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Digital Campaign in Panchayat Elections: एमपी पंचायत चुनाव में डिजिटल क्रांति! दिल्ली और पटना में तैयार हो रही ऑडियो वीडियो प्रचार सामग्री

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Published : Jun 20, 2022, 11:06 PM IST

मध्य प्रदेश के पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव में प्रिंटेड प्रचार सामग्री के अलावा ऑडियो-वीडियो प्रचार सामग्री का भी जमकर उपयोग हो रहा है. स्थानीय चुनाव में यूपी और बिहार के प्रचार सामग्री विक्रेताओं में मध्य प्रदेश के अलग-अलग जिलों में डेरा डाल दिया है. चुनाव सामग्री विक्रेताओं के पास प्रत्याशी को अपना चुनाव चिन्ह और अपनी जानकारी मुहैया कराना है और महज तीन हजार रूपए में 2 घंटे बाद उन्हें उनका प्रचार गीत तैयार होकर मिल जाएगा.

Digital Campaign in Panchayat Elections
एमपी पंचायत चुनाव में डिजिटल क्रांति

सागर। भले ही पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव गांव और मोहल्ले के चुनाव होते हैं. लेकिन डिजिटल क्रांति के चलते इन चुनावों के अंदाज में भी काफी बदलाव आया है. इन चुनावों में प्रिंटेड प्रचार सामग्री के अलावा ऑडियो-वीडियो प्रचार सामग्री भी जमकर उपयोग हो रही है. खासकर दोनों चुनावों में प्रत्याशियों की तस्वीर साफ हो जाने के बाद अब हर जिला मुख्यालय पर प्रचार सामग्री तैयार करने वाले दुकानदारों की दुकानें सज गई हैं, जो यूपी और बिहार से एमपी पहुंचे हैं. डिजिटल क्रांति का ऐसा असर है कि प्रत्याशी से संबंधित डिटेल्स दुकानदार को दीजिए और महज 2 घंटे में आप का प्रचार गीत दिल्ली से तैयार होकर आ जाएगा. इसके अलावा अगर चुनाव से संबंधित स्पीच और कॉमेंट्री भी तैयार कराना चाहते हैं, तो वो भी महज 2 घंटे में मिल जाएगी.

एमपी पंचायत चुनाव में डिजिटल क्रांति

मध्य प्रदेश पहुंचे यूपी और बिहार के प्रचार सामग्री विक्रेता: सागर जिला कलेक्टर कार्यालय में इन दिनों आपको प्रत्याशियों और उनके समर्थकों की भीड़ नजर आएगी, तो कुछ दुकानें ऐसी भी नजर आएंगी जिनमें पंचायतों और नगरीय निकाय चुनाव से संबंधित प्रचार सामग्री मिल जाएगी. स्थानीय चुनाव में यूपी और बिहार के प्रचार सामग्री विक्रेताओं में मध्य प्रदेश के अलग-अलग जिलों में डेरा डाल दिया है. प्रचार सामग्री विक्रेताओं के पास आपको चुनाव संबंधित प्रिंटेड सामग्री, पंपलेट और कार्ड जैसी चीजें तो मिल ही जाएंगी. इसके अलावा डिजिटल क्रांति के युग में अगर आप अपना प्रचार गीत भाषण या फिर चुनाव से संबंधित कोई कमेंट्री तैयार कर आना चाहते हैं, तो वह भी हो जाएगी.

प्रिंटेड प्रचार सामग्री के अलावा इन चुनावों में ऑडियो वीडियो प्रचार सामग्री का चलन काफी बढ़ गया है. इसके लिए हमने पटना और दिल्ली के स्टूडियो में संपर्क किया है। वहां हर भाषा के गायक मौजूद होते हैं, यहां पर हम प्रत्याशी से उसकी जानकारी इकट्ठा करते हैं और मोबाइल से दिल्ली या पटना भेज देते हैं और 2 घंटे में प्रचार गीत तैयार होकर आ जाता है.

- मुकेश परवाना, प्रचार सामग्री विक्रेता

2 घंटे में प्रचार गीत तैयार: प्रचार सामग्री विक्रेता इन चुनावों में डिजिटल क्रांति का भी भरपूर उपयोग कर रहे हैं. पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव में ऑडियो-वीडियो प्रचार सामग्री भी तैयार की जा रही है. चुनाव सामग्री विक्रेताओं के पास प्रत्याशी को अपना चुनाव चिन्ह और अपनी जानकारी मुहैया कराना है और महज तीन हजार रूपए में 2 घंटे बाद उन्हें उनका प्रचार गीत तैयार होकर मिल जाएगा. इसके अलावा अगर आप वीडियो सामग्री तैयार कराना चाहते हैं, तो वीडियो सामग्री के लिए जरूरी फोटो और फुटेज मुहैया कराने पर महज 2 घंटे में प्रचार वीडियो भी तैयार होकर आ जाएगा. प्रचार प्रसार से संबंधित भाषण या फिर कॉमेंट्री कराना चाहते हैं तो वह भी हो जाएगी.

दिल्ली और पटना के स्टूडियो में तैयार हो रहे हैं प्रचार गीत: प्रचार सामग्री के विक्रेता भले ही यूपी-बिहार से हैं, लेकिन इन विक्रेताओं के संबंध दिल्ली और पटना में स्थापित स्टूडियो संचालक से हैं. स्टूडियो संचालक के पास हर भाषा में गीत गाने वाले गायक मौजूद होते हैं. सागर में बैठा प्रचार सामग्री विक्रेता उम्मीदवार से उसकी जानकारी लेता है और मोबाइल के जरिए पटना या दिल्ली भेज देता है. जहां तैयार बैठा गायक दो ही घंटे में प्रचार गीत तैयार करके मुहैया करा देता है. खास बात ये है कि प्रचार गीत के अलावा चुनाव से संबंधित भाषण या कॉमेंट्री महज 2 घंटे में दिल्ली से तैयार होकर सागर पहुंच जाती है.

डिजिटल क्रांति के कारण प्रचार के तरीके में काफी बदलाव आया है. पहले हमें एक फोटो तैयार कराने के लिए ब्लॉक तक तैयार होकर आना पड़ता था. एक समय यह था कि कलर फोटो एक महीने में मिल पाती थी. लेकिन डिजिटल क्रांति के कारण प्रचार प्रसार में काफी बदलाव आया है. अब हम सुबह आर्डर देते हैं और शाम को हमें प्रचार सामग्री मिल जाती है. चाहे वह प्रिंटेड हो या फिर ऑडियो-वीडियो फार्मेट में.

- जतिन चौकसे, नेता कांग्रेस

चुनाव में ऑडियो वीडियो सामग्री का चलन: यूपी के सुल्तानगंज से प्रचार सामग्री बेचने आए मुकेश यादव ने बताया कि, डिजिटल क्रांति के कारण हमारे कामकाज में काफी बदलाव आया है. पहले सिर्फ प्रिंटेड प्रचार सामग्री बेचते थे, लेकिन ऑडियो-वीडियो सामग्री नहीं बेंच पाते थे. पिछले चार-पांच सालों में डिजिटल क्रांति के कारण चुनाव में ऑडियो वीडियो सामग्री का चलन तेजी से बढ़ा है. प्रत्याशी इसका उपयोग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर करते हैं. हम प्रत्याशी से डिटेल लेकर दिल्ली और पटना के स्टूडियो में उनकी ऑडियो वीडियो प्रचार सामग्री तैयार करा देते हैं और कुछ घंटों में उन्हें मुहैया करा देते हैं.

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