उत्तरकाशी: पर्वतारोहण के लिए विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री नेशनल पार्क (Uttarkashi Gangotri National Park) के गेट शीतकाल के लिए आज बंद (gangotri national park gate closed) कर दिये गए हैं. बीते सालों की अपेक्षा इस साल पर्यटक और पर्वतारोही गंगोत्री नेशनल पार्क में काफी संख्या में पहुंचे. इस बार 28,560 पर्यटकों ने पार्क क्षेत्र की सैर की. वहीं, अब गंगोत्री नेशनल पार्क और गर्तांगली (Uttarkashi Gartangali) की सैर के लिए सैलानियों को अगले साल एक अप्रैल तक का इंतजार करना पड़ेगा.
बता दें कि गंगोत्री नेशनल पार्क (Uttarakhand Gangotri National Park) क्षेत्र देश का तीसरा सबसे बड़ा पार्क है. यह 1553 वर्ग किमी और सात हजार मीटर से अधिक ऊंचाई तक फैला हुआ है. पार्क क्षेत्र में हिम तेंदुए, अरगली भेड़, भूरा भालू व लाल लोमड़ी जैसे कई दुर्लभ जीवों का घर है, जहां पर्यटकों को आसानी से उच्च हिमालयी क्षेत्र पाए जाने वाले इन जीवों के दीदार हो जाते हैं. यही वजह है कि पार्क क्षेत्र में हर साल हजारों की संख्या में पर्यटक घूमने आते हैं.
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वैसे हर साल एक अप्रैल को पार्क के गेट पर्यटक व पर्वतारोहियों के लिए खुलते हैं और 30 नवंबर को बंद कर दिए जाते हैं. इस बार गंगोत्री नेशनल पार्क में पर्यटकों की संख्या के साथ राजस्व अर्जित करने का भी रिकॉर्ड बना है. गंगोत्री नेशनल पार्क क्षेत्र के उप निदेशक रंगनाथ पांडेय बताया कि इस बार लगभग 28,560 पर्यटकों ने पार्क प्रशासन को प्रवेश शुल्क के रूप में 60 लाख रुपये से अधिक का राजस्व प्राप्त हुआ. उन्होंने बताया कि पार्क क्षेत्र शीतकाल में बंद रहेगा.
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गौरतलब है कि गंगोत्री नेशनल पार्क के अंतर्गत गंगोत्री ग्लेशियर की विश्व की ऊंची-ऊंची चोटियां आती हैं, जिन पर हर वर्ष हजारों लोग पर्वतारोहण करते हैं. इसके साथ ही गौमुख, केदारताल और तपोवन भी पर्यटक पहुंचते हैं और रोमांच भरी ट्रैकिंग करते हैं. पार्क के अंतर्गत भारत-चीन अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे नेलांग और जाडुंग घाटी भी आती है.
बता दें कि शीतकाल के दौरान गंगोत्री नेशनल पार्क क्षेत्र में वन्यजीवों (Gangotri National Park Wildlife) की हलचल पर नजर रखने के लिए 40 ट्रैप कैमरे लगाए जा रहे हैं. पार्क के गेट बंद होने से पहले पार्क प्रशासन ने ट्रैप कैमरे लगाने का काम तेज कर दिया है. यह अत्याधुनिक ट्रैप कैमरे वन्यजीवों की हर एक गतिविधि को कैद करने में सक्षम हैं.