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एक्शन में यूपी पुलिस, रिटायर्ड आईपीएस अरविंद सेन पर लगा गैंगस्टर, जानें क्या है मामला

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Published : Mar 21, 2022, 5:06 PM IST

उत्तर प्रदेश में योगी सरकार (Yogi government in Uttar Pradesh) की वापसी होते ही लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट ने बड़ी कार्रवाई करते हुए पशुपालन घोटाले के मामले में रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी अरविंद सेन (IPS officer Arvind Sen) पर गैंगेस्टर की कार्रवाई की है. आईपीएस सहिक कुल 20 आरोपियों पर भी गैंगस्टर लगाया गया है.

Arvind sen
अरविंद सेन

लखनऊ: लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट ने पशुधन घोटाला मामले में रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी अरविंद सेन के खिलाफ गैंगेस्टर की कार्रवाई की है. हजरतगंज पुलिस ने अरविंद सेन समेत 20 अन्य आरोपियों पर भी गैंगेस्टर की कार्रवाई की है. पुलिस इन सभी आरोपियों द्वारा अपराध की दुनिया से कमाई गयी संपत्तियों की जांच करने की तैयारी कर रही है. अरविंद सेन पर डीआईजी रहते टेंडर फर्जीवाड़े के मामलें में मुकदमा दर्ज हुआ था.

एसीपी हजरतगंज राघवेंद्र सिंह ने बताया कि पशुधन टेंडर घोटाला मामले में अरविंद सेन समेत 20 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में दाखिल हो चुकी है. घोटाला करने वाले पूरे गिरोह के खिलाफ गैंगेस्टर की कार्रवाई की गई है. उन्होंने बताया कि सभी आरोपियों की संपत्तियों की भी जांच की जा रही है, जो उन्होंने अपराध की दुनिया से अर्जित की है. इन संपत्तियों को भी अब जब्त किया जाएगा.

क्या है टेंडर घोटाला?
बता दें कि इंदौर के व्यापारी मंजीत भाटिया से साल 2018 में पशुपालन विभाग में 214 करोड़ का टेंडर दिलाने के लिए 9 करोड़ से ऊपर की ठगी की गई थी. पीड़ित ने हजरतगंज थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी. एफआईआर में मुख्य रूप से आशीष राय, अनिल राय, रूपक राय, अरुण राय व तत्कालीन आईपीएस अरविंद सेन, सिपाही दिलबहार यादव, सहायक समीक्षा अधिकारी उमेश मिश्रा, होमगार्ड रघुवीर यादव, विजय कुमार, मोंटी गुर्जर व संतोष सिंह समेत 20 लोगों के नाम शामिल थे.

दो अधिकारी हुए सस्पेंड
इस मामले में योगी सरकार ने तत्कालीन आईपीएस अरविंद सेन समेत अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए एसटीएफ को लगाया था. इस फर्जीवाड़े की जांच एसीपी गोमतीनगर को सौंपी गई थी और एसीपी गोमतीनगर श्वेता श्रीवास्तव ने मामले में विवेचना कर चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी थी. जिसमें अन्य आईपीएस अधिकारी दिनेश चंद्र दुबे को फर्जीवाड़े से क्लीन चिट दी गई थी. हालांकि अरविंद सेन व दिनेश चंद्र दुबे को एसटीएफ रिपोर्ट के आधार पर ही सस्पेंड किया गया था.

सचिवालय में चला फर्जीवाड़े का नाटक
फर्जीवाड़े की जांच में पता चला था कि व्यापारी को ठगने के लिए सचिवालय में ही पशुधन, मत्स्य एवं दुग्ध विकास राज्यमंत्री जयप्रकाश निषाद के कमरे को चुना गया था. जहां मंत्री के प्रधान सचिव रजनीश रस्तोगी ने पीड़ित व्यापारी मनजीत से पशुपालन विभाग के डायरेक्टर एसके मित्तल बनकर मुलाकात की थी. रजनीश ने पशुधन विभाग में आटा सप्लाई का एक फर्जी वर्क आर्डर दिया था. मंजीत को जब फर्जी वर्क ऑर्डर का पता चला तो उसने रजनीश से अपने रुपये वापस मांगे. इसके बाद व्यापारी को नाका कोतवाली ले जाकर सिपाही दिलबहार ने धमकाया. उसके बाद सीबीसीआईडी के आफिस ले जाकर तत्कालीन एसपी सीबीसीआईडी अरविंद सेन से धमकी दिलवाई थी.

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