चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बीते 16 जुलाई को ट्वीट कर लोगों को जानकारी दी थी कि 1 जुलाई से उनका मुफ्त बिजली देने का वादा शुरु हो गया जिसके बाद इससे लगभग 51 लाख घरों का बिजली का बिल शून्य आएगा. लेकिन अब उनके वादे पर सियासी बवाल खड़ा होता दिख रहा है. हाल ही में पंजाब विद्युत विभाग द्वारा एक नोटिफिकेशन जारी की गई है जिसमें मुफ्त बिजली पाने के लिए शर्तें बताई गई हैं. इसके बाद विपक्षी पार्टियों ने पंजाब सरकार पर हमला बोलना शुरु कर दिया है. मामले पर कांग्रेस और अकाली दल ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि चुनाव के पहले ऐसी कोई शर्तें नहीं थीं और पंजाब के लोगों के साथ धोखा हुआ है. वहीं राज्य सरकार की ओर से इसपर कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है.
क्या हैं शर्तें: विद्युत विभाग द्वारा जारी अधिसूचना में मुफ्त बिजली योजना का लाभ लेने के लिए कुछ शर्तें रखी गई हैं जिसके अनुसार-
- परिवार का कोई भी सदस्य आयकर का भुगतान करने वाला नहीं होना चाहिए, अगर भविष्य में वह व्यक्ति आयकर के दायरे में आता है तो इसके बारे में वह स्वयं बिजली अधिकारी को सूचित करना होगा.
- परिवार का कोई भी सदस्य मंत्री, संसद सदस्य, विधायक, नगर परिषद सदस्य, महापौर या जिला पंचायत अध्यक्ष नहीं होना चाहिए.
- परिवार का कोई भी सदस्य सरकारी कर्मचारी न हो.
- परिवार की मासिक पारिवारिक पेंशन 10 हजार रुपये से अधिक न हो.
- परिवार में कोई भी सदस्य डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, चार्टर्ड अकाउंटेंट या आर्किटेक्ट न हो.
विपक्ष ने बोला हमला: कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने इसपर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस अधिसूचना के बाद यह साफ हो गया है कि पंजाब के केवल कुछ ही परिवार इस योजना से लाभान्वित होंगे. आम आदमी पार्टी ने मुफ्त बिजली गांरटी की योजना पर इतनी सारी शर्तें लगाकर पंजाब के लोगों के साथ धोखा किया है. उन्होंने यह भी कहा कि पंजाबियों को मुफ्त बिजली मिले या न मिले, लेकिन उन्हें एक नई घोषणा जरूर मिल गई है. वहीं पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष राजा वडिंग ने आरोप लगाते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी का लोगों को मुफ्त बिजली देने का वादा महज एक राजनीतिक स्टंट था. उन्होंने सवाल किया कि योजना पर इतनी सारी शर्तें क्यों लगाई गईं.
यह भी पढ़ें-पंजाब में करीब 51 लाख घरों का बिजली बिल होगा शून्य: सीएम भगवंत मान
इसके अलावा शिरोमणी अकाली दल के मुख्य प्रवक्ता डॉ दलजीत सिंह चीमा ने कहा है कि सरकार की शर्तों के कारण 80 प्रतिशत लोग योजना का लाभ लेने से वंचित हो जाएंगे. भगवंत मान ने पंजाबियों को धोखा दिया है. ये बड़े आश्चर्य की बात कि कुछ दिनों पहले ही उन्होंने दावा किया था कि इस योजना से 51 लाख परिवार लाभान्वित होंगे लेकिन अब यह साफ हो गया है कि मुख्यमंत्री के दावे खोखले और जमीनी हकीकत से दूर हैं.