नई दिल्ली : 'डेविल्स डॉटर' (पिशाच की बेटी) नाम की किताब को वेस्टलैंड ने प्रकाशित किया है. यह पाठकों को उनके (विधि के) जीवन को जानने का मौका देती है कि उन्होंने अपने माता-पिता की गिरफ्तारी को कैसे झेला और वह अवसाद और चिंता से कैसे बाहर आईं.
इंद्राणी मुखर्जी को अगस्त 2015 में अपनी बेटी शीना बोरा की हत्या करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. बोरा (24) को अप्रैल 2012 में महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में इंद्राणी ने एक कार में अपने चालक श्यामवीर राय और संजीव खन्ना के साथ कथित रूप से गला घोंटकर मार दिया था.
23 वर्षीय विधि ने किताब में कहा कि यह किताब हमदर्दी, ध्यान या कुछ हासिल करने के लिए नहीं लिखी गई है. जिस वजह से मैंने इस किताब को लिखने का फैसला किया है, वह मैं लफ्जों में बयां नहीं कर सकती हूं, जो मैं आपको बता सकती हूं वे बता दिया है.
उन्होंने कहा कि इंसान की जिंदगी में कई ऐसी चीजें होती हैं जिसका आप पहले से अंदाजा नहीं लगा सकते या उसके लिए तैयार नहीं होते हैं. इस पूरे घटनाक्रम का केंद्र मेरे माता-पिता हैं और इस सबमें मैं खो गई. यह सब 2015 में विधि के 18वें जन्मदिन से पहले शुरू हुआ जब उनकी मां इंद्राणी मुखर्जी को बोरा की कथित हत्या के मामले में गिरफ्तार कर लिया गया.
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विधि ने किताब में कहा कि इसके चार महीने बाद उनके पिता पीटर मुखर्जी को भी जुर्म करने के लिए उकसाने एवं मदद करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया. पीटर पूर्व मीडिया कारोबारी हैं और उन्हें इस साल के शुरू में उच्च न्यायालय से जमानत मिल गई थी.
(पीटीआई)