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पाकिस्तान के क्वेटा व पेशावर से मिलते हैं ISIS (K) को विस्फोटक

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Published : Aug 28, 2021, 9:16 PM IST

सच कहा जाए तो न केवल लड़ने वाले लोग बल्कि पाकिस्तान से उच्च गुणवत्ता वाले विस्फोटक भी अफगानिस्तान में इस्लामिक स्टेट (खोरासन) द्वारा मंगवाए जाते हैं. वरिष्ठ संवाददाता संजीब कुमार बरुआ की रिपोर्ट.

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नई दिल्ली : काबुल हवाई अड्डे पर गुरुवार का विनाशकारी विस्फोट बुलेट-प्रूफ जैकेट और अमेरिकी सैनिकों द्वारा पहने जाने वाले हेलमेट जैसे उच्च-स्तरीय सुरक्षात्मक गियर को भी भेदने में कामयाब रहा. यह इस बात का संकेत है कि वहां बहुत उच्च गुणवत्ता वाले विस्फोटकों का उपयोग किया गया. संभावना है कि विस्फोटक में अमोनियम नाइट्रेट और आरडीएक्स का घातक मिश्रण था, जो अधिकतम प्रभावशाली होता है.

मीडिया रिपोर्टों में एक अमेरिकी अधिकारी के प्रारंभिक आकलन के हवाले से कहा गया है कि इस्लामिक स्टेट-खोरासन (आईएस-के या आईएसआईएस-के या आईएसके) के आत्मघाती हमलावर ने 25 पाउंड विस्फोटक (11 किलोग्राम से अधिक) का इस्तेमाल किया जिसमें छर्रे से भरे थे. घातक विस्फोट की वजह से 13 अमेरिकी सैनिकों सहित 169 अफगान नागरिकों की मौत हो गई.

आईएस (के) विस्फोटक कहां से लाता है?

काबुल स्थित अफगान इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रैटेजिक स्टडीज (एआईएसएस) द्वारा आईएस (के) पर एक रिपोर्ट कहती है कि आईएसके के लिए अधिकांश बम बनाने वाली सामग्री का स्रोत पाकिस्तान है. यहां के पेशावर और क्वेटा को ISK के विस्फोटक उत्पादन, अमोनियम नाइट्रेट के एक प्रमुख घटक के स्रोत के रूप में उद्धृत किया गया है. ISK के लिए नियत धन और सामग्री को भी अफगान-पाकिस्तान सीमा क्रॉसिंग पर पुरुषों की पगड़ी और सब्जी वैगनों में छिपाकर लाया जाता है.

पूर्व अफगान सरकारी अधिकारियों और आईएसके लड़ाकों के व्यापक साक्षात्कार के बाद संकलित अफगानिस्तान के प्रमुख थिंक-टैंक की 126 पृष्ठ की रिपोर्ट में कहा गया है कि आईएसके रिकॉर्ड तक पहुंच रखने वाले विशेषज्ञ इसकी 90 प्रतिशत से अधिक सदस्यता का आकलन पाकिस्तान या अफगानिस्तान से करते हैं.

पूर्व टीटीपी (तहरिक-ए-तालिबान पाकिस्तान) के लड़ाके विशेष रूप से इसकी लड़ाई ताकत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनते हैं. इसलिए समूह में बड़ी संख्या में पाकिस्तानी लड़ाके होना आश्चर्यजनक नहीं हैं.

इसके अलावा आईएसके के पास उपलब्ध उपकरणों की गुणवत्ता और मात्रा ने कुछ लोगों को यह निष्कर्ष निकालने के लिए प्रेरित किया है कि भौगोलिक रूप से निकटवर्ती राज्य से इसकी आपूर्ति होनी चाहिए.

रिपोर्ट में कहा गया है कि नकली AK47 कथित तौर पर पाकिस्तान में निर्मित होते हैं और पूरे अफगानिस्तान में ISK इकाइयों को आपूर्ति की जाती है. इनमें से कोई भी स्पष्ट रूप से पाकिस्तान के समर्थन को साबित नहीं करता है लेकिन यह संकेत देता है कि शायद सरकार आंखें मूंद रही है और इस तरह की गतिविधियों को बढ़ावा दे रही है.

नाइट्रोजन, कृषि उर्वरकों और खनन सहित निर्माण में व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है. अमोनियम नाइट्रेट ईंधन तेल को तैयार करने में एक प्रमुख रासायनिक घटक है, जो आरडीएक्स जैसे प्राथमिक विस्फोटकों द्वारा विस्फोट के लिए ट्रिगर का काम करता है.

14 फरवरी 2019 को पुलवामा में हुए विनाशकारी आत्मघाती विस्फोट सहित भारत में अधिकांश आतंकी हमलों में अमोनियम नाइट्रेट-आरडीएक्स संयोजन का उपयोग किया गया है. अफगानिस्तान मुख्यालय और इराक व सीरिया (आईएसआईएस) में इस्लामिक स्टेट का एक सहयोगी, आईएस (के) कट्टरपंथी सलाफिस्ट-वहाबी इस्लामी विचारधारा का पालन करता है.

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10 जनवरी 2015 को स्थापित आईएस (के) के पास नंगरहार, कुनार और काबुल सहित अशांत पूर्वोत्तर अफगानिस्तान पड़ोसी देश पाकिस्तान में कुछ गढ़ हैं. आईएस (के) ने क्रमशः 10 मई 2019 और 15 मई 2019 को खुद को विलयत अल-हिंद (भारत के लिए) और विलयत पाकिस्तान (पाकिस्तान के लिए) में विभाजित किया.

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