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कैंची धाम का मालपुआ FSSAI से होगा प्रमाणित

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Published : Oct 29, 2021, 9:26 AM IST

अब भारतीय खाद्य सुरक्षा, मानक प्राधिकरण कैंची में विश्व विख्यात नीम करौली महाराज का महाप्रसाद मालपुआ को प्रमाणित करेगा.

मालपुआ
मालपुआ

नैनीताल : अलमोड़ा-भवाली हाइवे स्थित कैंची में विश्व विख्यात नीम करौली महाराज का महाप्रसाद मालपुआ अब भारतीय खाद्य सुरक्षा, मानक प्राधिकरण (Food Safety and Standards Authority of India) से प्रमाणित होगा. खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) विभाग प्रमाणीकरण की पूरी प्रक्रिया अपनाने के बाद महाप्रसाद को प्रमाणित करेगा.

उत्तराखंड में अब तक हरिद्वार के चंडी देवी मंदिर, गीता कुटीर तपोवन के प्रसाद को एफएसएसएआई से मान्यता मिल गई है. एफएसएसएआई द्वारा प्रदेश के प्रमुख मंदिरों के भोग भंडारे का विशेष प्रसाद को प्रमाणित किया जा रहा है. वहीं, विश्व विख्यात कैंची धाम प्रबंधन से विभागीय अधिकारियों की शुरुआती बातचीत हो चुकी है. कैंची धाम में मालपुओं का भोग 15 जून को मंदिर के स्थापना दिवस पर लगता है.

देश-विदेश से श्रद्धालु यहां आकर प्रसाद ग्रहण करते हैं. इसके अलावा कोटद्वार के सिद्धबली मंदिर के प्रसाद के प्रमाणीकरण के लिए भी सत्यापन की प्रक्रिया चल रही है. केदारनाथ एवं बदरीनाथ मंदिर समिति ने भी प्रमाणीकरण के लिए सैद्धांतिक सहमति जताई है. कुमाऊं में अगले चरण में गुरुद्वारा श्री नानकमत्ता साहिब, नैना देवी मंदिर नैनीताल, पूर्णागिरि धाम चंपावत के प्रसाद का प्रमाणीकरण किया जाएगा.

कैसे होता है प्रसादों का प्रमाणीकरण

भारतीय खाद्य सुरक्षा टीम प्रसाद बनाने की पूरी प्रक्रिया का निरीक्षण करती है. साथ ही देखती है कि प्रसाद सुरक्षित व स्वच्छ बन रहा है या नहीं. इसमें किचन, गुणवत्तायुक्त सामग्री की उपलब्धता, उपयोग होने वाली सामग्री आदि देखी जाती है. इसके लिए कर्मचारियों को खाद्य सुरक्षा को लेकर प्रशिक्षित किया जाता है. हर साल इसका भौतिक सत्यापन होगा. कोई कमी मिलने पर उसे दूर किया जाएगा. कमी मिलने पर प्रमाणपत्र नहीं दिया जाता है.

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धार्मिक स्थलों में प्रसाद बेचने वालों को क्लीन स्ट्रीट फूड हब के रूप में विकसित करने की भी योजना है. ऋषिकेश से इसकी शुरुआत हुई है. रामनगर के गिरिजा मंदिर परिसर और हनुमान धाम छोई के लिए यह संभावना देखी जा रही है. ऐसे वेंडरों को एक साथ प्रशिक्षण देकर प्रमाणपत्र दिया जाता है.

कैंची मंदिर प्रबंधक विनोद जोशी ने बताया कि खाद्य सुरक्षा टीम से मौखिक वार्ता हुई है. मंदिर में हमेशा से साथ सफाई का ध्यान रखकर भोग बनाया जाता है. अगर श्रद्धालुओं के लिए खाद्य सुरक्षा का और अधिक ध्यान रखा जाए तो हम इसके लिए सहमत हैं.

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