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यूक्रेन से 12 हजार छात्र निकले बाहर, कीव में कोई भी भारतीय नहीं :MEA

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Published : Mar 1, 2022, 10:12 PM IST

Updated : Mar 1, 2022, 10:37 PM IST

harsh vardhan shringala
विदेश सचिव हर्ष वर्धन श्रृंगला

विदेश मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि यूक्रेन की राजधानी कीव में अब कोई भी भारतीय नहीं हैं. विदेश सचिव ने कहा कि कीव से सभी भारतीय निकल चुके हैं. वे पश्चिमी यूक्रेन की ओर बढ़ रहे हैं. विदेश मंत्रालय ने बताया कि अब तक 12 हजार भारतीयों को यूक्रेन से निकाला जा चुका है. बाकी के फंसे हुए छात्रों को निकालने की प्रक्रिया चल रही है.

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री की विशेष बैठक के बाद विदेश सचिव हर्षवर्धन शृंगला ने यूक्रेन में फंसे छात्रों पर कई अहम जानकारियां दीं हैं. उन्होंने कहा कि 20 हजार भारतीय फंसे हुए थे, जिनमें से करीब 12 हजार छात्र यूक्रेन छोड़ चुके हैं. यानि वे पूरी तरह से सुरक्षित हैं. उन्होंने कहा कि बाकी के आठ हजार छात्रों में से आधे छात्र खारकीव और सुमी एरिया में फंसे हुए हैं और शेष आधे छात्र पश्चिमी यूक्रेन की ओर बढ़ रहे हैं. यानी यूक्रेन की राजधानी कीव में अब कोई भी भारतीय छात्र नहीं हैं.

विदेश सचिव ने बताया कि अभी तक की जानकारी के मुताबिक कीव में फंसे किसी भी भारतीय छात्र ने दूतावास को फोन नहीं किया है. ऐसा लगता है कि कीव से सभी भारतीय निकलकर पश्चिमी यूक्रेन की ओर बढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि अगले तीन दिनों में कम के कम 26 विशेष उड़ानों की व्यवस्था की गई है. ये सभी उड़ानें बुखारेस्ट और बुडापेस्ट से संचालित होंगी. विदेश सचिव ने बताया कि पोलैंड और स्लोवाकिया के एयरपोर्ट का भी इस्तेमाल हो सकता है.

विदेश मंत्रालय ने बताया कि यूक्रेन को मानवीय सहायता दी जा रही है. मंत्रालय के अनुसार आज सुबह पोलैंड के जरिए एक फ्लाइट गई है. इसमें दवा और रिलीफ मैटेरियल शामिल हैं. एक और फ्लाइट बुधवार को रवाना किया जाएगा. विदेश सचिव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों का फोन आया था. उन्होंने वर्तमान संकट पर बातचीत की. फ्रांस के राजदूत इमैनुअल लीनैन ने भारतीय छात्र के निधन पर शोक जताया और कहा कि फ्रांस संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में अंतरराष्ट्रीय कानून का सम्मान करने, नागरिकों की सुरक्षा और बिना किसी रुकावट के मानवीय मदद पहुंचाने का आह्वान करने के लिए प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रहा है.

यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल ने भी मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की और युद्ध प्रभावित यूक्रेन के खारकीव शहर में गोलाबारी में एक भारतीय छात्र की मौत पर शोक जताया. मिशेल ने कहा कि यूरोपीय देश पूरी तन्मयता से यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकालने में मदद कर रहे हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय कानून की रक्षा के लिए पूरे विश्व को एकजुट होना चाहिए.

मिशेल ने एक ट्वीट में कहा, 'निर्दोष नागरिकों के खिलाफ रूस के विवेकहीन हमले के कारण खारकीव में भारतीय छात्र की मौत पर मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात कर अपनी संवेदना प्रकट की.' यूरोपीय संघ के अधिकारी मिशेल ने कहा कि यूक्रेन पर हमले का उद्देश्य बहुलतावाद को बर्बाद करना और लोगों को परेशान करना व दर्द देना है.

नई दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास ने भी भारतीय छात्र की मौत पर गहरा शोक जताया. प्रभारी राजदूत पैट्रिसिया ए लसिना ने कहा, 'यूक्रेन के खारकीव में भारतीय छात्र की मौत पर बेहद दुखी हूं. हम भारत की जनता और उसके परिवार के सदस्यों के प्रति गहरी संवेदनाएं प्रकट करते हैं.'

हालांकि, घरेलू मोर्चे पर मोदी सरकार को आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है. कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा कि मोदी को बैलेंसिंग एक्ट छोड़कर रूस को साफ-साफ कहना चाहिए कि वे यूक्रेन के प्रमुख शहरों पर बमबारी बंद करे और वहां फंसे सभी विदेशी नागरिकों को निकलने दें.

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कांग्रेस नेता पी चिदंबरम का ट्वीट

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Last Updated :Mar 1, 2022, 10:37 PM IST
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