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सिलक्यारा टनल हादसा: रेस्क्यू के लिए आई विशालकाय मशीनें कैसे जाएंगी वापस? कम नहीं चुनौतियां

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 2, 2023, 7:53 AM IST

Uttarkashi Silkyara Tunnel Accident उत्तरकाशी के सिल्क्यारा टनल में फंसे मजदूरों को सकुशल निकालने के लिए हैवी मशीनों को साइड तक पहुंचाया गया था. जिसमें भारतीय वायु सेना की भी मदद ली गई और मशीनों को साइड तक पहुंचाने के लिए हाईवे पर ग्रीन कोरिडोर बनाया गया. वहीं रेस्क्यू ऑपरेशन सफल होने के बाद इन मशीनों को उन राज्यों में कैसे भेजा जाएगा, जहां से इन मशीनों को मंगाया गया था, ये सवाल उठ रहा है.

उत्तरकाशी के सिल्क्यारा टनल में फंसे मजदूरों को सकुशल निकालने के लिए हैवी मशीनों को
सिल्क्यारा टनल हादसा

देहरादून (उत्तराखंड): उत्तराखंड के उत्तरकाशी के सिल्क्यारा टनल में फंसे मजदूरों को सकुशल निकाल लिया गया है और अब सभी अपने-अपने घर पहुंच गए हैं. राज्य सरकार और तमाम एजेंसियों ने भी राहत की सांस ली है. टनल में फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए दुनिया भर से न केवल एक्सपर्ट आए, बल्कि देश के अलग-अलग कोनों से मशीनें भी उत्तरकाशी मंगवाई गई. एयर फोर्स की सहायता और सड़क मार्ग से लाई गई इन मशीनों कम समय में ही रेस्क्यू कार्य को पूरा किया. लेकिन कई मशीनें ऐसी भी हैं, जो काम में नहीं लाई जा सकी और विकल्प के तौर पर उत्तरकाशी मंगवाई गई. लेकिन सवाल ये उठ रहा है कि अब इन हैवी मशीनों को जहां से मंगाया गया था वहां कैसे भेजा जाएगा?

Uttarkashi Silkyara Tunnel Accident
वायुसेना के विमान से पहुंचाई गई मशीनें

उत्तरकाशी में कई जगहों पर पड़ी हैं मशीनें: उत्तरकाशी के टनल के आसपास अब सन्नाटा पसरा हुआ है. लेकिन अब सबसे बड़ी समस्या इस बात की है कि इस विशालकाय मशीनों को वापस उन शहरों तक कैसे भिजवाया जाए जहां से ये आई हैं. उत्तरकाशी के अलग-अलग जगहों पर ये मशीनें अभी भी पड़ी हुई हैं. इन मशीनों को उत्तरकाशी तक पहुंचाने के लिए एयरफोर्स ने अहम भूमिका निभाई. 24 घंटे के अंदर देश के अलग-अलग हिस्सों से कई मशीनों को उत्तरकाशी पहुंचाया गया. इसी के साथ ही बड़े-बड़े ट्रक और ट्रालों के माध्यम से भी मशीनें उत्तरकाशी पहुंची. इन मशीनों में सबसे अत्याधुनिक मशीनों की अगर बात की जाए तो होरिजेंटल ड्रिलिंग हो या फिर वर्टिकल ड्रिलिंग मशीन, इनके पार्ट्स काफी बड़े हैं. देश के अलग-अलग प्रमुख संस्थानों से यह मशीनें आई हैं.

Uttarkashi Silkyara Tunnel Accident
विशालकाय मशीनें कैसे जाएंगी वापस
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शासन-प्रशासन ने ग्रीन कॉरिडोर बनाकर पहुंचाया: कुल मिलाकर लगभग 9 बड़ी मशीन उत्तरकाशी के टनल के आसपास आज भी पड़ी हुई हैं. जब इन मशीनों को यहां तक पहुंचाया गया था, तब ऋषिकेश से लेकर उत्तरकाशी तक ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया था. जिसमें पुलिस-प्रशासन और अन्य विभागों की मदद लेकर तत्काल आवाजाही को रोककर उत्तरकाशी मशीनों को भेजा गया था. कई मशीन ऐसी हैं जो 4 से 5 दिन में उत्तरकाशी पहुंची थी. गंगोत्री और यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग में कई जगहों पर यह मशीन कई बार अटकी भी, लेकिन प्रशासन ने हर संभव प्रयास करके इनको टनल साइड तक पहुंचाया.वर्टिकल ड्रिलिंग की मशीन सबसे बड़ी है, जो आसानी से नीचे नहीं उतर सकती. इसके साथ ही ऑगन मशीन के पार्ट्स हवाई मार्ग से उत्तरकाशी पहुंचे थे.
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क्या कह रहे जिम्मेदार अधिकारी: उत्तरकाशी के जिलाधिकारी अभिषेक रोहिल्ला का कहना है कि इन मशीनों को धीरे-धीरे एक-एक कर कर नीचे उतारा जाएगा और सभी मशीनें कैसे अलग-अलग राज्यों में पहुंचेगी, इस पर फिलहाल विचार-विमर्श हो रहा है. अच्छी बात यह है कि अधिक से अधिक मशीनों का प्रयोग इस ऑपरेशन में किया गया. हमारी प्राथमिकता 41 लोगों को बचाने की थी, अब प्राथमिकता यह है कि इन सभी व्यवस्थाओं को बनाया जाए. फिलहाल पूरे टनल के आसपास पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है, क्योंकि सरकारी सामान साइड पर पड़ा है. डर ये भी है कि कोई सुरंग के अंदर घुसकर देखने का प्रयास ना करें.फिलहाल टनल का काम अगले आदेशों तक बंद रहेगा.

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