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Bihar Caste Census: बिहार में जातीय जनगणना पर लगी रोक, पटना हाईकोर्ट का आदेश

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Published : May 4, 2023, 8:38 AM IST

Updated : May 4, 2023, 2:46 PM IST

पटना हाईकोर्ट
पटना हाईकोर्ट

बिहार में जातिगत जनगणना और आर्थिक सर्वेक्षण को चुनौती देने वाली याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी होने के बाद आज फैसले आ गया है. पटना हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश जारी करते हुए इस पर रोक लगा दी है.

पटना: बिहार के पटना हाईकोर्ट में जातिगत गणना और आर्थिक सर्वेक्षण को चुनौती देने वाली याचिका पर फैसला आ गया है. उच्च न्यायालय ने जातीय जनगणना पर फिलहाल रोक लगाने का आदेश दिया है. आपको बताएं कि यह कहकर चुनौती दी गई थी कि जातिगत जनगणना का कार्य राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है. इस मामले पर 3 मई को हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी हुई थी.

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जातीय जनगणना पर सुनवाई पूरीः कोर्ट में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने जानना चाहा कि क्या जाति के आधार पर जनगणना और आर्थिक सर्वेक्षण कराना कानूनी बाध्यता है. कोर्ट ने यह भी पूछा था कि यह अधिकार राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में है या नहीं. इस पर सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीनू कुमार ने कोर्ट को बताया कि सरकार द्वारा की जा रही जातिगत जनगणना राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र से बाहर है. अधिवक्ता ने कहा कि केंद्र सरकार ही नियमों के तहत ऐसा सर्वे करा सकती है. यह केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है. अधिवक्ता दीनू कुमार ने कोर्ट को बताया कि इस सर्वे पर राज्य सरकार पांच सौ करोड़ रुपए खर्च करेगी.

क्या है सरकार का पक्षः दूसरी ओर राज्य सरकार का पक्ष रखते हुए महाधिवक्ता पीके शाही ने कल कोर्ट को बताया कि यह सर्वे जन कल्याण की योजनाएं बनाने और सामाजिक स्तर को सुधारने के लिए किया जा रहा है. आपको बता दें कि इस मामले में याचिकाकर्ताओं की ओर से दीनू कुमार और रितु राज, राज्य सरकार की ओर से अभिनव श्रीवास्तव और महाधिवक्ता पीके शाही ने अपना-अपना पक्ष कोर्ट के समक्ष रखा था. इस मामले में अब सुनवाई पूरी हो चुकी है. अब जातिगत गणना होगी या नहीं, यह आज तय होगा.

बिहार में उठी थी जातीय जनगणना की मांगः आपको बता दें कि बिहार में जाति आधारित जनगणना का दूसरा चरण शुरू हो गया है, लेकिन इसका विरोध भी जारी है. एक तरफ जहां इसे कोर्ट में चुनौती दी गई है, वहीं दूसरी तरफ सरकार इसके फायदे गिना रही है. बिहार में पिछड़ी राजनीति करने वाले अधिकांश राजनीतिक दलों और नेताओं ने मांग की थी कि बिहार में जातिगत जनगणना की जानी चाहिए. दरअसल, जाति आधारित जनगणना कराने को लेकर पिछले साल बिहार के राजनीतिक दलों का एक प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मिला था. लेकिन केंद्र के मना करने के बाद अब बिहार सरकार अपने खर्चे पर जातिगत जनगणना करा रही है.

Last Updated :May 4, 2023, 2:46 PM IST
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