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हाथी की दर्दनाक मौत, बिसरा जांच से खुलेगा राज

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Published : Nov 28, 2020, 6:22 PM IST

मध्य प्रदेश के जबलपुर में एक हाथी की मौत हो गई है. इस मामले में वन विभाग ने दो शिकारियों को गिरफ्तार कर लिया है. बताया जा रहा है कि कई घंटे तड़पने के बाद हाथी ने दम तोड़ दिया.

हाथी की मौत
हाथी की मौत

भोपाल : ओडिशा से छत्तीसगढ़ होते हुए मध्य प्रदेश के जबलपुर पहुंचे दो हाथियों में से एक की मौत हो गई है. वन विभाग की टीम ने कार्रवाई करते हुए दो शिकारियों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि अन्य की तलाश अभी भी की जा रही है. इस दौरान गिरफ्तार किए गए आरोपियों से पूछताछ की गई, तो पता चला कि जंगली सुअर का शिकार करने के लिए खेत में बिजली के तार बिछाए गए थे, जिसकी चपेट में हाथी आ गया.

मुंह के बल गिरा था हाथी
जानकारी के मुताबिक हाथी की करंट लगने से मौत हो गई थी, जिसकी वजह से वह मुंह के बल गिर गया था. वहीं इस मामले में टीम ने रात में ही पंचम आदिवासी और मुकेश पटेल को गिरफ्तार कर लिया था. इस दौरान उनसे पूछताछ भी की गई. जिसमें दोनों ने बिजली के तार बिछाया जाना स्वीकारा था, जिन्हें नहीं पता था कि इसमें हाथी फंस जाएंगे.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

हाथी की झुलस गई सूंड
मृतक हाथी का पोस्टमार्टम कराने के बाद जांच में पता चला कि उसकी सूंड में करंट लगा था. करंट लगने के बाद हाथी लगभग 200 मीटर दूर जाकर गिरा था. उस समय दोनों ही हाथी साथ-साथ चल रहे थे. ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि दूसरा हाथी भी करंट की चपेट में ना आ गया हो.

क्या था पूरा मामला
दरअसल, ओडिशा के जंगल से भटककर अप्रैल में 20 हाथियों का झुंड कान्हा नेशनल पार्क में आया था. यहां से सिवनी के रास्ते से हाथी निकल कर मंडला के जंगल में सितंबर माह में पहुंचे थे, जो दो महीने तक वहीं रहे. इसके बाद दोनों हाथी जबलपुर की ओर निकल गए, जबकि अन्य हाथी वापस ओडिशा की तरफ लौट गए. 5 दिनों पहले दोनों हाथियों ने शहर के बरेला क्षेत्र में प्रवेश किया था, जो बुधवार को बरगी और गुरुवार को मंगेली में दिखे थे.

सागर में होगी अब बिसरा की जांच
स्कूल ऑफ वाइल्ड लाइफ फारेंसिक लैब में हाथी की मौत को लेकर कई तरह के रिसर्च किए जाएंगे. साथ ही बिसरा जांच सागर लैब को भेजे जाएंगे. इससे इस बात का पता लगाया जाएगा कि मौत की वजह सिर्फ करंट ही था या फिर उसे कोई जहरीला पदार्थ खिलाया गया था.

दूसरे हाथी की तलाश में जुटी वन विभाग की टीम

दूसरे हाथी के करीब 36 घंटे से गायब होने के बाद से वन विभाग परेशान है. आस-पास के कई गांवों में हाथी की जानकारी ली जा रही है. वन विभाग ने 10-10 लोगों की कुल 10 टीमें बनाई हैं, जो जंगल में हाथी की तलाश कर रही है. हालांकि, दिक्कत वाली बात यह है कि हाथी के फुट प्रिंट भी वन विभाग को नहीं मिल पा रहे हैं. वन्य प्राणी विशेषज्ञों का कहना है कि वन विभाग की लापरवाही की वजह से एक जंगली हाथी की जान चली गई.

सिवनी से जबलपुर के बीच है घना जंगल

हाथी को तलाश करने के लिए वन विभाग ने ड्रोन सहित डॉग स्क्वॉड की भी मदद ली है. जानकारी के मुताबिक लापता हाथी की तलाश की जा रही है. वहीं दूसरी तरफ करंट बिछाने वाले आरोपियों को न्यायालय में पेश करने के बाद विस्तृत जानकारी प्राप्त हो सकेगी.

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वन विभाग ने भगाए थे हाथी

बरगी क्षेत्र में 2 दिन पहले खिरहनी के पास दो जंगली हाथियों को देखा गया था जिसके बाद वन विभाग का अमला लगातार इन जंगली हाथियों को जंगलों से भगाने की कोशिश में जुटा हुआ था. हालांकि, वन विभाग के पास सुरक्षा व्यवस्था के कोई पुख्ता इंतजाम नहीं थे, जिससे विभाग को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा था.

इस दौरान वन विभाग के कर्मचारियों को अपनी जान बचाने के लिए एक बिजली के खंभे पर चढ़ना पड़ा था. वहीं कई घंटों की मशक्कत के बाद पटाखों की आवाज से हाथी जंगल की तरफ भागे थे, लेकिन वन विभाग को सूचना मिली थी कि मोहास के पास दो हाथियों में से एक हाथी की मौत हो गई है. जानकारी मिलते ही जब आला अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे, तो जंगली हाथी मुंह के बल नीचे गिरा हुआ था, जिससे उसके दांत जमीन में धंसे हुए थे. वहीं मृत हाथी का पेट भी फूल गया था.

राज्य सभा सांसद विवेक तन्खा ने किया था ट्वीट

हाथी की दर्दनाक मौत पर राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने भी ट्वीट करते हुए जांच की मांग की है. उन्होंने इस पूरे घटनाक्रम को वन विभाग और जिला प्रशासन की नाकामी बताया है. दूसरी तरफ वन विभाग के अधिकारी पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मामले की जांच की बात कह रहे हैं.

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