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अब अडानी के Apple CA Store पर हिमाचल सरकार की नजर, सेब ग्रेडिंग से लेकर अन्य मानकों की होगी जांच

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Published : Feb 9, 2023, 8:44 PM IST

बुधवार को हिमाचल में अडानी विल्मर के गोदाम पर आबकारी एवं कराधान विभाग ने टैक्स चोरी के शक में छापेमारी की थी. जिसके बाद अब हिमाचल सरकार की नजर अडानी के सेब के सीए स्टोरों पर है. इस बात के संकेत खुद बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने दिए हैं. दरअसल हिमाचल में अडानी सेब की खरीद करता है और हिमाचल में अडानी के सीए स्टोर हैं. अब सरकार इन स्टोरों पर नजर रखेगी और देखेगी कि कंपनी प्रबंधन बागवानों का शोषण न कर पाए. (Jagat Singh Negi target Adani Group) (jagat Singh Negi on apple CA store) (adani apple CA store in himachal) (Himachal Excise Department raid on Adani) (Adani in Himachal) (HP Govt will investigate adani apple CA store)

adani apple CA store
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अडानी के CA स्टोर खंगालेगी सुक्खू सरकार

शिमला: हिमाचल में अडानी विल्मर के गोदाम पर आबकारी एवं कराधान विभाग ने टैक्स चोरी के शक में छापेमारी की थी. वहीं, अब हिमाचल की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार की नजर अडानी के सेब सीए स्टोर यानी कोल्ड स्टोर पर है. सीए स्टोर में सेब की ग्रेडिंग, वजन, कलर निर्धारण सहित अन्य मानकों की सरकार जांच करेगी. बागवानों की सीए स्टोर में सेब खरीद के संबंध में सरकार के पास शिकायतें आती रही हैं. जिस पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है, लेकिन अब सरकार इन स्टोर्स पर नजर रखेगी और देखेगी कि कंपनी प्रबंधन बागवानों का शोषण न कर पाए. बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने मीडिया से बातचीत में इसके संकेत दिए हैं. उन्होंने कहा कि हिमाचल में अडानी के जितने सीए स्टोर हैं उनको चेक किया जाएगा और यह देखा जाएगा कि ग्रेडिंग और सेब के कलर का निर्धारण सही तरीके से हो रहा है या नहीं.

अडानी के सभी सीए स्टोर्स की होगी जांच: शिमला जिले में सेब के लिए अडानी ने रामपुर के बीथल, रोहड़ू और सैंज में तीन सीए स्टोर बना रखे हैं. बागवानों की शिकायत रहती है कि एक बार परिसर में सेब चला जाए तो उनको अंदर जाने की इजाजत नहीं होती. कई बार सेब को रिजेक्ट किया जाता है, हालांकि इसके लिए सेब को मानकों पर खरा न उतरने का कारण बताया जाता है. इस पर बागवान आपत्ति जता चुके हैं. मौजूदा सरकार के बागवानी मंत्री ने इसके साफ संकेत दे दिए हैं कि सरकार इसको लेकर चुप नहीं बैठेगी. परवाणु में अडानी विल्मर के के स्टोरों पर बीते दिन हुई छापेमारी पर जगत सिंह ने कहा कि आबकारी विभाग को टैक्स को लेकर आशंका है, इसकी जांच की जा रही है, उन्होंने इसे एक सामान्य प्रकिया बताया है. वहीं, सीमेंट विवाद पर बागवानी मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री शिमला लौटने के बाद इस पर कोई ठोस फैसला लेंगे.

'पीएम मोदी तय करेंगे कि हम क्या कहें': राहुल गांधी पर विपक्ष द्वारा विशेषाधिकार के हनन का मामला बनाने के बयानों पर जगत सिंह नेगी ने कहा कि संविधान में सांसदों को संसद में बोलने का अधिकार दिया गया है. लेकिन इसको लेकर अंकुश लगाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने ऐसी कोई बात नहीं की जो पब्लिक डोमेन में न हो. उन्होंने कहा कि यह सब जानते हैं कि पीएम मोदी जहां-जहां विदेश में गए वहां अडानी भी साथ में रहे हैं. सच्चाई बोलने के लिए विशेषाधिकार हनन की बात की जा रही है. उन्होंने सवाल किया कि क्या पीएम मोदी यह तय करेंगे कि विपक्ष के नेता क्या बोलेंगे.

'अडानी के खिलाफ क्यों नहीं बोल रहे पीएम मोदी': उन्होंने कहा कि हिमाचल के पूर्व सीएम जयराम ठाकुर समेत तमाम बीजेपी नेता राहुल गांधी पर हमलावर हैं और संविधान की दुहाई दे रहे हैं. लेकिन वो सिर्फ पीएम मोदी को खुश करना चाहते हैं. जयराम ठाकुर जब सत्ता में थे, तो संविधान का उल्लंघन करते थे और अब विपक्ष में रहकर कांग्रेस सरकार पर संविधान उल्लंघन करने की बात कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी देश के हित में बोल रहे हैं, यह सब जानते हैं कि अडानी की कंपनियों में निवेश करने वाली एसबीआई, एलआईसी डूब रही है. लेकिन इस वक्त भी पीएम मोदी अडानी को लेकर एक शब्द नहीं बोल रहे हैं.

'बॉर्डर एरिया के लिए बीएडीपी का नाम बदला, एक पैसा नहीं दिया': जगत सिंह नेगी ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने पहले चल रहे बार्डर एरिया डेवेल्मेंट प्रोग्राम यानी बीएडीपी का नाम बदलकर वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम करने के सिवा कुछ भी नहीं किया. उन्होंने कहा कि पहले इसके लिए केंद्र से पैसा आता था लेकिन केंद्र में भाजपा सरकार के समय में इसका नाम बदलने के सिवा कुछ नहीं किया गया. इसके लिए पहले तो ग्रांट कम कर दी गई और अब बिल्कुल बंद कर दी है. वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत देश में 129 गांव लिए गए हैं, जिनमें हिमाचल में किन्नौर का एक और लाहौल स्पीति के दो गांव है, इनके लिए एक भी पैसा केंद्र ने जारी नहीं किया है.

उन्होंने कहा कि इसके विपरीत सीमा से सटे अपने क्षेत्र में चीन ने अपने गांव बसाने शुरू कर दिए हैं, लेकिन सरकार कोरी घोषणाएं कर रही हैं. उन्होंने कहा कि बार्डर एरिया में विकास की कौन से योजनाएं बनाई जानी चाहिए इसके लिए ग्राउंड में आकर काम किया जाना चाहिए. लोग क्या चाहते हैं और उनका किस तरह से विकास हो, इसके लिए कदम उठाए जाने की जरूरत है, उन्होंने साफ कहा कि दिल्ली में एसी में बैठकर इसके लिए काम नहीं किया जा सकता, इसके लिए जमीनी स्तर पर हकीकत को समझकर काम करने की जरूरत है.

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