भोपाल। रतलाम के रेलवे स्कूल से 2008 में पास आउट रश्मि को जब पता चला कि उस के साथ पढ़ने वाले चेतन चौधरी ने चार लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी तो उसे झटका लगा, लेकिन आश्चर्य नहीं हुआ. क्योंकि उसे पता है कि चेतन का पारा हमेशा चढ़ा रहता था. पिता के गुजर जाने के बाद मां के साथ रहता था. रतलाम के अंबिका नगर में उसका घर था. पड़ोसी बताते हैं कि कई बार उसके गुस्से का शिकार उसकी मां भी हुई है. ETV Bharat ने मुंबई के पालघर रेलवे स्टेशन पर हुए हादसे के बाद सिलसिलेवार पड़ताल शुरू की तो यह खुलासा हुआ.
ऐसे मिली नौकरी: रतलाम जिले के विजय सिंह ने बताया कि आरोपी चेतन के पिता बच्चु लाल चौधरी रेलवे में हेडकांस्टेबल के रूप में पदस्थ थे. चेतन ने 2008 में रेलवे स्कूल से 12वीं तक की पढ़ाई की. पिता की असमय मृत्यु होने के बाद चेतन को अनुकंपा नियुक्ति मिली. पहली ज्वाइनिंग रेलवे पुलिस स्पेशल फोर्स (RPSF) में मिली. 2015 तक रतलाम में काम किया. लेकिन गुस्से के चर्चे यदाकदा सामने आने रहते थे.
स्कूल के दिनों से गुस्सैल: 2015 में चेतन का ट्रांसफर उज्जैन के डॉग स्क्वाड में कर दिया गया. यहां भी इसके गुस्से के कई लोग शिकार हुए. इसके बाद उसे भावनगर आरपीएफ में पोस्टिंग दी गई. रेलवे स्कूल में पढ़ने वाले इनके बच्चों से बात की तो पता चला कि चेतन फुटबाल बहुत अच्छा खेलता था. पढ़ने में भी ठीक था, लेकिन किसी भी मुद्दे पर बहस करते समय वह हाइपर हो जाता था. इतना अधिक की मार पीट पर उतारू हो जाता था.
यह है मामला: जयपुर-मुंबई एक्सप्रेस (12956) में सोमवार (31 जुलाई) की सुबह रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (RPF) के एक कॉन्स्टेबल चेतन चौधरी अपने तीन साथियों के साथ एस्कार्ट ड्यूटी कर रहा था. कोच बी-5 में सफर के दौरान चेतन चौधरी और कुछ यात्रियों के बीच सियासी बहस शुरू हो गई. इसी में कुछ कहासुनी हो गई. इसके बाद चेतन ने एक के बाद एक चार लोगाें की गोली मारकर हत्यार कर दी. उसके पास ऑटोमैटिक राइफल थी. जिन लोगों की हत्या की, उनमें चेतन के साथी असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर (ASI) टीकाराम मीणा भी शामिल हैं. इसके बाद वह दूसरे डिब्बे में गया और 3 पैसेंजर्स को भी शूट कर दिया. घटना के वक्त ट्रेन गुजरात से महाराष्ट्र जा रही थी. फायरिंग पालघर रेलवे स्टेशन के पास ट्रेन के कोच बी-5 में हुई.
मानसिक रूप से था अस्थिर: आरपीएफ कमिश्नर रवींद्र शिशवे ने कहा कि चार शव अलग-अलग कोच से मिले. दो बॉडी बी 5, एक पैंट्री कार और एक बी 1 कोच से मिलीं. अब तक मिली जानकारी के अनुसार आरोपी कॉन्स्टेबल गुस्सैल और मानसिक रूप से अस्थिर है. कांस्टेबल ने कोच में किसी बात को लेकर कोई कमेंट किया. इसका विरोध उसके साथी एएसआई मीणा ने किया तो इस बात से नाराज होकर सबसे पहले उसने मीणा को गोली मार दी. घटना सुबह करीब 5.30 बजे की है. हत्या करने के बाद चेतन दहिसर स्टेशन के पास ट्रेन से उतर कर भाग गया हालांकि बाद में उसे हथियार के साथ गिरफ्तार कर लिया गया था.
मरने वालों में MP के मंदसौर जिले के भानपुरा निवासी कादर भाई बोहरा भी शामिल है. कादर भाई भवानी मंडी से मुंबई के लिए रवाना हुए थे. वे इस ट्रेन के बी- 5 कोच में ही सवार थे. फायरिंग के दौरान उन्हें भी गोली लगी और उनकी भी मौत हो गई.