भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के पहले कर्मचारी वर्ग अपनी विभिन्न मांगों को लेकर भले ही आंदोलनरत हों, लेकिन उन्हें मिलने वाली छुट्टियों के मामले में सरकार उन पर खूब मेहरबान है. मध्यप्रदेश में कर्मचारियों को साल में करीबन 6 माह का अवकाश मिलता है. हालांकि छुट्टियों के मामले में प्रदेश के शिक्षक अन्य कर्मचारियों जितने खुश किस्मत नहीं हैं, लेकिन अब प्रदेश के शिक्षकों को भी राज्य सरकार राहत देने जा रही है. प्रदेश सरकार आचार संहिता लागू होने के पहले प्रदेश के करीब 4 लाख शिक्षकों को 30 अतिरिक्त अवकाश देने जा रही है. नई व्यवस्था के तहत शिक्षकों को गर्मियों में मिलने वाली छुट्टियां को खत्म किया जाएगा.
गर्मियों की छुट्टियां होंगी खत्म: आमतौर पर मध्यप्रदेश के शिक्षकों की गर्मियों में मिलने वाली छुट्टियों को लेकर नाराजगी रही है. शिक्षकों को गर्मियों में 60 दिन का ग्रीष्मकालीन अवकाश मिलता था, लेकिन बाद में इसे धीरे-धीरे कम कर 40 दिन का कर दिया गया. लगभग हर बार ऐसी परिस्थितियां बनती रही कि शिक्षकों को गर्मियों में मिलने वाली छुट्टियों के दौरान भी शिक्षकों से काम कराया जा रहा है. शिक्षक वर्ग इसको लेकर विभागीय स्तर पर अपनी नाराजगी जताता रहा और अवकाश बढ़ाने की मांग भी करता रहा. कर्मचारी संगठनों के मुताबिक गर्मियों में कभी मध्यान्ह भोजन, शाला चलो अभियान, टीचर्स की ट्रेनिंग के नाम पर टीचर्स से काम कराया जाता रहा है. ऐसे में उनके अवकाश का कोई मतलब ही नहीं निकलता है.
प्रदेश के शिक्षकों को अब राहत देने की तैयारी: प्रदेश में शिक्षकों को 2 माह के ग्रीष्मकालीन अवकाश के अलावा सालभर में 10 अर्जित अवकाश भी मिलते हैं. इसके अलावा 3 ऑप्शनल अवकाश और 10 अन्य छुट्टियां भी मिलती है. इस तरह ग्रीष्मकालीन अवकाश के अलावा प्रदेश के शिक्षकों को कुल 26 छुट्टियां मिलती हैं. हालांकि ग्रीष्मकालीन छुट्टियांं में काम कराए जाने को लेकर शिक्षकों की नाराजगी को देखते हुए अब राज्य सरकार शिक्षकों को राहत देने जा रहा है. राज्य सरकार अब शिक्षकों के ग्रीष्कालीन अवकाश को खत्म कर उनके स्थान पर 30 अतिरिक्त अवकाश देने जा रहा है. इन तीस अवकाश के अलावा 26 अतिरिक्त छुट्टियां भी शिक्षकों को मिलेंगी. इस तरह साल भर में टीचर्स को 56 दिन का अवकाश मिलेगा. राज्य सरकार ने इसका प्रस्ताव तैयार कर लिया है. माना जा रहा है कि राज्य सरकार आचार संहिता लागू होने के पहले शिक्षकों को छुट्टियों की सौगात देगी. स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार के मुताबिक "सरकार कर्मचारी हितैषी सरकार है. उनके काम को सुलभ बनाने और सुविधाएं बढ़ाने के लिए जो भी कदम होंगे, वह सरकार उठाने का काम कर रही है. शिक्षकों की छुट्टियों को लेकर भी विचार किया जा रहा है."
5 डे वर्किंग वीक का नहीं मिलता लाभ: हालांकि शिक्षक वर्ग को अवकाश के मामले में राहत मिल जाए, लेकिन अन्य सरकारी कर्मचारियों के मुकाबले शिक्षकों को कम छुट्टियां मिलेंगी. सरकारी विभागों में कोरोना काल के समय से 5 डे वर्किंग वीक की व्यवस्था लागू हो गई है. कर्मचारियों को हर शनिवार की छुट्टी मिलती है, लेकिन शिक्षकों को शनिवार की छुट्टी नहीं मिलती. इस लिहाज से अन्य कर्मचारियों के मुकाबले उन्हें 52 छुट्टियां कम मिलेंगी. हालांकि शिक्षकों को साल भर में मिलने वाले 62 एच्छिक अवकाश का भी लाभ मिलता है. संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर के मुताबिक प्रदेश में टीचर्स को ग्रीष्मकालीन अवकाश सिर्फ नाम का मिलता है. शिक्षकों से जुड़े संगठनों ने विभाग के सामने इसको लेकर मांग रखी थी. हमें उम्मीद है कि सरकार टीचर्स के अवकाश को लेकर महत्वपूर्ण निर्णय लेगा.
दूसरे कर्मचारियों को करीब 202 दिन की मिलती है छुट्टियां: शिक्षकों को छोड़ दिया जाए तो छुट्टियों के मामले में दूसरे कर्मचारियों को खूब राहत मिलती है. प्रदेश में 5 डे वर्किंग वीक की व्यवस्था लागू हो गई है. यानी 7 दिन में से 5 दिन काम 2 दिन आराम. इस तरह छुट्टियों के गणित को देखा जाए तो सालभर में 53 रविवार और 52 शनिवार की छुट्टियां मिलती हैं. इसके अलावा धार्मिक त्योहार, जयंती, पुण्यतिथि की 29 छुट्टियां होती हैं. यह सब मिलाकर 134 छुट्टियां होती है. इसके अलावा कर्मचारियों को साल में 30 ईएल और 13 सीएम मिलती है. साथ ही 20 मेडिकल लीव का भी फायदा मिलता है.