ETV Bharat / bharat

चंद्रयान-3 की सफलता से मानव को अंतरिक्ष में भेजने के इसरो के कार्यक्रम को मिला प्रोत्साहन

author img

By

Published : Jul 15, 2023, 4:36 PM IST

भारत के द्वारा चंद्र मिशन चंद्रयान-3 के सफल प्रक्षेपण के बाद मानव को अंतरिक्ष में जाने के कार्यक्रम को प्रोत्साहन मिला है. वहीं इसरो अपनी महत्वाकांक्षी परियोजना गगनयान को लेकर जुटा है.

Chandrayaan 3 success
चंद्रयान-3 की सफलता

श्रीहरिकोटा (आंध्र प्रदेश) : भारत के तीसरे चंद्र मिशन चंद्रयान-3 का एलवीएम-एम4 रॉकेट से ऐतिहासिक प्रक्षेपण ने मानव को अंतरिक्ष में ले जाने के देश के प्रथम कार्यक्रम को काफी बल प्रदान किया है क्योंकि इसी प्रक्षेपण यान का उपयोग महत्वाकांक्षी गगनयान अभियान के लिए किया जाएगा. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अपनी महत्वाकांक्षी परियोजना गगनयान के सफल प्रक्षेपण के लिए जोरशोर से जुटा हुआ है. इस अभियान के तहत तीन व्यक्तियों को तीन दिन के लिए 400 किलोमीटर की कक्षा में ले जाया जाएगा और फिर उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाया जाएगा.

यहां सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के वैज्ञानिकों के अनुसार, 14 जुलाई को चंद्रयान-3 को साथ लेकर अंतरिक्ष में जाने वाले 44.3 मीटर लंबे एलवीएम-3 रॉकेट 'मानव को सुरक्षित रूप से अंतरिक्ष तक ले जाने' की क्षमता रखने वाला प्रक्षेपण यान होगा. इसरो ने बताया कि गगनयान कार्यक्रम के लिए एलवीएम3 रॉकेट में, मानव को सुरक्षित रूप से अंतरिक्ष में ले जाने की आवश्यकताओं के अनुरूप बदलाव किया जाएगा और इसका नाम बदलकर 'ह्यूमैन रेटेड एलवीएम3' किया गया है.

अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार को एलवीएम3 रॉकेट ने शानदार उड़ान भरी जो प्रक्षेपण यान की विश्वसनीयता का संकेत है. एलवीएम3 रॉकेट तीन मॉड्यूल का समन्वय है, जिसमें प्रणोदन, लैंडर और रोवर शामिल हैं. इसरो अध्यक्ष एस सोमनाथ ने कहा कि गगनयान के लिए पहला परीक्षण अगस्त के अंत तक किया जाएगा. अगले साल के अंत तक एक मानवरहित मिशन अंतरिक्ष में भेजने की इसरो की योजना है.

बता दें कि शुक्रवार को यहां एलवीएम3-एम4 रॉकेट के जरिए अपने तीसरे चंद्र मिशन- 'चंद्रयान-3' का सफल प्रक्षेपण किया था. इस अभियान के तहत यान 41 दिन की अपनी यात्रा में चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र पर एक बार फिर 'सॉफ्ट लैंडिंग' का प्रयास करेगा जहां अभी तक कोई देश नहीं पहुंच पाया है. चंद्र सतह पर अमेरिका, पूर्व सोवियत संघ और चीन 'सॉफ्ट लैंडिंग' कर चुके हैं लेकिन उनकी 'सॉफ्ट लैंडिंग' चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र पर नहीं हुई थी.

ये भी पढ़ें - Watch Video: चंद्रमा के सफर पर श्रीहरिकोटा स्पेस सेंटर से रवाना हुआ इसरो का चंद्रयान-3

(पीटीआई-भाषा)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.