ETV Bharat / bharat

जानिए देवशयनी एकादशी के शुभ मुहूर्त, इस विधि से करें पूजा तो प्रसन्न होंगे विष्णु भगवान

author img

By

Published : Jul 20, 2021, 12:53 AM IST

Devshayani Ekadshi
Devshayani Ekadshi

आषाढ़ शुक्ल की एकादशी 20 जुलाई को पड़ रही है. इस दिन से भगवान विष्णु चार महीने के लिए योग निद्रा में चले जाएंगे. मान्यता है कि इन चार महीनों के दौरान जगत की देखरेख भगवान शिव करते हैं. इस दौरान किसी भी प्रकार का शुभ कार्य नहीं किया जाता.

कुल्लू : आषाढ़ माह में शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी तिथि को देवशयनी एकादशी के नाम से जाना जाता है. इस वर्ष देवशयनी एकादशी 20 जुलाई 2021 को है. हिंदू पंचांग के अनुसार एकादशी तिथि का प्रारम्भ 19 जुलाई 2021 को रात्री 09:59 बजे तथा एकादशी तिथि समाप्त 20 जुलाई 2021 को 07:17 बजे सांय को होगी. नियमानुसार एकादशी का व्रत 20 जुलाई, 2021 को किया जाएगा.

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस एकादशी तिथि से भगवान विष्णु विश्राम करते हैं और सृष्टि का संचालन भगवान शिव करते हैं. एकादशी तिथि भगवान विष्णु को अतिप्रिय होती है. शास्त्रों में देवशयनी एकादशी का बड़ा महत्व बताया गया है. भगवान विष्णु और लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए यह सर्वश्रेष्ठ दिन होता है.

एकादशी तिथि भगवान विष्णु को अतिप्रिय है.
एकादशी तिथि भगवान विष्णु को अतिप्रिय है.

मां लक्ष्मी की पूजा का भी विशेष महत्व

जानिए देवशयनी एकादशी के शुभ मुहूर्त.

प्रातः उठकर नित्य कार्यों से निवृत्त होकर अपने पूजा स्थान में विष्णु का षोडशोपचार पूजन करें. देवशयनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु के सहस्त्र नामों का जाप करना अति श्रेयकर कहा गया है. इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा का भी विशेष महत्व है. मां लक्ष्मी के मंत्रों का जाप, श्रीसूक्त का पाठ, कनकधारा स्तोत्र का पाठ शाम के समय तुलसी के पौधे के समीप बैठकर करने से आर्थिक स्थिति मजबूत होती है.

ओम नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का करें जप.
ओम नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का करें जप.

पढ़ेंः योगिनी एकादशी व्रत : जानें कथा और व्रत करने का महत्व

चिकित्सा विज्ञान के अनुसार इस दौरान सूर्य व चंद्र का तेज पृथ्वी पर कम पहुंचता है, जल की मात्रा अधिक हो जाती है, वातावरण में अनेक जीव-जंतु उत्पन्न हो जाते हैं, जो अनेक रोगों का कारण बनते हैं. इसलिए साधु-संत, तपस्वी इस काल में एक ही स्थान पर रहकर तप, साधना, स्वाध्याय व प्रवचन आदि करते हैं. इन दिनों केवल ब्रज की यात्रा की जा सकती है, क्योंकि इन महीनों में भूमण्डल के समस्त तीर्थ ब्रज में आकर वास करते हैं.

ये है कथा

धार्मिक कथा के अनुसार जब भगवान विष्णु ने वामन अवतार लेकर बलि से तीन पग भूमि मांगी, तब दो पग में पृथ्वी और स्वर्ग को श्री हरि ने नाप दिया और जब तीसरा पग रखने लगे तब बलि ने अपना सिर आगे रख दिया. भगवान विष्णु ने राजा बलि से प्रसन्न होकर उनको पाताल लोक दे दिया और उनकी दानभक्ति को देखते हुए वर मांगने को कहा. बलि ने कहा -प्रभु आप सभी देवी-देवताओं के साथ मेरे लोक पाताल में निवास करें, और इस तरह श्री हरि समस्त देवी-देवताओं के साथ पाताल चले गए, यह दिन एकादशी (देवशयनी) का था.

ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार एक अन्य प्रसंग में एक बार योगनिद्रा ने बड़ी कठिन तपस्या कर भगवान विष्णु को प्रसन्न किया और उनसे प्रार्थना की कि भगवान आप मुझे अपने अंगों में स्थान दीजिए. लेकिन श्री हरि ने देखा कि उनका अपना शरीर तो लक्ष्मी के द्वारा अधिष्ठित है. इस तरह का विचार कर श्री विष्णु ने अपने नेत्रों में योगनिद्रा को स्थान दे दिया और योगनिद्रा को आश्वासन देते हुए कहा कि तुम वर्ष में चार मास मेरे आश्रित रहोगी.

क्या करें देवशयनी एकादशी के दिन

इस दिन शाम के समय तुलसी के पौधे में घी का दीपक लगाएं. ओम नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करते हुए 11 परिक्रमा करें. इस दिन भगवान विष्णु को पीले रंग के कपड़ों से श्रृंगार करें. गरीबो में पीला अनाज बांटें. तीर्थ स्थल, पवित्र नदियों के किनारे बैठकर गायत्री मंत्र का जाप करें. समस्त रोगों का निवारण करने के लिए इस दिन एक नारियल और बादाम विष्णु को अर्पित करें.

देवशयनी एकादशी पूजा-विधि

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं.
  • घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें.
  • भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करें.
  • भगवान विष्णु को पुष्प और तुलसी दल अर्पित करें.
  • अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें.
  • भगवान की आरती करें.
  • भगवान को भोग लगाएं. इस बात का विशेष ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है. भगवान विष्णु के भोग में तुलसी को जरूर शामिल करें. ऐसा माना जाता है कि बिना तुलसी के भगवान विष्णु भोग ग्रहण नहीं करते हैं.
  • इस पावन दिन भगवान विष्णु के साथ ही माता लक्ष्मी की पूजा भी करें. इस दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें.

पढ़ेंः दो शुभ योगों में मनाई जाएगी मासिक शिवरात्रि, इन राशि वालों को होगा विशेष लाभ

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.