ETV Bharat / bharat

ललितपुर में सोने की खदान मिलने का दावा, जल्द ही शुरू होगी खुदाई

author img

By

Published : Jan 4, 2023, 10:44 PM IST

Etv Bharat
Etv Bharat

ललितपुर में सोने की खदान मिलने का खनिज विभाग ने दावा किया है. जल्द ही इस सोने को बाहर निकालने का कार्य भी शुरू कर दिया जाएगा. बता दें कि साल 2005 में यहां सोना, आयरन और प्लेटिनम खोजने के लिए सर्वे शुरू हुआ था.

ललितपुर: बुंदेलखंड अपने खनिजों के लिए दुनियाभर में मशहूर है. यहां की मिट्टी में कई बेशकीमती खनिज पाए जाते हैं. कुछ ऐसा ही मामला एक बार फिर सामने आया है. कहा जा रहा है कि बुंदेलखंड के ललितपुर में सोना मौजूद है. मंडल के खनिज विभाग द्वारा इस बात की पुष्टि कर दी गई है. अब जल्द ही इस सोने को बाहर निकालने का कार्य भी शुरू कर दिया जाएगा. कई साल से भू वैज्ञानिकों की टीम गिरार क्षेत्र में सोना, आयरन और प्लेटिनम खोजने के लिए सर्वे और जांच कर रहे थे. जिसमें उन्हें अब सफलता भी मिली.

15 साल की मेहनत के बाद मिला सोना
खनिज विभाग के जियोलॉजिस्ट डॉ गौतम कुमार दिनकर ने बताया कि वह और उनकी टीम पिछले 15 सालों से सोना खोजने का प्रयास कर रहे थे. साल 2005 में यह काम शुरू किया गया था. अब इस बात की पुष्टि हो गई है कि ललितपुर जनपद के गिरार क्षेत्र में सोना मौजूद है. विभाग द्वारा इसका ग्लोबल टेंडर भी कर दिया गया है, क्योंकि यहां सोना आयरन के नीचे पाए गया है. इसलिए आयरन, सोना और प्लेटिनम का टेंडर एक साथ किया गया है. जैसे ही टेंडर की प्रक्रिया पूरी होगी, उसके बाद यहां सोना निकालने का काम शुरू हो जाएगा.

प्रदेश का होगी पहली खदान
डॉ. दिनकर ने बताया कि अगर काम समय से शुरू हो जाता है, तो यह देश का दूसरा और प्रदेश का पहला सोने की खदान होगी. उन्होंने बताया कि बुंदेलखंड की जलवायु को देखते हुए यह चर्चा तो बहुत लंबे समय से थी कि यहां सोना मौजूद हो सकता है. लेकिन पुष्टि अब हुई है. गौरतलब है कि बुंदेलखंड लम्बे समय से खनिजों के लिए जाना जाता है. सोने की खदान यहां शुरू होती है, तो रोजगार के अवसर भी खुलेंगे.

रॉक फास्फेट के दो ब्लॉकों के पुन: जारी हुए ई-ग्लोबल टेंडर
ब्लॉक मडावरा के ग्राम सौंरई क्षेत्र में रॉक फास्फेट का भंडार मिला था. जिसे निकालने के लिए टेंडर प्रक्रिया की गई थी. जिसमें ब्लॉक एक का ई-ग्लोबल टेंडर कंपोजिटिव लाइसेंस पर हुआ था. जबकि ब्लॉक दो और तीन पर माइनिंग लाइसेंस कर्नाटक की नर्मदा सुगर कंपनी के नाम से हुआ था. कंपनी ने 1300 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष पर खदान पर अपना अधिकार प्राप्त किया था. लेकिन शासन की मंशा रॉक फास्फेट की खदान से प्रतिवर्ष करीब पांच हजार करोड़ रुपये प्राप्त करने की है. इस कारण शासन ने पूर्व में दो ब्लॉकों पर अपनाई गई टेंडर प्रक्रिया को निरस्त कर दिया. अब शासन ने ब्लॉक दो और तीन के लिए ई-ग्लोबल टेंडर पुन: जारी कर दिए. टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद ग्राम सोंरई में रॉक फास्फेट खदान का काम शुरू हो जाएगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.