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गुजरात : विवाद के बाद भाजपा संगठन सचिव ने 'गांधी टोपी' पर अपना ट्वीट हटाया

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Published : Sep 8, 2021, 9:01 PM IST

गुजरात भाजपा महासचिव (Gujarat BJP general secretary) रत्नाकर (Ratnakar ) द्वारा 'गांधी टोपी' (Gandhi Cap) पर सोशल मीडिया पर एक पोस्ट को लेकर विवाद खड़ा हो गया, जिसके चलते उन्होंने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया.

मोदवाडिया
मोदवाडिया

अहमदाबाद : गुजरात भाजपा महासचिव (Gujarat BJP general secretary) रत्नाकर (Ratnakar ) द्वारा 'गांधी टोपी' (Gandhi Cap) पर सोशल मीडिया पर एक पोस्ट को लेकर विवाद खड़ा हो गया. इसको लेकर कांग्रेस नेताओं में आक्रोश है. आम आदमी पार्टी (Aam Admi Party ) ने भी इस मुद्दे पर टिप्पणी की. इस बीच रत्नाकर ने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया.

रत्नाकर के ट्वीट का कांग्रेस ने कड़ा विरोध किया है. जबकि अर्जुन मोदवाडिया (Arjun Modhwadia) ने कहा कि गांधी टोपी भारत के स्वतंत्रता संग्राम ( India's freedom struggle) की पहचान थी. गांधी टोपी पहनने वाले हजारों लोग आजादी के लिए शहीद (martyred for freedom) हुए.

अर्जुन मोदवाडिया का बयान

इस टोपी को पहनकर लाखों लोगों ने आजादी के लिए असंख्य कष्ट झेले. रत्नाकर के ट्वीट हटाने पर अर्जुन मोदवाडिया ने टिप्पणी की कि केवल एक ट्वीट को हटाने से विचार नहीं खत्म होंगे.

अर्जुन मोदवाडिया का ट्वीट
अर्जुन मोदवाडिया का ट्वीट

वहीं इस संबंध में आप के मीडिया प्रभारी (AAP media in-charge) तुली बनर्जी (Tuli Banerjee) ने कहा, 'गांधी टोपी सम्मान का प्रतीक थी. आम लोग यह टोपी तब पहनते थे, जब वे खुद पर गर्व महसूस करते थे. रत्नाकर के ट्वीट से ऐसा लगता है कि भाजपा को अभी भी ज्ञान हासिल करने की जरूरत है.'

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उन्होंने कहा कि भाजपा को जन संपर्क यात्रा (Jan Sampark Yatra) के स्थान पर 'बुद्धि ज्ञान शिविर' (Buddhi Gyan Shivir) आयोजित करने की आवश्यकता है. देश की आजादी में अहम भूमिका निभाने वाले गांधी, सरदार और नेहरू समेत कई नेताओं ने अपने सम्मान के प्रतीक के तौर पर टोपी पहनी थी.

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