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Extradition Treaty : भारत ने किन-किन देशों के साथ प्रत्यर्पण की संधि की है, एक नजर

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Published : Mar 21, 2023, 7:21 PM IST

प्रत्यर्पण की प्रक्रिया जितनी आसान दिखती है, उतनी आसान होती नहीं है. कई स्तरों से गुजरने के बाद ही किसी भी व्यक्ति को प्रत्यर्पित किया जाता है. हालांकि, सबसे पहली शर्त यह होती है कि उस देश के साथ प्रत्यर्पण की संधि हो. भारत ने 47 से अधिक देशों के साथ प्रत्यर्पण की संधि की है. इसके अलावा भारत ने कुछ देशों के साथ प्रत्यर्पण सहमति भी स्थापित की है. 2002 से अब तक 62 भगोड़े अपराधियों का प्रत्यर्पण हो चुका है. आइए इस पर एक नजर डालते हैं.

zakir naik
जाकिर नाइक

नई दिल्ली : इस्लामिक धर्मगुरु जाकिर नाइक ओमान के एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए जाने वाला है. भारत और ओमान के बीच प्रत्यर्पण संधि है. लिहाजा, कयास लगाए जा रहे हैं कि भारतीय एजेंसियां जाकिर नाइक को वहां पर गिरफ्तार कर सकती है. सूत्रों का कहना है कि अधिकारियों ने ओमान की एजेंसियों से संपर्क साधा है. जाकिर नाइक भारत को मोस्ट वांटेड व्यक्ति है. वह भगोड़ा भी घोषित किया जा चुका है. जाकिर 2016 से फरार चल रहा है. उस पर दूसरे लोगों को उकसाने का आरोप है, जिन्होंने देश में कई आतंकी वारदातों को अंजाम दिया है. जाकिर की गिरफ्तारी हो पाएगी या नहीं, यह तो आने वाले समय में ही पता चल पाएगा, फिलहाल जानते हैं कि भारत का किन-किन देशों के साथ प्रत्यर्पण की संधि है.

आपको बता दें कि जब तक प्रत्यर्पण की संधि नहीं होगी, तब तक किसी भी भगोड़े को भारत लाना मुश्किल होगा. यह दो देशों या फिर दो से अधिक देशों के बीच हो सकती है. इसके तहत दोनों देश इस बात पर सहमत होते हैं, यदि किसी व्यक्ति ने इन दोनों देशों में किसी भी जगह पर आपराधिक वारदात को अंजाम दिया है, तो वे उसे उस देश को सौंप देंगे, जहां पर उसने अपराध किया है. हालांकि, इसकी कानूनी प्रक्रिया थोड़ी लंबी होती है. सबसे पहले तो भारतीय कोर्ट में इसकी प्रक्रिया शुरू होती है. वहां पर उसके खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया जाता है. पेश नहीं होने पर फिर से वारंट जारी होता है. बाद में विदेश मंत्रालय की भूमिका आती है. मंत्रालय अपनी ओर से उस देश को अनुरोध करता है.

जानकारी दे दें कि भारत का 47 देशों के साथ प्रत्यर्पण संधि है. इनमें अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, जर्मनी, फ्रांस और पुर्तगाल जैसे देश शामिल हैं. इसके अलावा भारत का 11 अन्य देशों के साथ अलग से प्रत्यर्पण सहमति है, जिनमें सिंगापुर, पेरू और श्रीलंका शामिल हैं. साथ ही इन द्विपक्षीय संधियों के अलावा भारत संयुक्त राष्ट्र के तहत भी कई संधियों का भागीदार है. लिहाजा, भारत उन देशों से भी अनुरोध कर सकता है, जिनसे द्विपक्षीय स्तर पर प्रत्यर्पण संधि नहीं है.

भारत का किन देशों के साथ संधि है, एक नजर

  1. अफगानिस्तान 2016
  2. ऑस्ट्रेलिया 2008
  3. अजरबैजान 2013
  4. बांग्लादेश 2013
  5. बहरीन 2004
  6. बेलारूस 2007
  7. बेल्जियम 1901
  8. भूटान 1996
  9. ब्राजील 2008
  10. बल्गारिया 2003
  11. कनाडा 1987
  12. चिली 1897
  13. मिस्र 2008
  14. फ्रांस 2003
  15. जर्मनी 2001
  16. हांगकांग 1997
  17. इंडोनेशिया 2011
  18. ईरान 2008
  19. इजरायल 2012
  20. कुवैत 2004
  21. लिथुआनिया 2017
  22. मलेशिया 2010
  23. मॉरिशस 2003
  24. मैक्सिको 2007
  25. मंगोलिया 2001
  26. नेपाल 1953
  27. नीदरलैंड्स 1898
  28. ओमान 2004
  29. फिलिपिंस 2004
  30. पोलैंड 2003
  31. पुर्तगाल 2007
  32. रूस 1998
  33. सऊदी अरब 2010
  34. द. अफ्रीका 2003
  35. द. कोरिया 2004
  36. स्पेन 2002
  37. स्विटजरलैंड 1880
  38. ताजिकिस्तान 2003
  39. थाईलैंड 2013
  40. ट्यूनिशिया 2000
  41. तुर्की 2001
  42. यूएई 1999
  43. यूके 1992
  44. यूक्रेन 2002
  45. यूएसए 1997
  46. उजबेकिस्तान 2000
  47. वियतनाम 2011

जिन देशों के साथ प्रत्यर्पण सहमति है, ये हैं

  1. एंटिगा और बार्बाडुआ 2001
  2. आर्मेनिया 2019
  3. क्रोएशिया 2011
  4. फिजी 1979
  5. इटली 2003
  6. पापुआ न्यू गिनी 1978
  7. पेरू 2011
  8. सिंगापुर 1972
  9. श्रीलंका 1978
  10. स्वीडन 1963
  11. तंजानिया 1966

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