमत्कार ही करते हैं. संतोष सिंह भदौरिया का तो अपराधों से भी गहरा नाता रहा है. उन पर चर्च की जमीन को हड़पने का भी आरोप है. इसके बाद वह संतोष सिंह भदोरिया से करौली बाबा बन गए.

कानपुर के करौली गांव में 14 एकड़ में फैला है बाबा का आश्रम

बिधनू थाना क्षेत्र के करौली गांव में बाबा संतोष सिंह भदोरिया उर्फ करौली बाबा का जो साम्राज्य है, वह 14 एकड़ में फैला है. इस आश्रम की तमाम खूबियां हैं. बाबा बताते हैं कि यहां आपको 24 घंटे भंडारा चखते भक्त दिखेंगे. वहीं, कैंटीन में अगर कुछ अन्य चीजों का स्वाद चखना है तो उसके लिए भक्तों को शुल्क देना होगा. आश्रम में लोगों की समस्याओं को लेकर हवन कुंड भी बने हैं. साथ ही इसी आश्रम में करौली सरकार राधारमण कामाख्या माता का मंदिर है. आश्रम में लोगों के रुकने की व्यवस्था का प्रबंध है. लेकिन, जो लोग अलग से बने कमरों में रहना चाहते हैं तो उनसे शुल्क लिया जाता है. बाबा के इस आश्रम में अपनी समस्या को लेकर कानपुर शहर ही नहीं बल्कि, विदेशों से भी लोग आते हैं और उनका ऐसा मानना है कि यहां पर आने से उनकी हर समस्या छूमंतर हो जाती है.

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