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गणेश चतुर्थी से पहले कांबे गांव को टैंकरों से पानी उपलब्ध कराए सरकार : अदालत

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Published : Sep 9, 2021, 9:55 PM IST

बंबई उच्च न्यायालय
बंबई उच्च न्यायालय

महाराष्ट्र के ठाणे का एक गांव ऐसा है जहां महीने में बस दो बार दो घंटे के लिए पानी मिलता है. बंबई उच्च न्यायालय (Bombay High Court) ने महाराष्ट्र सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि ठाणे जिले के कांबे गांव के निवासियों को कम से कम गणेश चतुर्थी उत्सव से पहले टैंकर के जरिए पानी मिल जाए. साथ ही कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी भी की, जानिए क्या है पूरा मामला.

मुंबई : बंबई उच्च न्यायालय ने गुरुवार को महाराष्ट्र सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि ठाणे जिले के कांबे गांव के निवासियों को कम से कम गणेश चतुर्थी उत्सव से पहले टैंकर के जरिए पानी मिल जाए.

इस गांव के निवासियों ने अपनी अर्जी में दावा किया है कि उन्हें महीने में बस दो बार दो घंटे के लिए पानी मिलता है. उन्होंने अदालत से अनुरोध किया कि वह सरकार को दैनिक आधार पर पानी की आपूर्ति कराने का निर्देश दे.

खंडपीठ ने की थी तल्ख टिप्पणी
न्यायमूर्ति एस जे कथावाला और न्यायमूर्ति मिलिंद जाधव की खंडपीठ ने इस सप्ताह के शुरू में कहा था कि यह बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण है कि आजादी के 75 साल बाद भी लोगों को पानी की आपूर्ति के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़े जबकि यह मौलिक अधिकार है.

याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया था कि ठाणे जिला परिषद एवं भिवंडी निजामपुर नगर निगम की संयुक्त उपक्रम स्टेम वाटर डिस्ट्रीब्यूशन एंड इन्फ्रा कंपनी स्थानीय नेताओं एवं टैंकर लॉबियों को अवैध रूप से जलापूर्ति कर रही है.

गुरुवार को महाराष्ट्र के महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोणि ने अदालत से कहा कि राज्य सरकार याचिकाकर्ताओं की समस्याओं का निदान ढूंढे़गी. उन्होंने कहा कि स्टेम कंपनी के प्रबंध निदेशक और अन्य अधिकारी बैठक करेंगे.

इसपर अदालत ने कहा कि उसे प्रबंध निदेशक पर भरोसा नहीं है, इसलिए इन मुद्दों पर बृहन्मुंबई महानगरपालिका के आयुक्त इकबाल सिंह चहल और अतिरिक्त आयुक्त सुरेश काकनी की एक विशेष समिति बनाई जाए.

याचिकाकर्ताओं के वकील आर डी सूर्यवंशी ने अदालत से अपील की कि त्योहार पास होने के कारण ग्रामीणों के लिए पानी की उपलब्धता जरूरी है, इसलिए पानी के कम से कम 10 टैंकर गांव में अवश्य भेजे जाएं.

कुंभकोणि ने अदालत से कहा कि पानी के टैंकरों का इंतजाम किया जाएगा और उसका खर्च स्टेम कंपनी उठाएगी. अदालत ने कहा कि वह इस मामले में पारित आदेशों को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को भेजने की योजना बना रही है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि ऐसे और कोई गांव न हों जहां पानी की आपूर्ति न हो.

आदेश मुख्यमंत्री को भेजने की तैयारी

न्यायमूर्ति कथावाला ने कहा, 'हम यह आदेश मुख्यमंत्री को भेजने जा रहे हैं , अन्यथा इस राज्य का नाम बदनाम होगा. यह शर्म की बात है कि 75 साल बाद भी ऐसी याचिकाएं हैं, लेकिन हम यह आदेश भेजेंगे, ताकि राज्य को आगे शर्मिंदा न होना पड़े.' कुंभकोणि ने अदालत से कहा कि 14 सितंबर को वह मुख्य पाइपलाइन से अवैध कनेक्शनों को हटाने की कार्ययोजना के बारे में बताएंगे.

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(पीटीआई-भाषा)

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