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भारत में ओमीक्रोन वेरिएंट मिलने से बूस्टर खुराक की मांग बढ़ी

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Published : Dec 3, 2021, 10:39 PM IST

सार्स कोव-2 वायरस के ओमीक्रोन वोरिएंट का पता चलने के बाद कोविड-19 वैक्सीन की बूस्टर खुराक की मांग में तेजी आई है. ईटीवी भारत से बात करते हुए आईएमए के महासचिव डॉ जयेश एम लेले (IMA secretary general Dr Jayesh M Lele ) ने कहा कि भारत में बूस्टर खुराक की मांग पहले से हो रही है.

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बूस्टर खुराक

नई दिल्ली : सार्स कोव-2 वायरस के ओमीक्रोन वोरिएंट का पता चलने के बाद कोविड-19 वैक्सीन की बूस्टर खुराक की मांग में तेजी आई है. इस बीच इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (Indian Medical Association ) ने कहा है कि फ्रंट लाइन वर्कर्स (frontline health workers), स्वास्थ्य कार्यकर्ता और सह-रुग्णता वाले लोगों के लिए बूस्टर खुराक बहुत आवश्यक है.

ईटीवी भारत से बात करते हुए आईएमए के महासचिव डॉ जयेश एम लेले (IMA secretary general Dr Jayesh M Lele ) ने कहा कि भारत में बूस्टर खुराक की मांग पहले से हो रही है.

लेले ने कहा, 'हम पहले ही सरकार से फ्रंट लाइन हेल्थकेयर वर्कर्स और कॉमरेडिटी वाले लोगों सहित जरूरतमंदों को बूस्टर खुराक देने की अपील कर चुके हैं.' उन्होंने स्वीकार किया कि ओमीक्रोन का पता चलने के बाद इस तरह की बूस्टर खुराक की मांग और बढ़ सकती है.

डॉ लेले ने कहा, 'अब तक मिले वैज्ञानिक सबूत बताते हैं कि ओमीक्रोन गंभीर नहीं है, लेकिन इसमें लोगों को संक्रमित करने की क्षमता अधिक है.'हालांकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अभी तक बूस्टर खुराक की सिफारिश नहीं की है.

स्वास्थ्य मंत्री डॉ मनसुख मंडाविया ने संसद में बताया कि वैज्ञानिक सलाह के बाद बूस्टर खुराक पर निर्णय लिया जा सकता है.उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक सलाह के बाद बच्चों के टीकाकरण पर भी विचार किया जा सकता है.

मंडाविया ने कहा कि जोखिम वाले देशों के 16000 यात्रियों ने कोविड के लिए परीक्षण किया और 18 सकारात्मक पाए गए. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, 'ओमीक्रॉन वेरिएंट के लिए नमूनों की जीनोमिक सीक्वन्सिंग चल रही है.

भारतीय सार्स कोव-2 जीनोमिक सीक्वेंसिंग कंसोर्टियम (Genomic Sequencing Consortium) ने भी सरकार को 40 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों के लिए बूस्टर खुराक पर विचार करने की सिफारिश की है. ... चूंकि मौजूदा टीकों से एंटीबॉडी को बेअसर करने के निम्न स्तर ओमीइक्रोन को बेअसर करने के लिए पर्याप्त होने की संभावना नहीं है, हालांकि गंभीर बीमारी का जोखिम अभी भी कम होने की संभावना है.

इस बीच, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण (Union Health Secretary Rajesh Bhushan) ने मुख्य सचिवों और राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासकों को जारी एक पत्र में ओमीक्रोन के प्रसार को रोकने (contain spread of Omicron) के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों को लागू करने में अतिरिक्त सतर्कता बरतने का सुझाव दिया.

भूषण ने अपने पत्र में कहा, 'हमें सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों को लागू करने में अतिरिक्त सतर्क रहना चाहिए.'

पढ़ें - Omicron Variant पर स्वास्थ्य मंत्री का संसद में बयान, 18 संक्रमितों की जांच जारी

उन्होंने कहा कि विदेश से आने वाले यात्रियों की निगरानी तंत्र के माध्यम से की जानी चाहिए और अंतरराष्ट्रीय यात्रा के दिशा-निर्देशों के अनुसार परीक्षण किया जाना चाहिए. सभी सकारात्मक व्यक्तियों के संपर्क का पता लगाना प्रसार को रोकने की कुंजी रहेगा.

भूषण ने कहा कि एक सकारात्मक व्यक्ति के सभी संपर्कों का 72 घंटों के भीतर पता लगाया जाना चाहिए, उनका पता लगाया जाना चाहिए और उनका परीक्षण किया जाना चाहिए.

स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि देश में कुछ स्थानों से संक्रमण के कुछ समूह सामने आए हैं. भूषण ने अपने पत्र में कहा, 'ऐसे समूहों और हॉटस्पॉट का पता लगाने में सक्रिय निगरानी और परीक्षण (Active surveillance and testing ) महत्वपूर्ण है.'

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