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Interview : हैदराबाद की छात्रा को मिली पीएम से तारीफ, पीएमओ से मिला मोदी से मिलने का न्योता

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 28, 2023, 10:59 PM IST

तेलंगाना की 12 साल की लड़की आकर्षणा की जिक्र पीएम मोदी ने 'मन की बात' में किया है. जल्द ही वह पीएम मोदी से मिलने भी जाएंगी. दरअसल आकर्षणा ने अस्पतालों में लाइब्रेरी स्थापित की हैं, जिस वजह से पीएम ने उनका जिक्र किया. ईटीवी भारत से आकर्षणा की खास बातचीत.

student Akarshana
तेलंगाना की 12 साल की लड़की आकर्षणा

खास बातचीत

हैदराबाद: 12 वर्षीय छात्रा आकर्षणा (Akarshana) ने 6,000 किताबें एकत्र की हैं और विभिन्न अस्पतालों में सात पुस्तकालय स्थापित किए हैं. हाल ही में हैदराबाद के एमएनजे कैंसर अस्पताल में एक लाइब्रेरी खोली गई है. 'मन की बात' में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस लड़की का जिक्र किया और तारीफ की. आकर्षणा जल्द ही पीएम मोदी से मुलाकात करेंगी.

आकर्षणा से जब पीएम मोदी से मुलाकात की तारीख के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'मैं अभी भी तारीखों के बारे में निश्चित नहीं हूं, लेकिन संभावना है कि यह अक्टूबर के पहले हफ्ते या दिसंबर के पहले हफ्ते में हो सकती है.'

24 सितंबर को प्रसारित 'मन की बात' कार्यक्रम उनकी लाइब्रेरी पहल के बारे में पीएम ने जिक्र किया. इसके बारे में उन्होंने अपनी भावनाओं को साझा करते हुए कहा कि यह उनके लिए एक सपने के सच होने जैसा था और उनके माता-पिता को वास्तव में इस पर गर्व है.

उन्होंने कहा कि '22 सितंबर की रात करीब 11.30 बजे मेरे पिता को पीएमओ कार्यालय से फोन आया कि 23 सितंबर को दूरदर्शन के रिपोर्टर विजुअल और बाइट्स के लिए आपके घर आएंगे. तो, अपनी बेटी को तैयार रहने के लिए कहें क्योंकि वह 'मन की बात' कार्यक्रम में शामिल होने वाली है.'

यह पूछे जाने पर कि उन्हें पुस्तकालय स्थापित करने का विचार कैसे आया?, आकर्षणा ने कहा, 'कोविड के दौरान मैं अपने माता-पिता के साथ एमएनजे कैंसर चिल्ड्रन हॉस्पिटल में भोजन दान करने गई थी. यह सिलसिला लगातार 55 दिनों तक चलता रहा. शुरुआत में मैं बस वहां गई, भोजन दान किया और वापस आ गई. अंततः 55 दिनों के बाद, उन बच्चों के साथ बातचीत की. उन्होंने कहा कि जब वे वहां कीमोथेरेपी से गुजर रहे थे तो उन्हें रंग भरने वाली किताबों और अन्य सामान की आवश्यकता थी.'

आकर्षणा ने बताया कि 'तब मेरे माता-पिता ने मुझे अपार्टमेंट के व्हाट्सएप ग्रुप में एक संदेश डालने की सलाह दी और मुझे सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली. तीन दिनों में 2,000 से अधिक पुस्तकें एकत्र की गईं. फिर मेरे दोस्तों और रिश्तेदारों ने मदद की और फिर मैं 4,000 से ज्यादा किताबें इकट्ठा कर पाई. फिर मैं वहां किताबें बांटने गई, लेकिन कैंसर इंस्टीट्यूट के निदेशक ने पुस्तकालय स्थापित करने का विचार दिया और उन्होंने मुझे अपनी पहली लाइब्रेरी स्थापित करने के लिए बच्चों के वार्ड के पास एक जगह दी.'

उन्होंने कहा कि 'मेरी अन्य लाइब्रेरी हैदराबाद में सनथ नगर पुलिस स्टेशन, लड़कियों के लिए एक ऑब्जर्वेशन होम, गायत्री नगर एसोसिएशन, कोयंबटूर सिटी पुलिस कमिश्नरेट, चेन्नई बॉयज़ क्लब और हैदराबाद में सनथनगर के पास सरकारी हाई स्कूल में स्थापित हैं.'

जब उनसे उनके इस नाम रखने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'जन्म के सात दिन बाद पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम अप्रत्याशित रूप से अस्पताल आए और उन्होंने मुझे देखा. पहली बात जो उन्होंने कही वह यह थी कि 'यह बहुत आकर्षक लग रही है'. इस पर मेरे माता-पिता ने बिना किसी झिझक के मेरा नाम आकर्षणा रखा.'

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