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भारतीय सैन्य थिएटर कमांड सिस्टम को शुरू होने में लग सकता है समय

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Published : Jul 2, 2021, 10:55 PM IST

Updated : Jul 3, 2021, 10:40 AM IST

डिजाइन फोटो
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वायु शक्ति की भूमिका पर सीडीएस और वायु सेना प्रमुख के बीच मतभेद इस बात का संकेत है कि थिएटर कमांड सिस्टम की शुरुआत में अभी कुछ समय लग सकता है. पढ़िए वरिष्ठ पत्रकार संजीब कुमार बरुआ की रिपोर्ट.

नई दिल्ली : पिछले कुछ समय से चुपचाप फुसफुसाते हुए चर्चा का यह विषय रहा है कि इंटिग्रेटिड थिएटर कमांड ( ntegrated Theatre commands) स्थापित करने की कोशिश में भारत के सबसे बड़े सैन्य सुधार (military reform) के प्रयास को लेकर भारतीय वायु सेना (Indian Air Force ) के साथ इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के कुछ प्रस्तावों से असहमत रहा है.

इस कारण थिएटर कमांड को स्थापित करने में बड़ी अड़चन का सामना करना पड़ा. लेकिन शुक्रवार को यह विवाद उस समय सबके सामने आ गया है जब भारतीय वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया (RKS Bhadauria) ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (Chief of Defence Staff) जनरल बिपिन रावत (General Bipin Rawat ) द्वारा एक मीडिया हाउस को दिए एक साक्षात्कार को लेकर अपनी असहमति व्यक्त की थी..

यह पूछे जाने पर कि क्या वह सीडीएस द्वारा भारतीय वायुसेना को सहायक भूमिका के रूप में वर्णित करने के लिए सहमत हैं, तो एयर चीफ मार्शल भदौरिया ने कहा 'यह IAF सहायक भूमिका नहीं है. किसी भी एकीकृत युद्ध क्षेत्र में वायु शक्ति (Air power ) की बहुत बड़ी भूमिका होती है, यह (वायु सेना की भूमिका) अकेले समर्थन के बारे में नहीं है और ऐसी बहुत सी चीजें हैं जो किसी भी वायु शक्ति हवाई योजना में जाती हैं.

इससे पहले एक साक्षात्कार में जनरल रावत ने टिप्पणी की थी कि IAF को एक एकल वायु रक्षा कमान की स्थापना पर कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए. यह प्रस्तावों का हिस्सा है और IAF लड़ाकू बलों के लिए सहायक भूमिका पर काम करता है .

उन्होंने कहा कि वायु सेना सिर्फ वायु रक्षा के लिए जिम्मेदार नहीं है. इसे एक और चार्टर मिला है. उन्हें इसलिए एक और चार्टर मिला है ताकि जमीनी बल जब ऑपरेशन करें तो उन्हें नजदीकी हवाई सहायता प्रदान मिले और यदि आप विरोधी के क्षेत्र में जाते हैं तो आक्रामक हवाई अभियान कर सकें.

हालांकि, IAF प्रमुख ने कहा कि इंटिग्रेटिड थिएटर कमांड की स्थापना बहुत अधिक जटिल है.

हम इंटिग्रेटिड थिएटर कमांड स्थापित करने के पक्ष में हैं, लेकिन हमने अपनी आंतरिक चर्चा में जो मुद्दा उठाया है, वह यह है कि हमें इसे कैसे करना होगा. हमें इसे सही करना होगा. यह सबसे महत्वपूर्ण सुधार है, जिसका युद्ध लड़ने पर प्रभाव पड़ता है ... कुछ ऐसे मुद्दे हैं, जिन पर हम आंतरिक रूप से चर्चा कर रहे हैं. ये सभी मुद्दे हैं जिन पर इसे ठीक करने के लिए विचार-विमर्श किया जाना है.

सीडीएस की देखरेख में भारतीय सेना (Indian military) कार्यात्मक कमांड सिस्टम को हटाकर और इसे थिएटर कमांड आर्किटेक्चर (Theatre command architecture) के साथ बदलकर एक विशाल आधुनिकीकरण और सुधार (modernization and reforms) के प्रयास कर रही है.

बुनियादी स्तर पर इसका मतलब है कि एक निर्दिष्ट क्षेत्र में एक कमांडर सभी बलों की सभी संपत्तियों और संसाधनों की कमान संभालेगा, चाहे वह सेना, नौसेना या उस क्षेत्र में तैनात वायु सेना से हो.

2015 के बाद से चीन ने अपने सात सैन्य क्षेत्रों (seven military regions ) को पांच भौगोलिक-संचालन थिएटर कमांड में पुनर्गठित करके थिएटर कमांड लाइनों के साथ अपनी सेना को पुनर्गठित किया है. दूसरी ओर, संयुक्त राज्य के छह एकीकृत थिएटर कमांड वैश्विक संचालन को नियंत्रित करते हैं.

इसके विपरीत, भारत में परिचालन और भौगोलिक (geographical) आवश्यकताओं के आधार पर 17 कमांड हैं- छह ऑपरेशनल आर्मी कमांड (six operational army commands ) और एक ट्रेनिंग कमांड, तीन नेवी कमांड, पांच आईएएफ ऑपरेशनल कमांड (IAF operational commands ) के अलावा एक ट्रेनिंग कमांड और एक मेंटेनेंस कमांड. इसमें अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में स्थित त्रि-सेवा कमान (tri-services command ) और एसएफसी (Strategic Forces Command) शामिल नहीं है.

पढ़ें - भारत, चीन को पूर्वी लद्दाख में यथास्थिति बहाल करने में सक्षम होना चाहिए : सीडीएस रावत

ड्रोन हमले
IAF प्रमुख ने यह भी कहा कि 27 जून को जम्मू IAF एयरबेस (Jammu IAF airbase) में ड्रोन हमले एक आतंकी कार्रवाई थी, जिसने प्रमुख सैन्य संपत्तियों को निशाना बनाया. जम्मू में जो हुआ वह एक आतंकवादी कृत्य था, जिसने वहां हमारी संपत्ति को लक्षित करने का प्रयास किया. प्रयास अवश्य ही विफल रहा. लेकिन संपत्ति को नुकसान नहीं हुआ.

जम्मू हमले के बाद क्षेत्र में कई ड्रोन देखे गए हैं. दिलचस्प बात यह है कि यह बात सामने आई है कि पिछले हफ्ते इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग परिसर के ऊपर एक ड्रोन देखा गया था.

26 जून को इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग के परिसर में एक ड्रोन देखा गया था. इसे आधिकारिक तौर पर पाकिस्तान सरकार के साथ लिया गया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने शुक्रवार को एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा, हम उम्मीद करते हैं कि पाकिस्तान इस घटना की जांच करेगा और सुरक्षा के इस तरह के उल्लंघन की पुनरावृत्ति को रोकेगा.

गुरुवार को सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने भी कहा था कि ड्रोन और उनकी आसान पहुंच ने राज्य और राज्य प्रायोजित एक्टर (state-sponsored actors) दोनों की सुरक्षा चुनौतियों की जटिलता को बढ़ा दिया है .

Last Updated :Jul 3, 2021, 10:40 AM IST
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