नई दिल्ली : वर्ष 2008 में हुए सीरियल ब्लास्ट के बाद दिल्ली पुलिस ने लगातार एक्शन लेकर आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिद्दीन की कमर तोड़ दी थी. लंबे समय से यह आतंकी संगठन निष्क्रिय था, लेकिन कारोबारी मुकेश अंबानी के घर के बाहर कार में मिले विस्फोटक सामान ने एक बार फिर इंडियन मुजाहिद्दीन के नाम को सामने ला दिया है. खास बात यह है कि इस बार उन्होंने इसकी जिम्मेदारी जैश उल हिन्द के नाम से ली है.
जानकारी के अनुसार इंडियन मुजाहिदीन के सदस्यों ने वर्ष 2007 से लेकर 2014 के बीच में कई जगह पर सीरियल बम धमाकों को अंजाम दिया. इसकी शुरुआत करने वाले यासीन भटकल, रियाज भटकल, अब्दुल सुभान कुरैशी और सादिक इसरार थे. इस आतंकी संगठन को अब्दुल सुभान कुरैशी लीड करता था. फिलहाल वह दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार होने के बाद से न्यायिक हिरासत में है. इंडियन मुजाहिद्दीन के काफी सदस्य सिमी से जुड़े हुए थे. 4 जून 2010 को भारत सरकार ने इसे बैन कर दिया था. वहीं 22 अक्टूबर 2010 को न्यूजीलैंड ने भी इसे आतंकी संगठन करार दिया था.
स्पेशल सेल ने लिया था बड़ा एक्शन
वर्ष 2008 में हुए दिल्ली सीरियल ब्लास्ट के बाद दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने इस आतंकी संगठन को लेकर बड़ा एक्शन लिया और सितंबर 2018 में बाटला हाउस में हुई मुठभेड़ में कई आतंकी मार गिराए. इसके बाद से लगातार स्पेशल सेल सहित विभिन्न सुरक्षा एजेंसियां इंडियन मुजाहिद्दीन के आतंक को खत्म करने में जुटी रही. वर्ष 2014 आते-आते यह आतंकी संगठन लगभग निष्क्रिय हो गया क्योंकि इसके अधिकांश नामी आतंकी या तो गिरफ्तार हो गए या मुठभेड़ में मारे गए. 2014 के बाद से किसी भी आतंकी हमले में इंडियन मुजाहिद्दीन का नाम सामने नहीं आया.
जैश उल हिन्द के नाम से हुए सक्रिय
हाल ही में कारोबारी मुकेश अंबानी के घर के बाहर मिली विस्फोटक सामग्री वाली कार के बाद इंडियन मुजाहिद्दीन का नाम सामने आया है. इसकी जिम्मेदारी जैश उल हिन्द नामक संगठन ने ली थी, लेकिन जब जांच हुई तो पता चला कि यह काम तिहाड़ जेल में बैठे इंडियन मुजाहिद्दीन के आतंकी तहसीन अख्तर उर्फ मोनू द्वारा किया गया है. उसके बैरिक से मोबाइल भी बरामद हुआ है जिसे स्पेशल सेल जांच के लिए फॉरेंसिक लैब भेज रही है.
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प्राथमिक जांच में पता चला है कि वह मुंबई की जेल में बंद कुछ युवकों के संपर्क में था. उनकी मदद से ही उसने गाड़ी में विस्फोटक रखवाकर गाड़ी मुकेश अंबानी के घर के बाहर खड़ी करवाई थी. यह प्रकरण स्पेशल सेल के लिए चिंता का कारण है, क्योंकि निष्क्रिय हो चुका इंडियन मुजाहिद्दीन एक बार फिर सक्रिय हो गया है.
इन धमाकों में रहे हैं शामिल
- 2000 उत्तर प्रदेश धमाके
- 13 मई 2008 जयपुर धमाका
- 2008 बेंगलुरु सीरियल ब्लास्ट
- 2008 अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट
- 13 सितंबर 2008 दिल्ली सीरियल धमाके
- 2010 पुणे बम धमाका
- 2010 जामा मस्जिद अटैक
- 2010 वाराणसी ब्लास्ट
- 2011 मुंबई सीरियल ब्लास्ट
- 2013 बोधगया ब्लास्ट