रामपुर/वाराणसीः सनातन धर्म को लेकर अभद्र टिप्पणी करने पर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के बेटे मंत्री उदय निधि स्टालिन और कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे के बेटे प्रियंक खड़गे के विरुद्ध रामपुर में एफआईआर दर्ज हुई है. वरिष्ठ अधिवक्ता हर्ष गुप्ता और राम सिंह लोधी ने रामपुर की कोतवाली सिविल लाइन्स में धार्मिक भावनाएं आहत होने के तहत यह रिपोर्ट दर्ज कराई है.
वादी एवं अधिवक्ता हर्ष गुप्ता ने बताया कि बीती 4 सितंबर को मंत्री उदय निधि स्टालिन ने सनातन धर्म को लेकर अशोभनीय बयान दिया था. इसमें उन्होंने डेंगू, मलेरिया और कोरोना की तरह ही इसके विनाश की बात कही थी. उनके इस बयान का कर्नाटक के मंत्री और कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे के बेटे प्रियंक खडगे ने समर्थन किया था. इससे हिंदू धर्म मानने वालों की धार्मिक भावनाएं आहत हुईं हैं. दोनों ने अपने बयान से धार्मिक उन्माद फैलाने की कोशिश की है. इस संबंध में रामपुर बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष राम सिंह लोधी ने एक तहरीर पुलिस अधीक्षक रामपुर को दी. इस पर उन्होंने थाना सिविल लाइंस में दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया गया है.
जब उनसे सवाल पूछा गया कि क्या ऐसे सियासी भाषण वोट बैंक की राजनीति के लिए दिए जाते हैं क्या मानते हैं इस पर वादी एवं अधिवक्ता ने कहा कि मैं राजनीतिक व्यक्ति नहीं हूं इसलिए मैं इस पर टिप्पणी नहीं कर सकता, वह राजनीतिक व्यक्ति जरूर है लेकिन वह जितने बड़े पद पर आसीन हैं उनको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वह केवल अपने ही वर्ग विशेष के मंत्री या पद पर आसीन नहीं है वह पूरी स्टेट को रिप्रेजेंट करते हैं और स्टेट में सभी प्रकार के सभी धर्म के व्यक्ति निवास करते हैं. उनके इस भाषण से यह प्रतीत होता है कि सनातन धर्म के प्रति कि उनके मन में पूरा-पूरा निराधार है. वह सनातन धर्म को नहीं मानते हैं और वह सनातन धर्म को समूल नाश कर देना चाहते हैं.
वाराणसी में दाखिल परिवार पर 15 सितंबर को होगी सुनवाई
श्री काशी सत्संग मंडल के कार्यकारी अध्यक्ष देवेंद्र कुमार पाठक ने उदयनिधि स्टालिन खेल मंत्री द्वारा सनातन धर्म को लेकर विवादित बयान पर अपर सिविल जज जूनियर डिवीजन सप्तम के यहां परिवाद दाखिल किया है. परिवाद में कहा है कि भारतीय दंड संहिता की धारा 153 ए और 505 के तहत विपक्षी स्टालीन का बयान भारतवर्ष के समस्त 80% आबादी सनातनियों के खिलाफ है. उदयनिधि का बयान सनातन धर्म को नीचा दिखाने के लिए है एवं सनातन धर्म पर प्रहार करने वाला है.कोर्ट ने इस मामले कि सुनवाई के लिए 15 सितंबर की तिथि तय की है. परिवाद वरिष्ठ अधिवक्ता गिरिजेश कपूर और शैलेंद्र पांडेय एडवोकेट ने दाखिल किया है.