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क्या तीन राज्यों में जातीय समीकरणों को साधने की बीजेपी की रणनीति का हरियाणा में होगा पार्टी को लाभ?

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 17, 2023, 7:53 AM IST

Updated : Dec 17, 2023, 8:15 AM IST

Haryana BJP Mission 2024 Caste equation OBC vote bank in Haryan
हरियाणा विधानसभा चुनाव बीजेपी रणनीति

राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों में जीत के बाद बीजेपी गदगद है. इसके साथ ही बीजेपी आगामी लोकसभा चुनाव 2024 और हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 के लिए रणनीति तैयार करने में जुट गई है. हरियाणा में हरियाणा में ओबीसी वोट बैंक और जातीय समीकरणों को साधने में कहीं कोई कमी न रह जाए इसके लेकर पार्टी ने इन तीन राज्यों में एक प्रयोग किया है. क्या इसका लाभ हरियाणा विधानसभा चुनाव पार्टी को मिलने वाला है राजनीतिक विश्लेषक क्या कहते हैं आइए जानते हैं. (Haryana BJP Mission 2024 Lok Sabha Election 2024 Haryana Assembly Elections 2024)

चंडीगढ़: बीजेपी तीन राज्यों में सरकार बनाने में कामयाब हुई. तीनों राज्यों में पार्टी ने पुराने चेहरों को हटाकर नए चेहरों को तरजीह दी, जिसमें पार्टी ने जातीय समीकरणों का खास ख्याल रखा. मध्य प्रदेश में ओबीसी सीएम, राजस्थान में ब्राह्मण सीएम और छत्तीसगढ़ में आदिवासी सीएम बनाया. वहीं, इन सभी राज्यों में दो डिप्टी सीएम भी बनाए गए. उसमें भी पार्टी ने जातीय समीकरणों का खास ख्याल रखा गया. राजस्थान में एक राजपूत और एक दलित को डिप्टी सीएम बनाया. वहीं, मध्य प्रदेश में एक ब्राह्मण और एक दलित डिप्टी सीएम बनाया. जबकि छत्तीसगढ़ में ओबीसी और सामान्य वर्ग का डिप्टी सीएम बनाया.

हरियाणा में जातीय समीकरण साधने की कोशिश में BJP: जिस तरह से बीजेपी ने जातीय समीकरणों को इन तीन राज्यों में साधा है, उसका असर आने वाले चुनावों में अन्य राज्यों में भी देखने को मिल सकता है. बीजेपी ने सीएम और डिप्टी सीएम की नियुक्तियां ऐसे की हैं कि उसको देश में कई वर्गों को एक साथ सड़ने को कोशिश के तौर पर भी देखा जा रहा है. वहीं, इसे हरियाणा की राजनीति के हिसाब से भी अहम माना जा रहा है. दरअसल हरियाणा में जाट वोट बैंक को बीजेपी का नहीं माना जाता है. ऐसे में क्या बीजेपी का यह दांव हरियाणा में उसे अन्य वर्गों की वोट दिलाने में कामयाब होगा?

हरियाणा में वोट बैंक का जातीय समीकरण: इसके बाद हरियाणा में लगातार राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा हो रही है कि क्या बीजेपी का यह जातीय समीकरण साधने का दांव यहां भी पार्टी को फायदा देगा? दरअसल हरियाणा में अगर ब्राह्मण, बनिया और सिख समुदाय का तीस प्रतिशत वोट बैंक है. इसके साथ ही ओबीसी ( अहीर और यादव ) वर्ग का 24 फीसदी वोट बैंक है. वहीं, 21 फीसदी से अधिक अनुसूचित जाति, 17 फीसदी से अधिक जाट और बाकि गुर्जर और अन्य समाज का वोट बैंक है. ऐसे में हरियाणा में क्या बीजेपी इसका लाभ आने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनाव में उठाएगी?

