नई दिल्ली : दिल्ली से सटे बॉर्डरों पर 146 दिन से आंदोलनरत संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से अगली रणनीति के तहत आज से प्रतिरोध सप्ताह शुरू कर दिया गया है. 26 अप्रैल तक चलने वाले इस सप्ताह के दौरान सभी धरनास्थलों पर महामारी से बचाव के पुख्ता इंतजाम भी होंगे. वहीं, 24 अप्रैल से 'दिल्ली चलो' अभियान शुरू किया जाएगा. जिसमें किसानों और प्रवासी मजदूरों को एकजुट करने का प्रयास किया जा रहा है.
जानकारी के मुताबिक, दिल्ली के नजदीक सिंघु बॉर्डर पर प्रतिरोध सप्ताह के पहले दिन किसान मोर्चा की सभा आयोजित हुई. इसमें किसानों को मास्क और सैनिटाइजर बांटे गए. प्रदर्शनकारियों में महिलाएं भी शामिल थीं, जो मास्क पहनें हुईं थीं. वहीं, पुरुष सोशल डिस्टेंस रखते हुए बैठे थे.
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अपनी इस नई रणनीति के बारे में ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान किसान मोर्चा ने बताया कि 26 अप्रैल से पहले सभी धरनास्थलों पर कोरोना से बचाव के सभी नियमों का पालन किया जाएगा. उन्होंने दिल्ली सरकार द्वारा लगाए गए लॉकडाउन पर चिंता व्यक्त कर कहा कि तालाबंदी के कारण किसानों को नुकसान झेलना पड़ रहा है. फसलों की कटाई के समय किसानों को वॉर्कशॉप और स्पेयर पार्ट्स की जरूरत होती है, लेकिन तालाबंदी के कारण ये सारे सामान किसानों तक नहीं पहुंच पाएंगे.
इसके साथ ही प्रवासी मजदूरों के पलायन पर किसान मोर्चा ने अपील की कि अपने घरों को वापस लौटने के बदले वे मजदूर किसान आंदोलन में शामिल हो सकते हैं. धरनास्थलों पर उनके रहने और खाने-पीने की व्यवस्था करायी जाएगी.
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वहीं, 24 अप्रैल से किसानों को दोबारा एकजुट करने के लिए किसान मोर्चा 'दिल्ली चलो' अभियान शुरू करेगा. जिसमें किसान समेत प्रवासी मजदूरों को भी आंदोलन से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है.
ईटीवी भारत ने इस विषय पर और बातचीत के लिए किसान नेता डॉ दर्शनपाल से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन अस्वस्थ होने के कारण दर्शनपाल उपलब्ध नहीं हो सके. दर्शनपाल ने कहा है कि वह दो दिन तक बात करने की स्थिति में नहीं हैं.