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कोविड टीकाकरण बच्चों के लिए कारगर हो सकता है : डॉ. प्रवीण गर्ग

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Published : Dec 30, 2021, 6:37 AM IST

Updated : Dec 30, 2021, 7:42 AM IST

Dr Praveen Garg
डॉ. प्रवीण गर्ग

देश में तीन जनवरी से 15-18 साल आयु वर्ग के किशोरों का टीकाकरण शुरू होगा. गुजरात के अहमदाबाद के मशहूर डॉक्टर प्रवीण गर्ग का कहना है कि यह भ्रम है कि कोरोना वायरस का नया वेरिएंट ओमीक्रोन बच्चों के लिए खतरनाक नहीं है. उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थानों में बच्चे एक-दूसरे के संपर्क में आने से कोरोना पॉजिटिव हो रहे हैं, इसलिए टीकाकरण उनके लिए कारगर हो सकता है.

अहमदाबाद : दुनिया में कोरोना वायरस की तीसरी लहर दस्तक दे रही है. विकसित देशों में भी लाखों मामले सामने आ रहे हैं. टीकाकरण को लेकर भारत की स्थिति अच्छी है. लेकिन विशेषज्ञों ने भारत में भी निकट भविष्य में तीसरी लहर की संभावना व्यक्त की है. ओमीक्रोन के प्रसार के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की है कि तीन जनवरी से 15-18 साल आयु वर्ग के किशोरों का टीकाकरण शुरू होगा.

इस संबंध में ईटीवी भारत ने अहमदाबाद के मशहूर डॉक्टर प्रवीण गर्ग से खास बातचीत की. बच्चों को वैक्सीन की जरूरत पर उन्होंने कहा कि दो साल से लगातार कोरोना वायरस अपना रूप बदल रहा है. यह स्पाइक प्रोटीन पर म्युटेशन होता है. अमेरिका में लगभग 7.5 मिलियन बच्चे कोविड से संक्रमित हैं. यह कहना कि कोरोना संक्रमण सिर्फ वयस्कों को होता है, यह बहुत बड़ा भ्रम है.

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उन्होंने कहा कि कोविड से लड़ने का एकमात्र हथियार वैक्सीन है. भारत में लगभग 70% आबादी का टीकाकरण किया जा चुका है. किशोरों को सुरक्षा की आवश्यकता थी. कोरोना काल में दो साल से स्कूल-कॉलेज बंद थे, इसलिए पढ़ाई प्रभावित हुई. लेकिन शिक्षण संस्थानों में आने के बाद बच्चे एक-दूसरे के संपर्क में आए हैं, वे कोरोना पॉजिटिव हो रहे हैं. इसलिए टीकाकरण उनके लिए कारगर हो सकता है. उन्होंने कहा कि कोरोना था, कोरोना है और आने वाले वर्षों में भी रहेगा, इसलिए वैक्सीन के साथ कोविड का उचित व्यवहार ही हमें कोरोना से बचाएगा.

क्या नया वेरिएंट ओमीक्रोन बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता को तोड़ सकता है? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि कोरोना अपना रूप बदल रहा है. उसने स्पाइक प्रोटीन में 30 से 40 म्यूटेंट बनाए. दूसरी लहर में बच्चों में संक्रमण कम था. लेकिन यह नहीं कहा जा सकता कि बच्चों की इम्युनिटी उन्हें कोरोना से सुरक्षा देगी. हर किसी की इम्युनिटी अलग होती है. टीके की पहली खुराक 15 से 18 वर्ष के आयु वर्ग को दो से तीन महीने में दी जाए, यह जरूरी है.

कोवैक्सीन टीका बच्चों के लिए एकमात्र विकल्प क्यों? इसका जवाब देते हुए डॉक्टर गर्ग ने कहा कि कोई भी वैक्सीन देने से पहेले क्रिटिकल ट्रायल कमेटी और डीसीजीआई उसका परीक्षण करती है, जिसके बाद उसे मंजूरी दी जाती है. बच्चों पर कोवैक्सीन और जाइडस टीकों का परीक्षण किया गया है. दोनों टीकों के परीक्षणों ने कोई बड़ा दुष्प्रभाव नहीं दिखाया है और इसका सक्सेस रेशियो ज़्यादा है. उन्होंने कहा कि निकट भविष्य में बच्चों के लिए 7-8 टीके उपलब्ध होंगे.

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15 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए टीका कब उपलब्ध होगा? इस सवाल के जवाब में डॉक्टर प्रवीण गर्ग ने कहा कि बड़े स्तर पर टीकाकरण की आवश्यकता है. एक महीने के बाद 12 से 15 साल आयुवर्ग के लिए भी टीकाकरण की घोषणा की जा सकती है. कुछ कंपनियों ने 1-12 साल के बच्चों पर वैक्सीन का ट्रायल भी शुरू कर दिया है. उनके परिणामों के अनुसार, तीन से चार वर्ष के बच्चों को भी टीकाकरण की अनुमति होगी.

Last Updated :Dec 30, 2021, 7:42 AM IST
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