सीएम पद छोड़ने से चंद घंटे पहले आहत अमरिंदर का वह पत्र जिसने कांग्रेस को कशमकश में डाला

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Published : Sep 19, 2021, 3:07 PM IST

Updated : Sep 19, 2021, 4:12 PM IST

Desk

राज्यपाल को औपचारिक रूप से अपना इस्तीफा सौंपने से कुछ घंटे पहले, अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर अपने फैसले से अवगत कराया था.

चंडीगढ़ : कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे पत्र में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पिछले लगभग पांच महीनों की राजनीतिक घटनाओं पर पीड़ा व्यक्त की थी. उन्होंने कहा कि मेरी व्यक्तिगत पीड़ा के बावजूद, मुझे आशा है कि इससे राज्य में कड़ी मेहनत से अर्जित शांति और विकास को कोई नुकसान नहीं होगा. पिछले कुछ वर्षों के दौरान मैं जिन प्रयासों पर ध्यान केंद्रित कर रहा हूं, वे निरंतर जारी रहेंगे, सभी को न्याय सुनिश्चित करेंगे.

अमरिंदर सिंह ने सोनिया को लिखे अपने पत्र में कांग्रेस की राज्य इकाई में राजनीतिक विकास के परिणामस्वरूप पंजाब में अस्थिरता की उनकी आशंका का संकेत दिया. उन्होंने कहा कि उन्हें खुशी है कि राज्य पूरी तरह से शांतिपूर्ण रहा और किसी के प्रति द्वेष के बिना पूर्ण सांप्रदायिक सद्भाव था. इन साढ़े नौ वर्षों में अमरिंदर सिंह ने कहा कि उन्होंने पंजाब के लोगों के कल्याण के लिए पूरे दिल से काम किया है. वह राज्य जिसे वह अपने दिल से प्यार करते हैं.

उन्होंने कहा कि यह मेरे लिए बेहद संतोषजनक था क्योंकि न केवल मैंने कानून का शासन स्थापित किया और पारदर्शी शासन सुनिश्चित किया बल्कि राजनीतिक मामलों के प्रबंधन में भी नैतिक आचरण बनाए रखा. पंजाब चुनाव 2017 में कांग्रेस द्वारा किए गए वादों को पूरा करने में पिछले साढ़े चार वर्षों में उनके सामने कई चुनौतियों का जिक्र करते हुए. उन्होंने बताया कि इन सभी के बावजूद उनकी सरकार ने 89.2 प्रतिशत वादे पूरे किए जबकि शेष प्रतिबद्धताओं पर कार्य प्रगति पर था.

महामारी कोविड -19 से उत्पन्न चुनौतियों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने प्रभावी और समन्वित तरीके से इसका सामना किया. जिससे सार्वजनिक जीवन का न्यूनतम नुकसान सुनिश्चित हुआ. उन्होंने कहा कि मुझे इस बात का बहुत संतोष है कि पंजाब एकमात्र ऐसा राज्य है, जिसने हमारी घोषणापत्र की प्रतिबद्धता को ध्यान में रखते हुए अपनी लागत पर सार्वभौमिक स्वास्थ्य बीमा कवर प्रदान करने का फैसला किया है. राज्य में लगभग 55 लाख परिवार अब मुफ्त कैशलेस इलाज के पात्र हैं.

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बेअदबी के मामलों और उसके बाद 2015 की पुलिस कार्रवाई के मुद्दे पर अमरिंदर सिंह ने कहा कि उनकी सरकार जो इस मामले में न्याय सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है, ने न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) रंजीत सिंह की अध्यक्षता में एक न्यायिक आयोग की स्थापना की थी. जिसकी रिपोर्ट 16 अगस्त 2018 को प्राप्त हुई. रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया गया और उस पर पूरी कानूनी कार्रवाई की गई.

(आईएएनएस)

Last Updated :Sep 19, 2021, 4:12 PM IST
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