मैंगलोर: हार्ट वॉल्व रिप्लेसमेंट आमतौर पर बाइपास सर्जरी के जरिए ही किया जाता है. लेकिन कर्नाटक के मैंगलोर में केन्या की एक महिला मरीज का बिना बाईपास सर्जरी (Bypass Surgery In India) के हार्ट वॉल्व रिप्लेसमेंट सफलतापूर्वक किया गया है. केन्या की एक 65 वर्षीय महिला माइट्रल वाल्व नामक हृदय रोग से पीड़ित थी. 2014 में इस महिला की अहमदाबाद में बाइपास हार्ट सर्जरी हुई थी. उस दौरान उसके दिल में एक कृत्रिम वाल्व लगाया गया था. 8 साल बाद यह कृत्रिम वॉल्व काम करने लायक नहीं रह गया.
नतीजतन, महिला की हृदय गति बिगड़ने लगी. इसके चलते उन्हें सांस लेने में गंभीर दिक्कत और ब्लड प्रेशर की गंभीर समस्या होने लगी. इस लिहाज से जब वह अहमदाबाद के उसी अस्पताल में गईं, जहां उनकी पहले सर्जरी हुई थी, तो वहां के डॉक्टर को दोबारा बाइपास सर्जरी करने की बात कही. डॉक्टरों ने बताया कि इसके अलावा और कोई रास्ता नहीं है. दूसरी बाइपास सर्जरी बहुत खतरनाक होती है. दूसरी सर्जरी में बचने की बहुत कम संभावना होती है.
जब महिला ने इस बीमारी के वैकल्पिक उपचार की खोज की, तो उसे मैंगलोर के इंडियाना अस्पताल के बारे में पता चला, जिसने पहले भी बाईपास सर्जरी के बिना हृदय वाल्व प्रतिस्थापन किया था. महिला ने अस्पताल प्रशासन से संपर्क किया.
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इंडियाना अस्पताल के डॉक्टर यूसुफ कुंबले और उनकी टीम ने इस केन्याई महिला की जांच की और उन्नत तकनीक का उपयोग करके बिना बाईपास सर्जरी के हार्ट वाल्व रिप्लेसमेंट सर्जरी की. महिला का इलाज बाईपास सर्जरी के बिना इंटरवेंशनल तकनीक (पुराने वाल्व को हटाए बिना दूसरे वाल्व को बदलने की इंटरमीडिएट रिप्लेसमेंट थेरेपी) द्वारा किया गया था.