क्या तीन राज्यों में बीजेपी के दांव से हरियाणा में मिलेगा लाभ?: इसको लेकर राजनीतिक मामलों के जानकार धीरेंद्र अवस्थी कहते हैं कि बीजेपी पर अकसर यह आरोप लगाता रहता है कि ब्राह्मण बीजेपी को वोट तो देता है, लेकिन बीजेपी बदले में उसे कुछ भी नहीं देती है. वहीं, तीन राज्यों में जिस तरीके से एक मुख्यमंत्री और दो डिप्टी सीएम ब्राह्मण बनाए गए हैं, बीजेपी ने उस पर लग रहे उस मिथ को तोड़ दिया है. वे कहते हैं कि निश्चित तौर पर बीजेपी इसका आने वाले दिनों में हरियाणा में भी लाभ लाने की पूरी कोशिश करेगी.

हरियाणा में ओबीसी वोट बैंक: राजनीतिक मामलों के जानकार कहते हैं कि जहां तक ओबीसी की बात है ओबीसी मुख्यमंत्री मध्य प्रदेश में, छत्तीसगढ़ में ट्राइबल बनाया और राजस्थान में भजनलाल शर्मा को मुख्यमंत्री बनाया गया. इससे जाहिर है कि हरियाणा में ओबीसी वोट बैंक को इसके जरिए बीजेपी साधने की कोशिश करेगी और ब्राह्मण वोट बैंक को भी साधना आसान हो सकता है. जहां तक मुख्यमंत्री मनोहर लाल के पर्यवेक्षक के तौर पर मध्य प्रदेश जाने की बात है और ओबीसी मुख्यमंत्री घोषित करने की बात है तो उसको ऐसे देखा जा सकता है कि साउथ हरियाणा में ओबीसी (यादव और अहीरवाल) सबसे बड़ा वोट बैंक है, उसे इसको साधने के तौर पर भी देखा जा सकता है. इसके साथ ही एमपी में सीएम मनोहर लाल को पर्यवेक्षक बनाकर बीजेपी ने उनके कद को और बड़ा किया है, साथ ही इसको उनके विरोधियों को संदेश के तौर पर भी देखा जा सकता है.

'एक साथ कई वोट बैंक साधने की कोशिश': राजनीतिक मामलों के जानकार प्रोफेसर गुरमीत सिंह कहते हैं कि जिस तरह से बीजेपी ने तीन राज्यों में सीएम और डिप्टी सीएम की नियुक्ति कर जातीय समीकरण को साधा है, उसने विपक्ष के लिए जातीय राजनीति का दांव कमजोर कर दिया है. वे कहते हैं कि बीजेपी ने ऐसा करके एक साथ कई वर्गों के वोट बैंक को पाले में लाने की कोशिश की है.

हरियाणा के ओबीसी और ब्राह्मण वोट बैंक को संदेश देने की कोशिश: राजनीतिक विश्लेषक कहते हैं कि हरियाणा के जातीय समीकरण के हिसाब से भी बीजेपी निश्चित तौर पर आने वाले चुनावों में भुनाने की कोशिश करेगी. खासतौर पर हरियाणा के ओबीसी और ब्राह्मण वोट बैंक को इसका संदेश सीधा जा रहा है. वे कहते हैं कि राजनीतिक गलियारों में यह बात की जाती है कि जाट वोट बैंक बीजेपी के साथ नही है. या बीजेपी जाट वोट बैंक को अपना नहीं मानती. ऐसे में हरियाणा में बीजेपी का ब्राह्मण, पंजाबी, ओबीसी, दलित और अन्य वर्गों को साधने में जुटी है. वहीं, तीन राज्यों में जिस तरह बीजेपी ने एक साथ कई वर्गों को साधा है वह निश्चित तौर पर कहीं न कहीं हरियाणा में बीजेपी को लाभ दे सकता है.

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Last Updated :Dec 17, 2023, 8:15 AM IST
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