मक्का : कोविड-19 के चलते दो सालों तक प्रभावित रहने के बाद इस साल पूरे जोर-शोर के साथ हज यात्रा शुरू हो गई है. दुनियाभर के 10 लाख मुसलमान इसमें हिस्सा ले रहे हैं. शारीरिक और वित्तीय रूप से सक्षम मुसलमानों को जीवन में कम से कम एक बार हज यात्रा करने के लिए कहा जाता है. इस दौरान वह उन स्थानों की यात्रा करते हैं, जहां लगभग 1,400 वर्ष पहले पैगम्बर मोहम्मद ने अपना जीवन बिताया था.
हज यात्रा शुरू होने के बाद पांच दिनों तक यात्री अलग-अलग रस्में पूरी करते हैं. इनमें इस्लाम के सबसे पवित्र स्थल काबा के आसपास इबादत करना शामिल है. गुरुवार को मस्जिद हरम के आंगन में हजारों हज यात्रियों ने काबा के आसपास तवाफ (परिक्रमा) किया. हालांकि इस दौरान पिछले दो साल की तुलना में अलग नजारा देखने को मिला है.
कोविड-19 के चलते जहां साल 2020 और 2021 में हजयात्री पाबंदियों का कड़ाई से पालन करते दिखे थे, इस बार उतनी सख्ती दिखाई नहीं दी है. कई हज यात्री बिना मास्क के यात्रा करते दिखे हैं. साथ ही सामाजिक दूरी का पालन भी इस बार बहुत कम दिखाई दे रहा है. इस साल केवल उन 10 लाख विदेशी और घरेलू यात्रियों को हज की अनुमति दी गई है, जिनका टीकाकरण पूरा हो चुका है या कोरोना से संक्रमित नहीं हैं.
इस साल केवल 18 से 65 वर्ष की आयु के यात्रियों को हज की अनुमति है. अधिकारियों के अनुसार, 85 प्रतिशत हज यात्री विदेशी हैं. हालांकि, इस साल भी हज यात्रियों की संख्या कोविड-19 से पहले की तुलना में काफी कम है, जब हर साल लगभग 25 लाख लोग हज यात्रा करते थे. साल 2020 में जब कोविड-19 अपने चरम पर था, तब केवल 1,000 सऊदी निवासियों को हज की अनुमति मिली थी.
(पीटीआई-भाषा)